बिना अनुमति संचालित क्लिनिक्स पर भोपाल में शिकंजा, कई पर लटके ताले

स्वास्थ्य विभाग की सख्ती, अवैध चिकित्सा व्यवसाय के खिलाफ कार्रवाई तेज  

भोपाल। राजधानी में बिना अनुमति संचालित क्लिनिक्स के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग का अभियान दूसरे दिन भी जोरों पर रहा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) भोपाल के नेतृत्व में गठित टीमों ने जिले के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की। कार्रवाई के डर से कई क्लिनिक संचालकों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे, जिसके चलते कई जगहों पर ताले लटके मिले।

स्वास्थ्य विभाग की टीमें चिकित्सकों की डिग्री, काउंसिल पंजीयन, मध्य प्रदेश उपचार्यगृह अधिनियम, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और गुमास्ता लाइसेंस की जांच कर रही हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि एक दिन पहले चार अवैध क्लिनिक्स को नोटिस जारी कर तत्काल बंद कराया गया था। इसके अलावा, पुलिस, नगर निगम, औषधि प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण मंडल को दंडात्मक कार्रवाई के लिए सूचित किया गया है।

शनिवार को जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. रितेश रावत, सब डिविजनल मेडिकल ऑफिसर डॉ. अश्विन भंबल और डॉ. अभिषेक सेन की टीम ने अशोका गार्डन के गुप्ता क्लिनिक और प्लेटिनम प्लाजा के शुद्धि क्लिनिक पर छापा मारा। दोनों क्लिनिक बंद मिले। स्थानीय लोगों ने बताया कि शुद्धि क्लिनिक का संचालन कहीं और से हो रहा हो सकता है, जिसकी जांच की जा रही है। अन्य कई स्थानों पर भी यही स्थिति देखने को मिली।

डॉ. तिवारी ने कहा, “स्वास्थ्य विभाग का निरीक्षण अभियान निरंतर जारी रहेगा। बिना अनुमति चल रहे चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रजिस्टर्ड चिकित्सा व्यवसायियों द्वारा पद्धति उल्लंघन जैसे मानकों की भी जांच हो रही है।”

स्थानीय पुलिस, नगर निगम और प्रशासन के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग अवैध चिकित्सा व्यवसाय पर नकेल कसने में जुटा है। शहरवासियों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है और मांग की है कि ऐसे अभियान नियमित रूप से चलाए जाएं ताकि मरीजों की जान से खिलवाड़ रोका जा सके।

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