सेंट जोसेफ कान्वेंट ईदगाह हिल्स में स्वतंत्रता दिवस सप्ताह का आयोजन

सुखदेव सिंह अरोड़ा,भोपाल। सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल, ईदगाह हिल्स भोपाल के परिसर में देशभक्ति की भावना स्पष्ट रूप से देखी गई। स्कूल ने वर्ष 2022 में आरंभ किए गए “आजादी का अमृत महोत्सव” को जारी रखते हुए सभी कक्षाओं के लिए विभिन्न गतिविधियों की एक विशेष श्रृंखला का आयोजन किया। कक्षा अनुसार प्रतियोगिताओं के लिए विभिन्न विषय दिए गए थे, जिनसे यह स्पष्ट हो गया कि भारत की विविधता अंततः एक ऐसी अनूठी एकता का उदाहरण है जो दुनिया में शायद ही कहीं और देखने को मिलती हो। इस आयोजन श्रृंखला का विषय भारत की सांस्कृतिक एकता (Cultural Integrity of India) था।

कक्षा एक और दो ने “अतुल्य भारत” (Wonders of India) विषय पर आधारित कविता प्रस्तुत की। विभिन्न कवियों द्वारा लिखी गई विभिन्न भाषाओं, साहित्य, धर्मों, त्योहारों, संगीत, नृत्य, संस्कृतियों, परंपराओं, लोक कला, प्राकृतिक परिदृश्य आदि की विशेषताओं को व्यक्त करने वाली कविताओं को छोटे बच्चों द्वारा अभिनय के साथ कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। संदेश स्पष्ट था कि यह महान भूमि वो स्थान है जो पूरी मानवता का स्वागत करती है और सभी को भाईचारे की भावना में बाँधती है।

कक्षा तीन और चार ने जर्नी ऑफ क्वेस्ट (Journey ऑफ Quest) थीम पर आधारित भारत के विभिन्न राज्यों की समृद्ध संस्कृति को दर्शाती झांकियां प्रस्तुत कीं। विद्यार्थियों ने अपने द्वारा चित्रित राज्य विशेष की पारंपरिक पोशाकें पहनकर इन राज्यों की वेशभूषा, त्यौहार, भोजन, प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थानों और व्यक्तित्वों आदि की जीवंत प्रस्तुति दी, और दो घंटे के अंतराल में अपने अभिनव तरीके से एक लघु भारत को मंच पर प्रस्तुत कर दिया।कक्षाओं द्वारा मध्य प्रदेश, केरल, उत्तराखंड, डेक्कन, गुजरात, असम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और गोवा पर झांकियाँ प्रस्तुत की गईं।

कक्षा पांच और छः ने साउंड्स ऑफ कल्चर (Sounds ऑफ Culture) थीम पर लयबद्ध नृत्य के साथ मंच पर धूम मचा दी। छत्तीसगढ़, बंगाल, पंजाब, राजस्थान, गुजरात जैसे विभिन्न राज्यों के लोक नृत्यों के साथ-साथ पंचतत्व, देशभक्ति और नए भारत का नया रूप जैसे पौराणिक और राष्ट्रीय विषयों का मंचन ताल और शानदार संगीत पर किया गया।

राज्यों में जातीय विविधता विषय पर नाटक प्रस्तुत करने में कक्षा सातवीं और आठवीं एक कदम आगे रहीं। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने के लिए नाटकों के माध्यम से राजस्थान, असम, बिहार, गोवा, उत्तर प्रदेश जैसे भारतीय राज्यों की अनूठी आंचलिक सुंदरता के साथ-साथ भाषा, त्योहारों, वेश-भूषा, शादियों आदि में विविधता का रंगारंग प्रदर्शन किया गया।

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