एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह के प्रयासों से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा एम्स भोपाल को दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए उत्कृष्टता केंद्र घोषित किया गया है। एम्स भोपाल लगातार बाल चिकित्सा देखभाल और जेनेटिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रहा है। इसी दिशा में एम्स भोपाल के पेडियाट्रिक्स विभाग द्वारा बुधवार, 11 सितंबर 2024 को “नवजात स्क्रीनिंग जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, ‘हमारे लिए नवजात स्क्रीनिंग का बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समय पर निदान और उपचार का अवसर प्रदान करता है। यह सत्र हमें यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि हमारे समुदाय के सभी सदस्य नवजात स्क्रीनिंग के लाभों को समझें और इसका सही तरीके से उपयोग करें। हम अपने प्रयासों को जारी रखेंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया के बारे में जानकारी मिल सके।” यह सत्र नवजात स्क्रीनिंग जागरूकता महीने के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य माता-पिता, स्वास्थ्य कर्मियों और आम जनता को नवजात स्क्रीनिंग के महत्व के बारे में जागरूक करना है। इस सत्र में हाइपोथायरायडिज्म, सिकल सेल एनीमिया, मेटाबॉलिक विकार और अन्य दुर्लभ जेनेटिक बीमारियों जैसी स्थितियों की जल्दी पहचान के महत्व पर जोर दिया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 80-100 लोगों ने भाग लिया जिन्हे नवजात स्क्रीनिंग के बारे में जागरूक किया गया।