एम्स भोपाल में शुक्रवार, 13 सितंबर 2024 को जुलाई 2024 पीएचडी बैच के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम और कोर्स-वर्क का उद्घाटन किया गया। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक, प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने कहा कि पीएचडी कार्यक्रम के माध्यम से शोधकर्ताओं को समाज की मौजूदा चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। शोध का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत अकादमिक उन्नति नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका समाज में वास्तविक और सकारात्मक प्रभाव होना चाहिए।
प्रोफेसर सिंह ने नए शोधार्थियों से कहा कि वे अपनी रुचियों के अनुसार शोध के क्षेत्र का चयन कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी आती है। छात्रों को चाहिए कि वे ऐसे विषयों का चयन करें जो समाज की समस्याओं को समझने और हल करने में सहायक हों और जो उनके क्षेत्र में वास्तविक प्रगति और नवाचार को बढ़ावा दें। उन्होंने संस्थान के नियमों और विनियमों का पालन करने के महत्व को भी रेखांकित किया। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि पीएचडी के दौरान नैतिकता और अनुशासन बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
डॉ. रुपिंदर कौर कंवर, सहायक डीन (अनुसंधान) ने पीएचडी कार्यक्रम की व्यापक जानकारी प्रदान की और अनुसंधान के नैतिक मानकों, अनुशासन और उपलब्ध समर्थन प्रणाली की चर्चा की। इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम में डीन (अनुसंधान), डीन (परीक्षा) और डीन (छात्र कल्याण) ने भी अपने विचार साझा किए। इस कार्यक्रम में 25 नए शोधार्थियों को शामिल किया गया, जिससे कुल पीएचडी छात्रों की संख्या 69 हो गई है, जो जून 2019 से शुरू हुई थी।