माथे पर तिलक, हाजिरजवाबी, शायराना और बेबाक अंदाज बना नरोत्तम मिश्रा की पहचान
भोपाल सुखदेव सिंह अरोड़ा।
नरोत्तम मिश्रा मध्यरप्रदेश की राजनीति का वो ब्राह्मण चेहरा जो अपनी राजनीतिक और प्रशासनिक क्षमता के लिए जाना जाता है। नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद दूसरे नंबर की हैसियत रखते हैं। बीजेपी के कद्दावर नेता और दतिया सीट से विधायक नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश में शिवराज कैबिनेट का सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालय गृह और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। कमलनाथ सरकार को सत्ता से बेदखल करने के ऑपरेशन लोटस में नरोत्तम मिश्रा की अहम भूमिका मानी जाती है। राजनीतिक सफर की बात करें तो डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत कॉलेज के समय से ही कर दी थी। साल 1977-78 में वह पढ़ाई के साथ-साथ राजनीति के मैदान में उतरे और जीवाजी विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के सचिव बने। इसके बाद नरोत्तम मिश्रा ने फिर पलटकर नहीं देखा और सियासी बुलंदी पर सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ते गए, और लगातार 6वीं बार बीजेपी से विधायक बने।
दतिया सीट से छह बार के विधायक नरोत्तम मिश्रा का जन्म 15 अप्रैल, 1960 को ग्वालियर में हुआ और उनके पिता का नाम डॉ. शिवदत्त मिश्रा है। आरएसएस और एबीवीपी से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले नरोत्तम मिश्रा मिलनसार होने की वजह से लोगों के बीच आसानी से घुल मिल जाते हैं। उन्होंने राजनीति के मैदान में वर्चस्व कायम करते हुए अलग ही स्थान बनाया है। 1977 में छात्रसंघ के सचिव बनने बाद बीजेपी युवा मोर्चा के प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे. इसके बाद साल 1985-87 में एमपी भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य बने।
मध्यप्रदेश की सियासत में नरोत्तम मिश्रा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के भरोसेमंद माने जाते हैं। यही वजह थी कि दिसंबर 2005 को शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने नरोत्तम मिश्रा पर भरोसा जताते हुए अपने मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में उन्हें शामिल किया। इसके बाद से लगातार शिवराज सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालते आ रहे हैं। डबरा विधानसभा आरक्षित होने की वजह से दतिया विधानसभा क्षेत्र से साल 2013 और 2018 के चुनाव लडे़ और जीत दर्ज कर विधायक बने।
बीजेपी के संकटमोचक…
मध्य प्रदेश की सियासत में बीजेपी पर जब भी परेशानी आई है तो नरोत्तम मिश्रा संकटमोचक के रूप में खड़े नजर आए हैं। 2018 के चुनाव में संख्या बल में कांग्रेस से पिछड़ने के बाद विपक्ष में बैठने वाली बीजेपी को सत्ता दिलाने में नरोत्तम मिश्रा का अहम किरदार रहा है। नरोत्तम मिश्रा का पार्टी में कद इतना बढ़ गया है, इसी के नतीजा है कि कमलनाथ की सत्ता के बाद नरोत्तम मिश्रा को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में भी देखा जा रहा था, लेकिन शिवराज कमान मिलने के बाद उन्हें नंबर दो की हैसियत के रूप में रखा गया है।
मध्य प्रदेश में 15 महीने की कमलनाथ नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में निशाने पर नरोत्तम मिश्रा रहे हैं। उन्होंने सियासी प्रताड़ना का भी शिकार होना पड़ा था। कमलनाथ सरकार ने उनके खिलाफ कई जांच करायी थी, लेकिन मैदान नहीं छोड़ा। इसके बाद नरोत्तम मिश्रा ने जोड़-तोड़ की राजनीति को भी एक नई दिशा दी और कमलनाथ विरोधियों को लामबंद किया।
