भोपाल साइबर क्राइम भोपाल ने चायनीज माड्यूल(टास्क फ्रॉड) का उपयोग कर धोखाधड़ी करने वाले गैंग का खुलासा किया है। पुलिस ने गैंग के दो सदस्य सतवीर सिंह (25) और राहुल वसुनिया (24) को पकड़ा है।
यह मध्य प्रदेश की पहली गैंग है जो सीधा चायनीज ग्रुप के सम्पर्क में है। गैंग लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर फसाते हैं फिर उनके जरूरी कागजात के जरिए बैंक में करंट खाता खुलवाकर करते हैं धोखाधड़ी।गैंग टेलीग्राफ एप्पलीकेशन पर कई चायनीज ग्रुप में है एड।गैंग ट्रांसलेट कर चायनीज भाषा में करता है खाता बेचने के लिए चैट।गैंग द्वारा कई फर्जी इंटरप्रायजेज के नाम पर तैयार किये करंट बैंक खाते।आरोपी चायनीज आरोपियों को उनके द्वारा डेवलप की गयी प्राइवेट एप्पलीकेशन के माध्यम से देता है खाते का फुल एक्सेस। आरोपी द्वारा बैंक खाते से संबंधित सभी भौतिक साक्ष्यों को कर देता है नष्ट।
गैंग ने मीनाक्षी प्लेनेट सिटी, बागमुगालिया भोपाल में रहने वाले एक फरियादी से की थी धोखाधड़ी।16 नवंबर को फरियादी के पास टेलीग्राम पर निकिता द्वारा पार्ट-टाईम काम के लिए मैसेज किया, उसके बाद उसे टेलीग्राम पर नव्या जिसने अपने आपको सिमिलर बेब से होना बताया, जिसने उसको https://www.similarwebsales-ecommerce.com पर रजिस्टर करवाया। इसके बाद फरियादी को टेलीग्राम पर कस्टूमरकेयर द्वारा गाइड किया गया।जिसके बाद दिनांक 16 नवंबर से 4 दिसंबर 2023 के बीच टेलीग्राम यूजर Nikita, @Navy083, टेलीग्राम कस्टूमरकेयर यूजरनेम @SimilarWebCC, बेवसाईट https://www.similarwebsales-ecommerce.com का ऑनर तथा उपरोक्त खाता धारकों द्वारा संगठित रूप से फरियादी के साथ कुल 9087863/- रूपये की धोखाधड़ी की गयी है। जांच के उपरांत टेलीग्राम ID- Nikita(#6582134052), @Navy083, @SimilarWebCC, @shalini868 एवं बेवसाईट https://www.similarwebsales-ecommerce.com तथा फरियादी द्वारा प्राथमिक रूप से 15 बैंक खातों में उपरोक्त राशि जमा की थी जिनके वास्तविक उपयोगकर्ताओं के खिलाफ अपराध क्रमांक 01/2024 धारा 419, 420, 120(बी) का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया जिसमें दौराने विवेचना धारा 201 भादवि का इजाफा किया गया।आरोपी द्वारा चायनीज आरोपी के संबंध में दी गयी जानकारी के आधार पर की जा रही है विवेचना।सायबर क्राईम भोपाल को गिरफ्तार आरोपी के अन्य साथियों की जारी है तलाश।
तरीका वारदात:- आरोपी सतवीर सिंह फरार आरोपी की मदद से जरूरत मंद लोगों की पहचान कर उनको रूपये का लालच देकर उनका करंट बैंक खाता खुलवाता है एवं बाद में फरार आरोपी से उक्त बैंक खाता प्राप्त कर टेलीग्राफ में जुड़े चायनीज व्यक्तियों से सम्पर्क कर उनको खाता बेचकर खाता के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराता है। उसके बाद जब चायनीज लोग उस खाते को फ्रॉड हेतु सिस्टम में लगा देते है। यहां पर बड़ी मात्रा में ट्रांजेक्शन करने के लिए ओटीपी की आवश्यकता होती है जिसके लिए आरोपी अपने फोन में चायनीज आरोपियों द्वारा प्रदान किये गये कस्टम एण्ड्राईड एप्पलीकेशन को इंस्टाल कर लेता है जिससे सारे ओटीपी उनके सिस्टम तक आसानी से पहुंच जाते है। इस प्रकार आरोपी सतवीर सिंह चायनीज आरोपियों को भारत देश में फ्रॉड करने हेतु सहायता प्रदान करता है। आरोपी राहुल वसुनिया द्वारा अपने आधार पेनकार्ड एवं कागजों का इस्तेमाल के करंट बैंक खाता खुलवा कर फरार आरोपी को दिया एवं फरार आरोपी द्वारा आरोपी सतवीर को उक्त बैंक खाता प्रदान किया और आरोपी सतवीर द्वारा उक्त खाता को टेलीग्राफ एप्पलीकेशन के माध्यम से चायनीज व्यक्ति जेक्शन के दे दिया ।
