श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शताब्दी को समर्पित यात्रा, 7 दिन में नांदेड़ साहिब, औरंगाबाद, धूलिया, बेटमा होते हुए भोपाल लौटी
भोपाल। श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी पर्व को समर्पित एक भव्य जागृति यात्रा नगर कीर्तन का आयोजन 20 अप्रैल से 26 अप्रैल 2025 तक विभिन्न शहरों और गुरुद्वारों में श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। यह यात्रा भोपाल के गुरुद्वारा नानकसर, हमीदिया रोड शुरू होकर, सतवास से सचखंड श्री हजूर साहिब नांदेड़, औरंगाबाद, धूलिया, बेटमा साहिब और अंत में टेकरी साहिब भोपाल तक पहुंची। पांच प्यारों की अगवाई में सैकड़ों संगत ने इस यात्रा में हिस्सा लिया, जिसमें गुरु महाराज की हजूरी में शब्द कीर्तन, लंगर, और गुरु की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार किया गया।
यात्रा का प्रारंभ: भोपाल से नांदेड़ साहिब
20 अप्रैल 2025 को गुरुद्वारा नानकसर, हमीदिया रोड से नगर कीर्तन सचखंड श्री हजूर साहिब, नांदेड़ के लिए रवाना हुआ। इस यात्रा में 300 से अधिक संगत ने भाग लिया, जो गुरु महाराज की हजूरी में पांच प्यारों की अगवाई में श्रद्धापूर्वक शामिल हुए। संगत ने गुरबाणी कीर्तन और श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को याद करते हुए यात्रा को एक आध्यात्मिक उत्सव का रूप दिया। 22 अप्रैल को सुबह 8:30 बजे बुरहानपुर गुरुद्वारे से नगर कीर्तन नांदेड़ के लिए रवाना हुआ। स्थानीय संगत ने इस अवसर पर भव्य स्वागत किया और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने यात्रा के लिए विशेष प्रबंध किए। संगत ने मार्ग में गुरु की शिक्षाओं का प्रचार करते हुए कीर्तन और पाठ किए।
नांदेड़ से औरंगाबाद: श्रद्धा का कारवां
23 अप्रैल को सुबह 9:30 बजे सचखंड श्री हजूर साहिब, नांदेड़ से नगर कीर्तन औरंगाबाद के लिए रवाना हुआ। यह यात्रा श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व को समर्पित थी। रात्रि 8:30 बजे नगर कीर्तन औरंगाबाद के गुरुद्वारा तेग बहादुर साहिब, सिंधी कॉलोनी पहुंचा, जहां स्थानीय संगत ने फूलों की वर्षा और गुरबाणी कीर्तन के साथ भव्य स्वागत किया। रात्रि 10:00 बजे नगर कीर्तन का समापन हुआ, जिस संगत ने गुरु के बलिदान को याद किया और उनकी शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
मनमाड से धूलिया: कीर्तन दरबार की रौनक
24 अप्रैल को मनमाड गुरुद्वारा साहिब से शाम 6:00 बजे नगर कीर्तन रवाना हुआ और रात्रि 8:30 बजे धूलिया के गुरुद्वारा गुरु नानक साहिब पहुंचा। धूलिया में संगत ने नगर कीर्तन का भावपूर्ण स्वागत किया। गुरुद्वारे में रागी जत्थों ने शब्द कीर्तन किया और कीर्तन दरबार सजाया गया। संगत ने गुरु का लंगर छका और श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को नमन किया। 25 अप्रैल को धूलिया के गुरुद्वारा साहिब गुरु नानक दरबार से नगर कीर्तन हरा खेड़ा, महाराष्ट्र (आरटीओ बॉर्डर) के बाबा दीप सिंह जी गुरुद्वारे पहुंचा, जहां संगत ने स्वागत किया। इसके बाद यात्रा जुलानिया गुरुद्वारा साहिब से होते हुए रात्रि 8:00 बजे बेटमा साहिब गुरुद्वारे पहुंची। बेटमा साहिब में नगर कीर्तन का समापन हुआ और संगत ने गुरुद्वारे में सिमरन और लंगर का आनंद लिया। रात्रि विश्राम भी यहीं किया गया।
अंतिम पड़ाव: भोपाल में भव्य समापन
26 अप्रैल को बेटमा साहिब गुरुद्वारे से नगर कीर्तन इंदौर बायपास, सीहोर और बाईपास गुरुद्वारे होते हुए शाम को लालघाटी भोपाल पहुंचा। लालघाटी वीआईपी रेस्ट हाउस से पैदल नगर कीर्तन रॉयल मार्केट और कैंब्रिज स्कूल पहुंचा, जहां स्थानीय संगत और निवासियों ने फूलों और नारों के साथ स्वागत किया। रात्रि में टेकरी साहिब गुरुद्वारे पर नगर कीर्तन का समापन हुआ। रागी जत्थों ने शब्द कीर्तन किया और गुरु का लंगर बांटा गया। समापन समारोह में संगत ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान और उनकी शिक्षाओं को याद किया।
आयोजन की सफलता और धन्यवाद
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस जागृति यात्रा के सफल आयोजन के लिए सभी संगत, स्वयंसेवकों, और सहयोगियों का हृदय से धन्यवाद किया। “यह यात्रा न केवल श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को याद करने का अवसर थी, बल्कि उनकी शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने का एक माध्यम भी बनी। संगत के उत्साह और सहयोग ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।”
यह जागृति यात्रा नगर कीर्तन श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व के उपलक्ष्य में एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक आयोजन रहा।