भोपाल साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग, भोपाल द्वारा अखिल भारतीय 13 (तेरह) एवं प्रादेशिक 15 (पन्द्रह) कृति पुरस्कार कैलेण्डर वर्ष 2021 के पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। अखिल भारतीय प्रति पुरस्कार रुपये 1,00,000/- (रुपये एक लाख) एवं प्रादेशिक प्रति पुरस्कार रुपये 51,000/- (रुपये इक्यावन हजार) के साथ शाॅल, श्रीफल, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति के साथ रचनाकारों को अलंकृत किया जाता है। इनमें मध्यप्रदेश लेखक संघ के अनेक सदस्यों की कृतियों का चयन किया गया है ।
इनमें अखिल भारतीय पं. भवानी प्रसाद मिश्र (गीत एवं हिन्दी गजल) डाॅ. रामवल्लभ आचार्य-भोपाल की कृति ‘मैं तुम्हारी बाँसुरी हूँ’,अखिल भारतीय विष्णु प्रभाकर (आत्मकथा-जीवनी) दिनेश पाठक-ग्वालियर की कृति ‘पं. रविशंकर नव्यता के नायक’, 9. अखिल भारतीय निर्मल वर्मा (संस्मरण) प्रो. अजहर हाशमी-रतलाम की कृति ‘संस्मरण का संदूक समीक्षा के सिक्के का चयन किया गया है ।
प्रादेशिक राजेन्द्र अनुरागी (डायरी) दिनेश प्रभात-भोपाल की कृति ‘आये हैं तो काटेंगे…’, प्रादेशिक पं. बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ (प्रदेश के लेखक की पहली कृति) राजेन्द्र गट्टानी-भोपाल की कृति ‘युग का गरल पिया करते हैं’, प्रादेशिक ईसुरी (लोकभाषा विषयक) प्रमोद भार्गव-शिवपुरी की कृति ‘सहरिया आदिवासी’,प्रादेशिक हरिकृष्ण देवसरे (बाल साहित्य) डाॅ. अर्जुन दास खत्री-भोपाल की कृति ‘मैं छोटा सा प्यारा बच्चा’, प्रादेशिक जैनेन्द्र कुमार ‘जैन’ (लघुकथा) डाॅ. अखिलेश बार्चे-खरगोन की कृति ‘जो देखा अपने आसपास’, प्रादेशिक शरद जोशी (व्यंग्य) डाॅ. पिलकेन्द्र अरोरा-उज्जैन की कृति ‘श्री गूगलाय नमः’, प्रादेशिक वीरेन्द्र मिश्र (गीत) कुँअर उदयसिंह ‘अनुज’-खरगोन की कृति ‘मन का हरसिंगार’ को दिया जाएगा।