पुलिस कार्यवाही:- सायबर क्राईम जिला भोपाल की टीम द्वारा अपराध कायमी के पश्चात् त्वरित कार्यवाही कर तकनीकी एनालिसिस के आधार पर प्राप्त साक्ष्यों के माध्यम से खाता धारक आरोपी सतवीर सिंह को इंदौर से एवं आरोपी राहुल वसुनिया को धामनोद जिला धार से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से अपराध में प्रयुक्त 05 मोबाईल फोन मय सिमकार्ड के जप्त किये गये हैं।
सराहनीय भूमिका पुलिस टीम:- उनि भरत प्रजापति, सउनि पी. चिन्ना राव, प्रआर.प्रतीक उईके, प्र.आर. आदित्य साहू, आर.सुमित समद, आर. रामकृष्ण पटेल की रही।
एडवायजरी
वर्तमान में सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे- इंस्टाग्राम, फेसबुक, टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा प्रतिदिन हजारों रूपये कमाने का लालच दिया जा रहा है जिसमें पहले आपको फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं यूट्बूय चैनल को लाईक एवं सब्सक्राईब करने अथवा फेसबुक या इंस्टाग्राम पेज को फॉलों एवं लाईक करने के टास्क दिया जाता है अथवा इसी प्रकार का अन्य टास्क दिये जाते है जिसके बाद रूपये विड्राल करने हेतु आपके बैंक खाता की जानकारी प्राप्त कर ली जाती है एवं आपको 50-100/ रूपये आपके बैंक खाता में क्रेडिट कर दिये जाते है। इसके बाद आपको और अधिक रूपये कमाने का लालच देकर बड़े-बड़े एमाउण्ट के टास्क दिये जाते है जिसके बाद आपका बैंलेंस बेवसाईट पर दिखाई देता है और आपसे अन्य टास्क कम्पलीट करने हेतु बताया जाता है। उक्त प्रकार के टास्क के झांसे में न आये।
फोन पर कोई अज्ञात व्यक्ति आपसे क्रेडिट कार्ड, बैंक खाता, एटीएम कार्ड या अन्य कोई फायनेंसियल जानकारी मांगता है तो उसके साथ अपनी बहुमूल्य जानकारी बिल्कुल भी साझा न करें एवं अपनी स्थानीय बैंक शाखा में जाकर सम्पर्क करें।
निम्न बातों का हमेशा ध्यान रखें-
1. कॉल पर किसी को भी अपनी बैंक खाता, एटीएम एवं क्रेडिट कार्ड से संबंधित कोई भी जानकारी साझा न करें भले ही बैंक वाले आपसे मांग रहे हो।
2. ऑनलाईन यूपीआई के माध्यम से पेमेंट प्राप्त करने हेतु किसी भी प्रकार का ओटीपी अथवा यूपीआई पिन इंटर करने की जरूरत नहीं होती ।
3. ऑनलाईन खरीददारी करते समय सतर्क रहें एवं सायबर ठगों से बचे।
4. ऑनलाईन खरीददारी के लिए ऐसे बैंक खाता का इस्तेमाल करें जिसमें कम बैलेंस हो।
5. किसी भी अननॉन बेवसाईट से कोई एप्पलीकेशन डाउनलोड न करें।
6. कभी भी किसी के साथ अपना ओपीट/सीवीवी/पासवर्ड/पिन आदि शेयर न करें ।
7. ऑनलाईन अथवा फोन पर दिये गये लॉटरी अथवा फ्री ऑफर के लालच में न पड़े ।
8. किसी अननॉन लिंक पर क्लिक न करें ।
9. केवायसी के नाम पर प्राप्त मैसेज में दिये गये नंबर पर कॉल न करें जानकारी के लिए अपने बैंक में जाकर जानकारी प्राप्त करें।
10. ध्यान रखे रूपये प्राप्त करते वक्त किसी भी प्रकार का पासवर्ड अथवा यूपीआई पिन इंटर करने की जरूरत नहीं पड़ती।
11. व्हाट्सएप पर ऑननान मोबाईल नंबर से वीडियों कॉल रिसीव करते समय अपना चहरा ना दिखाये पहले सामने वाले की पहचान करें कि वह आपका परिचित है अथवा नहीं।
12. अपने पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें एवं अल्फान्यूमेरिक+स्पेशल करेक्टर का पासवर्ड रखें।
13. बिजली कनेक्शन की कटौती संबंधी मैसेज की पुष्टि पहले बिजली ऑफिस जाकर करें।
14. छोटे-छोटे इन्वेंस्टमेंट वाली बेवसाईट पर इन्वेस्टमेंट करने से बचें।
15. अपने मोबाईल फोन एवं कम्प्यूटर/लेपटॉप में रिमोट एक्सेस एप्पलीकेशन अथवा सोफ्टवेयर जैसे कि एनीडेस्क, टीमव्यूवर आदि का यदि आप उपयोग नहीं करते है तो उसको तुरंत अनइंस्टाल कर दें।
16. लाखों की लॉटरी वाले मैसेज अथवा विज्ञापनों से बचे और उक्त मैसेज किसी भी दूसरे को शेयर न करें।
नोटः- सायबर क्राईम संबंधित घटना घटित होने की सूचना भोपाल सायबर क्राईम के हेल्प लाइन नम्बर 9479990636 अथवा राष्ट्रीय हेल्पलाईन नंबर 1930 पर दे ।