एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ) अजय सिंह मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु संस्थान में नवीनतम तकनीक से युक्त उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं। इसी कड़ी में गुरूवार को यूरोलॉजी विभाग में एक सिस्टोस्कॉपी कक्ष का उद्घाटन किया गया। प्रो. सिंह ने कक्ष का उद्घाटन करते हुए कहा कि इस सुविधा के प्रारंभ हो जाने से भविष्य में और अधिक मरीजों के छोटे ऑपरेशन किए जा सकेंगे और प्रतीक्षा सूची काफी कम हो जाएगी। यह सभी ऑपरेशन डे-केयर के अनुसार किए जाएंगे। ऐसे ऑपरेशन में मरीज को सुबह से शाम तक ही अस्पताल में रखा जाता है और ऑपरेशन के बाद शाम को उन्हें घर भेज दिया जाता है। यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ देवाशीष कौशल ने बताया कि पिछले 1 वर्ष में विभाग द्वारा करीब 2 हजार छोटे और 1 हजार बड़े ऑपरेशन किये गये हैं। पिछले कुछ समय से बढ़ती हुई मरीजों की संख्या के कारण ऑपरेशन के लिए काफी समय तक इंतजार करना पड़ता है। सिस्टोस्कॉपी कक्ष के शुरू होने से सिस्टोस्कॉपी की प्रतीक्षा सूची लगभग समाप्त हो जाएगी जो पहले एक से दो महीने की थी। सिस्टोस्कॉपी एक मूत्र मार्ग के रास्ते से मूत्राशय की जांच की एक विधि है, इस विधि को इस्तेमाल कर दूरबीन द्वारा मूत्र नलिका की रूकावट की शल्य चिकित्सा, मूत्राशय कैंसर जांच, बोटोक्स इंजेक्शन मूत्राशय में लगाना, दूरबीन द्वारा मूत्र नलिका एवं डीजे स्टेंट स्थापित करना एवं डीजे स्टेंट निकालना आदि किया जा सकता है।