साइबर क्राइम कंट्रोल के लिए तीन दिन की कार्यशाला का आयोजन

वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा साइबर क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिसकर्मियों की कार्यकुशलता, कार्यक्षमता एवं तकनीकी नॉलेज बढ़ाने के लिए 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षित पुलिस साइबर अपराधों में विवेचक की करेंगे मदद। थानों में संचालित साइबर हेल्प डेस्क में टीम वर्क में कार्य करेंगे प्रशिक्षित पुलिसकर्मी। नगरीय पुलिस भोपाल के कुल 37 थानों में 01 दिसंबर से संचालित है साइबर हेल्प डेस्क। साइबर हेल्प डेस्क के सफल क्रियान्वयन हेतु लगभग 400 पुलिसकर्मियों पूर्व में किया जा चुका है प्रशिक्षित।

मोबाइल एवं इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के कारण दिनों-दिन बढ़ रही साइबर अपराधों की घटनाओं पर अंकुश लगाने तथा आगामी समय में आने वाली साइबर चुनौतियों से निपटने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी एवं पुलिस महानिदेशक महोदय की मंशानुसार भोपाल शहर के सभी थानों में 1 दिसंबर 2024 से साइबर हेल्प डेस्क का शुभारंभ किया जा चुका है।

चूंकि साइबर अपराध में दिनों दिन बढ़ोत्तरी होती जा रही है। पूर्व में आमज़न को साइबर धोखाधड़ी की शिकायत हेतु साइबर शाखा जाकर आवदेन देना पड़ता था। शहर में एक ही साइबर थाना होने से पीड़ितों को शिकायत हेतु साइबर थाने जाने में काफी समय लगता था और काफी परेशानी होती थी।

साथ ही विगत कुछ वर्षों में साइबर अपराधों में बेतहासा वृद्धि होने से साइबर शाखा में शिकायतें पेंडिंग हो रही है। इन सभी बिंदुओं को मद्देनजर रखते हुए एवं आमजन की सहूलियत को दृष्टिगत रखते हुए दिनाँक 01 दिसंबर से आवेदक/पीड़ित 5 लाख रुपये तक की धोखाधड़ी/ठगी की शिकायत सम्बंधित थानों में कर रहे हैं।

प्रशिक्षण के अवसर पर पुलिस उपायुक्त क्राइम श्री अखिल पटेल ने बताया कि साइबर क्राइम आने वाले वक़्त में पुलिस और आमजनों के लिए बहुत बड़ी चुनौती बनेगी, साइबर ठग दिनों दिन विभिन्न तरीकों से आमजनों को ठग रहे हैं। थानों में प्राप्त शिकायत पर तत्काल वैधानिक कार्यवाही कर पीड़ित की मदद करें तथा कार्यकुशलता का उपयोग करते हुए तकनीकी नॉलेज के आधार पर इनवेस्टिगेशन करें और अपराध की तह तक जाये। जरूरत पड़ने पर साइबर तकनीकी टीम या साइबर फोरेंसिक लैब की मदद लें। प्रशिक्षण में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त शैलेन्द्र सिंह चौहान ने साइबर क्राइम अनुसंधान में आने वाली तकनीकी दिक्कतें, दीगर प्रदेशों से समन्वय तथा अनुसंधान के दौरान एकत्रित किए जाने वाले डिजिटल साक्ष्य, दस्तावेज़ इत्यादि के सम्बंध में सारगर्भित मार्गदर्शन दिया।

उल्लेखनीय है पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों की कार्यकुशलता, तकनीकी नॉलेज बढ़ाने एवं उत्कृष्ट अनुसंधान हेतु नगरीय पुलिस भोपाल के 37 थानों के निरीक्षक से आरक्षक स्तर के लगभग 400 अधिकारी/कर्मचारी को पूर्व में 6 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में NCCRP, JMIS एवं CEIR पोर्टल तथा साइबर क्राइम की रोकथाम, टेक्निकल एनालिसिस, पब्लिक अवेयरनेस, इन्वेस्टिगेशन इत्यादि से संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया था।

इसी क्रम में आज 9 से 12 दिसंबर तक 3 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र चलाया जा रहा है, जिसमें साइबर क्राइम की टेक्निकल टीम द्वारा प्रशिक्षण के दौरान साइबर क्राइम की शिकायत को किस प्रकार से पोर्टल पर अपलोड करना, फेसबुक, Instagram, x इत्यादि से जानकारी मंगाना एवं बैंक से अकाउंट डिटेल, डाटा रिकवरी, सीडीआर एनालिसिस, इ-साक्ष्यों एवं फिजिकल साक्ष्य को एकत्रित करना, अपराधियों की गिरफ्तारी, रिमांड, इत्यादि में सम्बंध में बारीकी से बताया गया।

साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:-

क्या करें:- 

1. मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें: अपने ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें।

2. दो-कारक प्रमाणीकरण का उपयोग करें: दो-कारक प्रमाणीकरण का उपयोग करें, जो आपके अकाउंट्स की सुरक्षा को बढ़ाता है।

3. वायरस स्कैनर का उपयोग करे: अपने कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइस पर वायरस स्कैनर सॉफ्टवेयर का उपयोग करें।

4. सुरक्षित वेबसाइट्स पर जाएं: केवल सुरक्षित वेबसाइट्स पर जाएं, जिनके URL में “https” होता है।

5. सोशल मीडिया पर सावधानी बरतें: सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और अज्ञात लोगों से दोस्ती न करें।

6. नियमित रूप से अपने अकाउंट्स की जांच करें: अपने बैंक अकाउंट्स, क्रेडिट कार्ड अकाउंट्स, और अन्य ऑनलाइन अकाउंट्स की नियमित रूप से जांच करें।

7. साइबर अपराधों की रिपोर्ट करें: यदि आपको लगता है कि आपके साथ साइबर अपराध हुआ है, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल को रिपोर्ट करें।

क्या न करें:-

1.अज्ञात लिंक्स पर क्लिक न करें: अज्ञात लिंक्स पर क्लिक न करें, क्योंकि वे मैलवेयर या फ़िशिंग हमलों का कारण बन सकते हैं।

2. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: ऑनलाइन अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें, जैसे कि आपका पता, फोन नंबर, या बैंक खाता विवरण।

3. अज्ञात ईमेल्स का जवाब न दें: अज्ञात ईमेल्स का जवाब न दें, क्योंकि वे फ़िशिंग हमलों का कारण बन सकते हैं।

4. अज्ञात सॉफ्टवेयर न डाउनलोड करें: अज्ञात सॉफ्टवेयर न डाउनलोड करें, क्योंकि वे मैलवेयर या वायरस का कारण बन सकते हैं।

5. सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क्स का उपयोग न करें : सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क्स का उपयोग न करें, क्योंकि वे असुरक्षित हो सकते हैं।

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