शिवराज ने नरोत्तम को गृह मंत्री के तौर पर दूसरे बड़े मंत्रालय से नवाजा तो कोरोना काल में उन्हें स्वास्थ्य विभाग की चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी सौंप रखी है। नरोत्तम भी उस ग्वालियर चंबल क्षेत्र के दतिया का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर केंद्रीय राष्ट्रीय राजनीति में बड़ा चेहरा हैं। नरोत्तम मिश्रा और नरेंद्र सिंह तोमर और सिंधिया की तिकड़ी मध्य प्रदेश की सियासत में ग्वालियर-चंबल में बीजेपी के कद्दावर नेता हैं।
हर मुद्दे पर बेबाकी से रखते हैं बयान, शायरना अंदाज भी बनाता है सबसे जुदा…
नरोत्तम मिश्रा अपने बेबाक बयानों और शायराना अंदाज के चलते हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। मुद्दा चाहे राजनीतिक हो या गैर राजनीतिक नरोत्तम मिश्रा उस पर हमेशा खुलकर बात कहते हैं। नरोत्त म मिश्रा अपने बयानों से विरोधियों पर इस तरह वार करते हैं कि, विरोधी भी उनके सामने नतमस्तक हो जाते हैं। खासतौर पर हिंदुत्व के मुद्दे पर नरोत्तम मिश्रा के बयान हमेशा मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनते हैं।
नरोत्तम मिश्रा के चर्चित बयानों के बाद हुई कार्रवाई…
नरोत्तमम मिश्रा ने प्रदेश के मदरसों में पढ़ाये जाने वाली सामग्री को लेकर बयान दिया की स्क्रूटनी करवाने पर सरकार विचार कर रही है, यह बात उन्होंने तब कही जब प्रदेश के कुछ मदरसों में बच्चों को आपत्तिजनक कंटेंट पढ़ने से संबंधित विषय सामने आया। महाकाव्य रामायण पर आधारित बॉलीवुड फिल्म ‘आदि पुरुष’ के निर्माताओं को चेतावनी दी थी कि अगर हिंदू धार्मिक हस्तियों को ‘ग़लत’ तरीके से दिखाने वाले दृश्यों को नहीं हटाया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिसके बाद फिल्म़ निर्माताओं ने इन दृश्योंल को हटाया था। फ़िल्म निर्माता लीना मणिमेकलई की डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ के एक पोस्टर को लेकर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिये थे।
खरगोन में हुए दंगे के बाद नरोत्तम मिश्रा ने कहा था, “जिस घर से पत्थर आए हैं, उन्हें पत्थर का ढेर बना देंगे”. यह बात उन्होंने खरगोन में रामनवमी जुलूस के बाद कथित तौर पर हुई पत्थरबाजी की घटना के बाद कही थी।
डाबर कंपनी के ‘करवा चौथ’ विज्ञापन को निशाना बनाने के बाद मिश्रा ने डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी को मंगलसूत्र सहित आभूषणों की एक नई रेंज का एक विज्ञापन वापस लेने के लिए 24 घंटे का ‘अल्टीमेटम’ भी जारी किया था, जिसके बाद इस विज्ञापन को कंपनी ने हटा लिया था।
मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक बना कानून…
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन मध्य प्रदेश में धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2021 पारित हो गया. धर्म स्वतंत्रता विधेयक पर चर्चा करते हुए गृह एवं संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमने जो बोला वो किया है. वहीं इस कानून को बनाने के बाद महिलाओं को काफी राहत मिली।
शक्तिशाली हुआ पुलिस प्रशासन…
