सांसद आलोक शर्मा ने एम्स में पॉलीजेट डिजिटल एनाटॉमी प्रिंटर का किया उद्घाटन
सुनील यादव एम्स के सांसद प्रतिनिधि नियुक्त
सुखदेव सिंह अरोड़ा,भोपाल।
भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने शनिवार को एम्स अस्पताल पहुंचकर अत्याधुनिक पॉलीजेट डिजिटल एनाटॉमी प्रिंटर का उद्घाटन किया। यह 3डी प्रिंटिंग तकनीक का लेटेस्ट मॉडल है, जो मल्टी-डेंसिटी और मल्टी-कलर प्रिंटिंग की सुविधा भी प्रदान करता है। उद्घाटन अवसर पर बोलते हुए सांसद आलोक शर्मा ने स्वास्थ्य सेवा में इस तकनीक की परिवर्तनकारी क्षमता पर चर्चा की।
शर्मा ने कहा कि “पॉलीजेट डिजिटल एनाटॉमी प्रिंटर डाक्टरी के क्षेत्र में एक गेम-चेंजर है, जो डाक्टरों को उनके कौशल को बढ़ाने और रोगी परिणामों को बेहतर बनाने के लिए सहायक होगा। यह सुविधा न केवल एम्स भोपाल को लाभान्वित करेगी, बल्कि अन्य चिकित्सा संस्थानों के लिए एक बेंचमार्क भी स्थापित करेगी। सांसद शर्मा ने एम्स के विभागाध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि मरीजों की बेहतर सेवा कर एम्स भोपाल को नंबर 1 बनाएं। इस दौरान उन्होंने एम्स भोपाल में उपलब्ध सुविधाओं को भी देखा और अस्पताल में लोगों को मिलने वाली सुविधाओं पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर अजय सिंह के नेतृत्व में, एम्स भोपाल आगे भी सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करता रहेगा। इस नई सुविधा से चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और रोगी देखभाल को आगे बढ़ाने में विशेष सहायता मिलेगी। इस अवसर पर एम्स निदेशक प्रो. डॉ अजय सिंह ने बताया कि पॉलीजेट डिजिटल एनाटॉमी प्रिंटर का एकीकरण नवाचार और उत्कृष्टता के प्रति हमारी निरंतर प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हम इस तकनीक से मिलने वाली संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं और हमें विश्वास है कि यह चिकित्सा प्रशिक्षण और रोगी देखभाल में हमारी क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रिंटर के उपयोग से रोगियों के अधिक संक्षिप्त, सटीक और प्रभावी ऑपरेशन किये जा सकेंगे, जिससे पोस्ट-ऑपरेटिव रिकवरी तेज़ी से होगी।
यह अत्याधुनिक प्रिंटर उल्लेखनीय शारीरिक यथार्थवाद के साथ अत्यधिक सटीक और जटिल 3क् चिकित्सा मॉडल बना सकता है। पॉलीजेट डिजिटल एनाटॉमी प्रिंटर की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं। जिसमें मल्टी-डेंसिटी और मल्टी-कलर प्रिंटिंगः प्रिंटर यथार्थवादी लुक और फील सुनिश्चित करते हुए रंगों, पारदर्शिता, बनावट और फिनिश की एक विस्तृत श्रृंखला में मॉडल बना सकता है।’ शारीरिक और शल्य चिकित्सा प्रशिक्षणः ये सजीव मॉडल शारीरिक और शल्य चिकित्सा प्रशिक्षण के लिए अमूल्य हैं, जो मेडिकल छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए व्यावहारिक शिक्षण अनुभव प्रदान करते हैं।’ अनुकूलित रोगी देखभालः यह तकनीक रोगी-विशिष्ट मॉडल के निर्माण की अनुमति देती है, जिससे शल्य चिकित्सा-पूर्व योजना को बेहतर बनाया जा सकता है और व्यक्तिगत चिकित्सा देखभाल का मार्ग प्रशस्त होता है।
यादव भोपाल एम्स के सांसद प्रतिनिधि नियुक्त
भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने भोपाल एम्स अस्पताल का सांसद प्रतिनिधि सुनील यादव को नियुक्त किया है।