भोपाल। शासन को राजस्व का भारी नुकसान पहुँचाने वाले फर्जी स्टाम्प और उपयोग किए जा चुके चिपकने वाले स्टाम्प को दोबारा बेचने वाले एक संगठित गिरोह का थाना एमपी नगर पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर बड़ी मात्रा में नकली और कुटरचित स्टाम्प, कोरे स्टाम्प पेपर, हरे–सफेद पेपर, नोटरी सील, स्टाम्प रजिस्टर और अन्य दस्तावेज जप्त किए हैं। इस कार्रवाई में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई मुख्य आरोपी फरार हैं।
पुलिस को 18 नवंबर को मुखबिर से सूचना मिली कि एमपी नगर के सारनाथ कॉम्प्लेक्स में स्थित ए.एम. इंटरप्राइजेज और मामा चेम्बर्स नाम की दुकानों से लंबे समय से फर्जी स्टाम्प बेचे जा रहे हैं। सूचना पर थाना एमपी नगर पुलिस मौके पर पहुँची, जहाँ ए.एम. इंटरप्राइजेज में प्रीतम प्रजापति नामक युवक दुकान पर बैठा मिला। दुकान की तलाशी में उपयोग किए हुए चिपकने वाले स्टाम्प, स्टाम्प वेंडर के कोरे स्टाम्प पेपर, नोटरी के हस्ताक्षर वाले हरे और सफेद पेपर, नोटरी सील और स्टाम्प रजिस्टर बरामद हुए। प्रारंभिक पूछताछ में प्रीतम ने खुलासा किया कि दुकान मालिक आकाश साहू और विकास साहू लंबे समय से इस अवैध कारोबार में शामिल हैं। उनके साथ स्टाम्प वेंडर सुषमा साहू और नोटरी के रूप में हैमेन्द्र तिवारी व पवन प्रकाश शर्मा भी जुड़े हुए हैं, जो कोरे स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर कर देते थे, जिन्हें बाद में नकली दस्तावेज़ तैयार करने में उपयोग किया जाता था। दुकान में पुराने स्टाम्प को साफ-सुथरा कर दोबारा बेचने का काम भी किया जाता था।
इसके बाद पुलिस टीम मामा चेम्बर्स पहुँची, जहाँ दुकान बंद मिली, लेकिन वहां काम करने वाला नरेश शहरिया मौजूद था। नरेश ने बताया कि दुकान मालिक गणेश लोंगरे और उसका बेटा रोहित लोंगरे उपयोग हो चुके चिपकने वाले स्टाम्प को कुटरचित कर बेचते हैं और बिना सरकारी राजस्व जमा किए नकली स्टाम्प के ज़रिए अवैध धन कमाते हैं। पुलिस ने पुरानी विधानसभा के सामने स्थित ए.एम. इंटरप्राइजेज की दूसरी दुकान पर भी छापा मारा, जहाँ जतीन साहू स्टाम्प बेचते हुए मिला। वहां से भी बड़ी मात्रा में उपयोग किए गए स्टाम्प, नोटरी हस्ताक्षर वाले पेपर और स्टाम्प रजिस्टर जप्त किए गए।
कार्रवाई आगे बढ़ाते हुए पुलिस टीम ने 10 नंबर क्षेत्र में रहने वाले आरिफ अफजल अली के घर पर भी छापा मारा। आरिफ पिछले तीस वर्षों से स्टाम्प बेचने का दावा करता है और उसके घर से भी उपयोग किए गए स्टाम्प, फर्जी स्टाम्प की फोटोकॉपी, स्टाम्प रजिस्टर और नकली दस्तावेज़ बनाने के उपकरण बरामद किए गए। जांच में सामने आया कि आरिफ भी उपयोग किए हुए स्टाम्प को असली की तरह तैयार कर दोबारा बेच रहा था।
पुलिस ने छापेमारी में बरामद सभी सामग्री जप्त कर प्रीतम प्रजापति, नरेश शहरिया, जतीन साहू और आरिफ अफजल अली को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि इस मामले में आकाश साहू, विकास साहू, स्टाम्प वेंडर सुषमा साहू, नोटरी हैमेन्द्र तिवारी, नोटरी पवन प्रकाश शर्मा, गणेश लोंगरे और रोहित लोंगरे फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह लंबे समय से शहर में नकली और उपयोग किए हुए स्टाम्प बेचकर बड़े पैमाने पर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुँचा रहा था।