भोपाल -साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग का आयोजन राज्य संग्रहालय में आयोजित किया गया! सृजन संवाद के अंतर्गत अर्द्धांग “स्त्री विमर्श का भारतीय प्रतिमान” विषय पर व्याख्यान, एवं काव्य पाठ के साथ सांगीतिक प्रस्तुति दी गई! शत्र का शुभारंभ साहित्य अकादमी के निदेशक डॉक्टर विकास दवे एवं अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया! कार्यक्रम में पधारे अतिथियों का साहित्य अकादमी के निदेशक डॉक्टर विकास दवे जी द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया प्रथम सत्र के दौरान सृजन संवाद के तहत कार्यक्रम अर्द्धांग स्त्री विमर्श का भारतीय प्रतिमान विषय पर रक्षा चौबे ने व्याख्यान दिया वही अगले सत्रों में रचनाकारों ने अपना रचना पाठ किया
अदा सांसों की कीमत कर मुझे अपना बनाया है
चले जब-जब सिवा तेरे सभी ने आजमाया है
सफ़र है बेखुदी का और मंज़िल तक है तन्हाई
तुझे ही छोड़कर आए तुझे ही पास पाया है
ज़मीं ये हिन्द की है और यहीं ऐलान करते हैं
न्यौछावर हम तिरंगे पर हमेशा जान करते हैं
ज़माने में वही चमकेंगे बनकर एक दिन सूरज
सदा माता-पिता गुरुओं का जो सम्मान करते हैं
– अपूर्वा चतुर्वेदी
गीतकार, सतना सुखों के खज़ाने रहे जिनके रीते
वनों में भटक कर दिनोंरात बीते
बनाया है उनको ही आदर्श मैंने
जनकनन्दिनी वो हैं रघुवर की सीते।
शिवांगी शर्मा प्रेरणा उसने जो जो कहा मैं वही हो गयी
वो दिया बन गया रोशनी हो गयी
वो बदलता रहा मुझको खुद के लिए वो किनारा हुआ मैं नदी हो गयी
प्रार्थना पंडित ने अपना रचना पाठ किया वही समापन सत्र में मधुर शर्मा द्वारा संगीतमय प्रस्तुति में नवरात्रि, ये वीर बालाएं सोनी सुगंधा की रचना एवं मैथिलीशरण गुप्त की रचना मस्तक ऊंचा एवं घोर रात में भी डॉक्टर कविता भट्ट की रचना तथा हरीश नारंग की सजग सचेत एवं पुष्प की अभिलाषा माखनलाल चतुर्वेदी जी एवं सुमित्रानंदन पंत की रचना जननी जन्मभूमि तथा सुभद्रा कुमारी चौहान की रचना झांसी वाली रानी रचना का सु मधुर संगीत के साथ मधुर शर्मा की टीम द्वारा शानदार प्रस्तुति दी गई ! संगीतमय प्रस्तुति के पूर्व मधुर शर्मा ने कहा कि हम विशेष रुप से हिंदू सनातन धर्म संस्कृति में नवरात्रि शक्ति पर्व के रूप में हम सभी मनाते हैं मां जगदंबा मातृ शक्ति के रूप में हम सभी पर कृपा करती हैं आज के जीवन और सामाजिक वातावरण से जुड़ी हुई बहुत ही खूबसूरत कृति कवियत्री सोनी सुगंधा के कर कमलों से लिखी नवरात्रि रचना जिन्होंने मातृशक्ति को बहुत ही चेतना के साथ लिखा है प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूं वही राष्ट्रीय चेतना से ओतप्रोत अन्य रचनाकारों द्वारा लिखित रचनाएं प्राप्त हुई जिनको संगीत बद्ध कर प्रस्तुत करने का अवसर पर प्राप्त हुआ !
उक्त आयोजन में काफी संख्या में साहित्य गीत संगीत प्रेमी उपस्थित रहे प्रेरणा प्रद इस कार्यक्रम का उपस्थित लोगों ने भरपूर आनंद लिया हाल तालियों से गूंजता रहा सभी रचनाकारों की प्रस्तुति के दौरान उपस्थित लोगों ने उत्साहवर्धन किया वही इस कार्यक्रम के सराहना की कार्यक्रम के दौरान रचनाकारों की लिखित पुस्तकों का विमोचन किया गया जिसमें भारतीय तीर्थ दर्शन समग्र ओमप्रकाश खुराना, राजेश सत्यम का कविता संग्रह अक्षर से अर्थ तक एवं मैं हूं मस्त मलंगा सीलेश तिवारी “शील ,” एवं मन मुकुल काव्य संग्रह डॉक्टर मीणा गोण्डे ,तथा डॉक्टर माया दुबे की कृति शोध प्रविधि का विमोचन किया गया ! कार्यक्रम का संचालन शशि बंसल ने किया एवं आभार व्यक्त साहित्य अकादमी के निदेशक डॉक्टर विकास दवे ने किया! इस अवसर पर वरिष्ठ गीतकार दिनेश प्रभात कवि एवं गीतकार राजेश व्यास स्नेही डॉ हरि बल्लभ शर्मा, राखी गुप्ता, निधि राजपूत, अखिलेश मालवीय, राकेश सिंह, बलभद्र बुंदेला, भाषित दीक्षित, स्वप्निल श्रीवास्तव, बेबी भाव्या मालवीय, हेमंत चौबे सहित साहित्य गीत संगीत प्रेमी उपस्थित थे।