मीसाबंदी तपन भौमिक का सम्मान, लोकतांत्रिक मूल्यों पर विचार साझा
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में माता-बहनों को सर्वोच्च सम्मान दिया गया है। राज्य सरकार नारी सशक्तिकरण के लिए संकल्पित है और इस दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि आज नरसिंहपुर जिले में एसपी और कलेक्टर दोनों पदों पर महिला अधिकारी कार्यरत हैं। शहडोल संभाग की संभागायुक्त भी महिला हैं और प्रदेश की मुख्य सचिव भी महिला अधिकारी रह चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर मध्यप्रदेश विशेष रूप से संवेदनशील राज्य है और यह देश का पहला राज्य है, जिसने दुष्कर्म के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान किया। डॉ. यादव गुरुवार को पीपुल्स यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम, भोपाल में भाजपा महिला मोर्चा द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय महिला मॉक पार्लियामेंट को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, महापौर मालती राय, सांसद वी.डी. शर्मा, राज्यसभा सांसद माया नारोलिया, प्रदेश प्रवक्ता नेहा बग्गा, विधायक हेमंत खंडेलवाल, हितानंद शर्मा सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों की छात्राएं उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने मीसाबंदी तपन भौमिक को तुलसी पौधा और अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि महिला मॉक पार्लियामेंट युवाओं के लिए एक वैचारिक मंच है, जिससे उनमें देश की राजनीतिक व्यवस्था की गहरी समझ विकसित होती है। डॉ. यादव ने कहा कि संविधान की भावना और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना हर नागरिक का दायित्व है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को 50 साल पहले देश में लगे आपातकाल के इतिहास से परिचित कराना जरूरी है, ताकि वे लोकतांत्रिक अधिकारों की महत्ता समझ सकें। डॉ. यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए दिए गए योगदान को भी याद किया। उन्होंने प्रतिभागी छात्राओं से बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों, धारा 370, तीन तलाक, आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्यवाहियों, संविधान संशोधनों और राजनीतिक मंशा के औचित्य जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की।