पुलिस बैंड: सांस्कृतिक परंपरा, प्रेरणा और अनुशासन का प्रतीक- मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव
संगीत के माध्यम से देशभक्ति की भावना को मजबूत करने का प्रयास
भोपाल। “मुख्यमंत्री जन कल्याण पर्व के माध्यम से शासन द्वारा एक महत्वाकांक्षी पहल की गई है, जिसमें जनता को राष्ट्रप्रेम और कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने और जानकारी देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी अनुक्रम में मंगलवार, 16 दिसंबर को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार प्रांगण में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में मध्यप्रदेश पुलिस बैंड का भव्य आयोजन किया गया। उनके साथ मंत्री विश्वास सारंग, एडीजी राकेश गुप्ता,पुलिस आयुक्त भोपाल हरिनारायणचारी मिश्र, विधायक भगवानदास सबनानी, भोपाल महापौर मालती राय सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में दिनांक 16 दिसंबर को ’’मुख्यमंत्री जन कल्याण पर्व एवं विजय दिवस” के अवसर पर दोपहर 3.00 बजे पुलिस बैण्ड दल का प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन जिला मजिस्ट्रेट के साथ समन्वय कर ऐसे गरिमामय स्थान पर आयोजित किया गया जहां आमजन भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हो सके।
भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि आज इस अद्भुत आयोजन में आप सभी के बीच उपस्थित होकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। जनकल्याण पर्व के अंतर्गत आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में पुलिस बैंड की शानदार प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया है। मैं इन सभी कलाकारों और उनके प्रशिक्षकों को हृदय से बधाई देता हूं।
पुलिस बैंड: सांस्कृतिक परंपरा, प्रेरणा और अनुशासन का प्रतीक
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि हमारी पुलिस बैंड की परंपरा सिर्फ संगीत नहीं, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीयता, अनुशासन और गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है। चाहे वह स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ‘कदम-कदम बढ़ाए जा’ की धुन हो, या वैदिक काल के शंखनाद, संगीत ने हमेशा से हमारी संस्कृति और संघर्षों को दिशा दी है।
बीते समय में पुलिस बैंड की इकाइयां धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही थीं। इसे पुनजाग्रत करने के उद्देश्य से हमने निर्णय लिया कि हर जिले में एक पुलिस बैंड होना चाहिए। यह न केवल हमारे सशस्त्र बल की गरिमा को बढ़ाता है, बल्कि त्योहारों, राष्ट्रीय पर्वों और विशेष आयोजनों में देशभक्ति की भावना को भी जागृत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पुलिस केवल कानून व्यवस्था तक सीमित नहीं है। कोरोना महामारी जैसे कठिन समय में पुलिस ने अनुशासन और समर्पण का अद्भुत परिचय दिया। उनके इस प्रयास को प्रोत्साहित करना हमारी जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सभी पुलिस बैंड के प्रत्येक जवान को 10 हजार रूपए पुरस्कार स्वरूप देने की घोषणा भी की है।
पुलिस आयुक्त भोपाल हरिनारायणचारि मिश्रा ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान किये गये कार्यों के अनुसार जनकल्याण पर्व की अद्भुत श्रृंखला में आज का यह कार्यक्रम बेहद अहम है। बीते वर्ष में, पुलिस विभाग ने मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में कई नए आयाम स्थापित किए हैं। विशेषकर संगठित अपराधों में कमी आई है, महिला संबंधी अपराधों में भी सुधार हुआ है, और संस्थागत स्तर पर अनेक बड़े बदलाव हुए हैं।
जनकल्याण पर्व: पुलिस विभाग के नवाचार
पुलिस आयुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के अंतर्गत पुलिस विभाग ने नए कदम उठाए। विशेषकर पुलिस बैंड का पुनर्गठन इसका एक बड़ा उदाहरण है। आपकी पहल पर बैंड का पुनर्गठन हुआ और इसे नई दिशा देने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस ने अपने बैंड प्रशिक्षण को देश के सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण केंद्रों जैसे कि बेंगलुरु में भेजा। इसका परिणाम यह रहा कि हमारे प्रशिक्षुओं ने वहां प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किए।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री , आपका यह विजन कि पुलिस केवल कानून व्यवस्था तक सीमित न रहकर जनता के साथ अपनी सहभागिता बढ़ाए, हमें प्रेरित करता है। इसी दृष्टिकोण को साकार करने के लिए आज का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
कार्यक्रम के अंत में एडीजी राकेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री को सैक्सोफोन वाद्ययंत्र स्मृति चिह्न के रूप में भेंट किया। सेनानी, 7वीं वाहिनी, भोपाल, हितेश चौधरी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, “पुलिस बैंड के पुनर्गठन से देशभक्ति और अनुशासन की भावना को मजबूती मिली है। मध्य प्रदेश पुलिस जन सेवा और न्याय के लिए सदैव समर्पित है।”