पुलिस ने एम्स की पार्किंग से दो पहिया वाहन चोरी करने वाली गैंग का किया खुलासा

140 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस पहुंची आरोपियों तक 

भोपाल के दर्जनों थानों से चोरी गई 45 दो पहिया वाहन बरामद

थाना बागसेवनिया को बड़ी सफलता मिली है पुलिस ने एक शातिर वाहन चोर गैंग का खुलासा करके नो चोरों को गिरफ्तार कर 45 मोटर साइकिल बरामद की है।

शुभम मसकोले,राहुल इवने,अमित धुर्वे, योगेश मेहरा, रघुवीर कुर्रोशी,मंजू बारीवा,बालमुकुन्द, अरेन्द्र परते और राहुल सहेरिया सभी आरोपी सिलवानी जिला रायसेन के रहने वाले है।भोपाल पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मोटसाईकिल हुई बरामद। अंतराज्यीय गिरोह एम्स अस्पताल पार्किंग व विभिन्न शहर की पार्किंग को बनाता था निशान। भोपाल मे आए दिन हो रही मोटर साइकिल चोरियो पर कसी नकेल। मुखबिर, तकनीकी सहायता,140 सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों तक पहुंची पुलिस। गैंग काफी समय से वाहन चोरी की घटनाओ को दे रहे थे अंजाम। आरोपी चोरी के वाहन को बेच कर करते थे अय्याशी।गिरोह ने पिछले दो सालो में थाना बागसेवनिया, एमपीनगर, टीटीनगर, पिपलानी, मिसरोद, चूनाभट्टी,कोलार, जहागीराबाद, तलैया, कोहेफिजा,बिलखिरिया,थाना हीरानगर जिला इंदौर,थाना नसरूल्लागंज जिला सिहोर में दिया है चोरी की घटनाओं को अंजाम। रेकी कर घटना को देते थे अंजाम,मास्टर चाबी से लॉक खोलकर अब तक (45) मोटर साइकिल पर किया हाथ साफ।

गैंग चोरी की गाड़ी का फर्जी रजिस्ट्रेशन बनाकर जिला रायसेन व जिला सिहोर के भोलेभाले अनपढ़ गांव वालो को बेच देते थे। बागसेवनिया थाना क्षेत्र में दो पहिया वाहन चोरी की रोकथाम एवं चोरों की धर पकड़ के लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर घटनास्थल के आसपास लगे कैमरों को खंगाला और सिटी कंट्रोल रूम के जरिये समस्त थानो एवं आसपास के जिलो मे प्रसारण कराया। तकनीकी साक्ष्य व मुखबिर की सूचना पर 4 संदिग्धो को दीक्षानगर बागमुगालिया से पकड़कर पूछताछ की गई जिसमें उन्होंने अपने अन्य दोस्तो के साथ भोपाल शहर के दर्जनों थाना क्षेत्र में चोरी की वारदात करना बताया। पुलिस ने गैंग के बाकी साथियों को हिरासत में लेकर चोरी गई 45 गाड़ी बरामद कर ली है। गैंग के कुछ सदस्य मजदूरी ड्राइवरी एवं कंडक्टरी करने की आड़ में रेकी करते थे फिर मौका पाकर मास्टर चाबी से गाड़ी चुरा लेते थे चोरी की हुई गाड़ी गांव में भोले वाले लोगों को फर्जी रजिस्ट्रेशन बनाकर बेच देते थे।

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