एम्स भोपाल में “समग्र मूल्य शिक्षा” पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन

भोपाल एम्स के सेंटर ऑफ हैप्पीनेस ने गुरूवार, 19 सितंबर 2024 को अपनी विशेषज्ञ व्याख्यान श्रृंखला का पहला सत्र आयोजित किया, जिसका विषय था ‘समग्र मूल्प शिक्षाः भारत की ज्ञान परंपराएं, पतंजलि योगसूत्र और उपनिषदों के संदर्भ में। यह व्याख्यान डॉ. ऋचा चोपड़ा, असिस्टेंट प्रोफेसर एवं कोर फैकल्टी, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम्स, आईआईटी खड़गपुर और आर्ट ऑफ लिविंग की वरिष्ठ फैकल्टी द्वारा दिया गया। इस अवसर पर एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक, प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने कहा: “एम्स भोपाल में हम केवल चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समग्र कल्याण की दिशा में भी समर्पित हैं। यह व्याख्यान हमारी इस सोच का हिस्सा है कि हम प्राचीन भारतीय ज्ञान को आधुनिक चिकित्सा शिक्षा और अभ्यास के साथ कैसे जोड़ सकते हैं। पतंजलि योगसूत्र और उपनिषदों के माध्यम से दी गई शिक्षा यह स्पष्ट करती है कि किस प्रकार स्वास्थ्य कर्मियों के लिए न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन भी आवश्यक है।” उन्होंने यह भी कहा कि मूल्य- आधारित शिक्षा से संवेदनशील स्वास्थ्यकर्मियों का निर्माण होता है, जो रोगियों को न केवल शारीरिक बल्कि भावनात्मक और आध्यात्मिक समर्थन भी प्रदान कर सकते हैं।डॉ. ऋचा चोपड़ा ने पतंजलि योगसूत्र और उपनिषदों के संदर्भ में समग्र शिक्षा की महत्ता पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि ये प्राचीन ज्ञान परंपराएं न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं. बल्कि आत्म-जागरूकता और नैतिक जीवन जीने की दिशा में भी मार्गदर्शन करती हैं। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों और छात्रों को मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक संतुलन बनाए रखने के लिए इन सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी।इस कार्यक्रम का आयोजन एम्स भोपाल के सेंटर ऑफ हैप्पीनेस ने रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस और ट्रांसलेशनल मेडिसिन विभाग के शैक्षणिक सहयोग से किया, जिसका उद्देश्य भारतीय ज्ञान परंपराओं के समग्र स्वास्थ्य पर प्रभाव और आधुनिक जीवन में उनकी प्रासंगिकता को उजागर करना था। इस व्याख्यान में एम्स भोपाल के शिक्षक, छात्र, और चिकित्सक एवं रेजीडेंट्स ने भाग लिया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *