भोपाल। एम्स के आयुष विभाग द्वारा “महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु योग” विषयक सतत चिकित्सा शिक्षा सेमिनार (CME) “तत्व-2024” का आयोजन सरदार वल्लभ भाई पटेल भवन में लेक्चर हॉल में किया गया। जिसमे एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में योग को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने खराब लाइफ स्टाइल के कारण निरंतर बढ़ रहे गैर संचारी रोगों के विषय में चिंता जाहिर की। उन्होंने एम्स में मिल रहे उपचारों में योग को एसओपी बनाकर इलाज का अभिन्न अंग बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने मेडिकल के छात्र छात्राओं से लेकर वार्डों में भर्ती मरीजों तक योग का सीधा फायदा पहुंचाने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के 100 से अधिक लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ अनुज जैन, एडिशनल प्रोफेसर (एनेस्थिसियोलॉजी, एम्स भोपाल) ने बताया कि सबसे ज्यादा महिलाओं में पीठ दर्द और घुटनों के दर्द की संभावना उनके गलत पास्चर के कारण होती होती है और सही प्रकार से योग, ध्यान व प्राणायाम करना महिलाओं को सशक्त बनाकर इस प्राकृतिक असुविधा को दूर करने में मदद कर सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में योग के माध्यम से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से भी बचा जा सकता है और विशेष रूप से महिलाओं के लिए आज के समय में योग करना कितना जरुरी है। CME का दूसरा व्याख्यान एम्स भोपाल की फिजिओलॉजी विभाग की एडिशनल प्रोफेसर, डॉ रागिनी श्रीवास्तव ने दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि दीर्घकालिक रोगों के प्रबंधन में योग और प्राकृतिक चिकित्सा का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। कुंजल क्रिया के द्वारा मासिक धर्म संबंधी गड़बड़ियों का उपचार एम्स में किया जाता है। उन्होंने बताया कि योग में किया जाने वाला सूक्ष्म व्यायाम, समस्त अंगों में रक्त संचार को बढ़ाकर हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बड़ा प्रभाव डालता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ रंजना पांडे द्वारा किया गया। अंत में डॉ दानिश जावेद ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।