भोपाल पहुंचे संत नारायण भजन साहिब का डॉ. दुर्गेश केसवानी ने किया स्वागत, बोले – संत ना होते जग में तो जल मरता संसार

संत नारायण भजन साहिब जी ने 23 दिसंबर को भोपाल के समाधा आश्रम रिज रोड, ईदगाह हिल्स में तीन दिन तक प्रवचन दिया। यह प्रवचन भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक और मानसिक उत्थान का माध्यम रहा। इन आश्रमों में संत श्री नारायण भजन साहिब जी की उपस्थिति और उनकी शिक्षाएँ भक्तों के जीवन में आंतरिक शांति और आध्यात्मिक जागरण लाती हैं। गुरूवार को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी ने संत नारायण भजन साहिब जी का स्वागत किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में भक्त मौजूद रहें। वहीं डॉ. केसवानी ने कहा, ‘आग लगी आकाश में झर झर गिरे अंगार संत ना होते जग में तो जल मरता संसार’। उन्होंने कहा, संतों को ज्ञान, शांति और दया का प्रतीक माना गया है। वे अपनी शिक्षाओं और मार्गदर्शन से संसार को नैतिकता, प्रेम और सच्चाई की राह पर ले जाते हैं। उनके बिना यह संसार नैतिकता से रहित हो जाता और अंततः विनाश का शिकार हो जाता। उन्होंने कहा, संतों का जीवन और उनकी शिक्षाएँ संसार के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश हैं। वे समाज को सही दिशा में प्रेरित करते हैं और उसे विनाश से बचाते हैं। भोपाल में हुए संत श्री नारायण भजन साहिब के प्रवचन में यह महत्वपूर्ण संदेश दिया गया है कि गुरु का घर ही जन्नत है, अर्थात गुरु की उपस्थिति और आशीर्वाद में ही मुक्ति और शांति का अनुभव होता है। सेवा, सत्संग (सच्चे संगति) और सिमरन (नाम स्मरण) के माध्यम से ही व्यक्ति अपनी समस्याओं का समाधान कर सकता है और जीवन में संतुलन और समाधि प्राप्त कर सकता है। यह संदेश जीवन के उद्देश्य को स्पष्ट करता है कि आध्यात्मिक साधना, सेवा और सत्संग ही समाधि की ओर मार्गदर्शन करते हैं।

संत श्री नारायण भजन साहिब जी एक प्रसिद्ध संत और विचारक है, जिनका जीवन और उपदेश भारतीय संत परंपरा में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनके प्रवचन और शिक्षाएं आध्यात्मिकता, भक्ति और सत्य की ओर मार्गदर्शन करने वाली होती है। वे लोगों को अपने जीवन में सेवा, सच्चे संगति (सत्संग) और भगवान के नाम का सिमरन करने की प्रेरणा देते है। उनके अनुसार, यही साधना व्यक्ति को आत्मज्ञान, शांति और मुक्ति की दिशा में अग्रसर करती है। उनके उपदेशों में भक्ति के महत्व, गुरु के प्रति श्रद्धा और जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया जाता है।उनके प्रवचन में संत श्री नारायण भजन साहिब जी ने गुरु के घर को जन्नत से जोड़ा है, यह दर्शाता है कि गुरु के आशीर्वाद से ही जीवन में सच्ची शांति और मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। बतादें, संत श्री नारायण भजन साहिब जी के पूरे भारत में 9 आश्रम हैं, जो उनकी भक्ति और शिक्षा का प्रसार करते हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान के शिकारपुर शहर में उनका एक प्रमुख आश्रम है, जो उनके अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इन आश्रमों के माध्यम से संत जी ने सच्चे भक्ति मार्ग को जन-जन तक पहुँचाया और आत्म-साक्षात्कार की दिशा में मार्गदर्शन दिया।

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