शहरों को अपराध मुक्त रखने और पुलिस के अधिक पॉवर देने वाली कमिश्नर प्रणाली भोपाल और इंदौर में डॉ. मित्रा के ही कार्यकाल में लागू हुई। इससे अपराधियों पर नियंत्रण करने में पुलिस की अधिक पावर मिली। साइबर अपराधों पर लगाम लगाने और लोगों को जागरूक करने के लिए 1 लाख से अधिक लोगों को साइबर सुरक्षा पर आधारित सेमिनार में बुलाकर जागरूक किया गया। इसी के साथ रेडियो यूट्यूब इंस्टाग्राम और पोस्टर के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाने कार्यक्रम आयोजित किए गए सभी पुलिस अधीक्षक कार्यालयों में साइबर अपराधों के अनुसंधान व सहायता हेतु एडवांस टेक्निकल सेल की स्थापना की गई ई एफआईआर की सुविधा शुरू की गई।
अपराध मुक्त होने की दिशा में बढ़ रहा प्रदेश…
मप्र के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के कार्यकाल में जहां अपराधियों पर लगाम लगी है। वहीं सनातन धर्म पर उंगली उठाने वालों पर भी वे सख्त तेवर दिखाते नजर आए हैं। गरीब असहाय लोगों की सहायता हो या फिर संकट में फसे प्रदेशवासी अपने अदम्य साहस और प्रेम के बल पर डॉ. मिश्रा ने हमेशा ही हम सबका दिल जीता है। उनके कार्यकाल में प्रदेश अपराध मुक्त होने की दिशा में काम कर रहा है। कही प्रदेश में आकर सनातन धर्म पर टिप्पणी करने से पहले वामपंथी 100 बार सोच रहे हैं।
अपराधियों पर लगाम…
प्रदेश की सियासत में संकटमोचक माने जाने वाले डॉ नरोत्तम मिश्रा वैसे तो हर वर्ग और हर समुदाय के चहेते हैं, लेकिन गृहमंत्री बनते ही उनके सख्त तेवरों को देख आम जनसमुदाय उनकी कार्यशैली का दीवाना हो गया है। पिछले साल 2021 में गृहमंत्री के मार्गदर्शन में आम लोगों की जमीनों पर कब्जा करने वाले 1705 भू माफियाओं को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान अवैध शराब के भी 139556 मामले दर्ज किए गए। खास बात यह रही कि इन भूमाफियाओं और दुर्दान्त अपराधियों की अवैध संपत्तियों को बुलडोजर से ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई। चिटफंड कंपनियों द्वारा 55774 निवेशकों से ठगे गए 179.50 करोड़ रुपए वापिस दिलवाए गए। इस अवधि में पुलिस विभाग द्वारा 15114 गुम बच्चों को भी वापिस ढूंढ लिया गया। इस कार्यकाल में 42 नए महिला थाने, 52 मानव व्यापार विरोधी इकाई और 700 कर्जा महिला डेस्क की स्थापना भी की गई। महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षा सुनिश्चित करते 4500 गुम बालिकाओं को मकुशल उनके घर पहुंचाया गया। अनुसूचित जाति और जनजाति के भाई-बहनों को न्याय मिले। इसके लिए इन जातियों से होने वाले हॉटस्पॉट क्षेत्रों को चिन्हित कर अपराधों में कमी लाने के लिए निरंतर काम किया जा रहा है। वहीं अनुसूचित जनजाति के भाई बहनों को भड़काने वाले संगठनों पर कड़ी नजर रख उन पर लगातार कार्रवाई की जा रही है।
आतंक मुक्त मप्र बनाने की पहल…
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के नेतृत्व में मप्र पुलिस लगातार अपराधियों पर सख्त कार्रवाई कर रही है। साथ ही मप्र को नक्सलवाद मुक्त और आतंकी संगठनों के मसूर नाकाम करने में भी लगातार काम कर रही है। मप्र पुलिस ने वर्ष 2020 से अब तक लगभग 82 लाख रुपए के इनामी नक्सलवादियों को या तो सलाखों के पीछे पहुंचा दिया या फिर उन्हें मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इस पूरी कार्रवाई में अपनी जान जोखिम में डाल अपने कर्तव्य का निर्वहन करने वाले 100 पुलिस पुलिसकर्मियों को क्रम से पूर्व ही पदोन्नत कर दिया गया। वहीं रतलाम में आतंकी संगठन अल सफा के इनामी आतंकी इमरान को भी गिरफ्तार किया गया और संगठन को जड़ से उखाड़ फेंका गया। वहीं मार्च माह में बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिद्दीन के 4 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया।
लेखक- भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के प्रदेश प्रवक्ता है