एम्स भोपाल में हड्डी रोग विभाग द्वारा आज 14 जून 2024 को क्लबफुट जागरूकता और प्रबंधन माह के सिलसिले में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने बच्चों में क्लबफुट से होने वाली विकलांगता से मुक्ति के लिए उचित उपचार के महत्व पर जोर दिया। क्लबफुट एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चों का पैर अंदर की ओर मुड़ जाता है। इस तरह के पैर से चलना मुश्किल हो जाता है और विकलांगता दैनिक जीवन की गतिविधियों को प्रभावित करती है। प्रोफेसर सिंह ने बताया कि प्लास्टर उपचार का केवल 25% हिस्सा है, और बाकी 75% हिस्सा क्लब फुट की उपचार का देखभाल है। उन्होंने कहा इसे पहले सामाजिक कलंक के रूप में देखा जाता था, इसलिए समाज में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है कि इस बीमारी का इलाज संभव है।
इस अवसर पर एम्स भोपाल में आर्थोपेडिक्स विभाग के प्रमुख डॉ रेहान-उल-हक ने ऐसे बच्चों जो क्लब फुट की समस्या से ग्रसित थे, उनके माता-पिता को जागरूक किया। क्लब फुट विकृति वाले बच्चों ने प्रोफेसर डॉ अजय सिंह के साथ केक काटकर जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की। क्योर इंडिया संस्था ने इस क्लबफुट जागरूकता और प्रबंधन माह कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। कुछ माता-पिता जिनके बच्चे क्लबफुट से पीड़ित थे और पोंसेटी पद्धति से लाभान्वित हुए थे, उन्होंने अपने विचार और अनुभव भी साझा किए।