भोपाल। राष्ट्रीय डाक्टर्स दिवस के अवसर पर आज एम्स भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा कि डॉक्टर का केवल एक ही धर्म होता है मानव मात्र की सेवा। बिना किसी स्वार्थ) बिना किसी व्यक्तिगत चाह के बस केवल एक उद्देश्य कि मरीज को सर्वोत्तम इलाज देकर उसके जीवन को बेहतर बना सके। आज हमें आत्मावलोकन करने की आवश्यकता है कि हमने समाज को क्या दिया। मरीज के चेहरे की मुस्कान ही एक डॉक्टर के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार होता है। इस अवसर पर एम्स भोपाल के अध्यक्ष डॉ. सुनील मलिक ने कहा कि जब तक हम पंक्ति के आखिरी व्यक्ति तक अपनी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पहुँचाएंगे तब तक सही मायने में हम लोगों की सेवा नहीं कर पाएंगे। हमारा लक्ष्य बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक व्यक्ति को समय पर समुचित इलाज देकर उनके जीवन को बेहतर बनाना होना चाहिए। प्रत्येक डॉक्टर को अपने प्रोफेशन के प्रति वफादार होना होगा। इससे पूर्व प्रो. (डॉ) रजनीश जोशी डीन (एकेडमिक) ने उपस्थिति का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि डाक्टर्स डे की इस वर्ष की थीम है “हीलिंग हँडस। केयरिंग हर्टस। डॉक्टर जोशी ने कहा कि मरीजों को इलाज के साथ-साथ एक दृढ इच्छा शक्ति की भी आवश्यकता होती है। उन्होंने कामकाज में सुधार लाने और मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के तरीके खोजने पर भी जोर दिया।
प्रो. (डॉ.) नीलकमल कपूर जिन्होंने 10 वर्षों से अधिक समय तक संस्थान की सेवा की ने कहा कि समाज में डाक्टर की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वास्तव मेंsa वह एक समाज सेवक होता है। डॉक्टर न केवल मरीजों का इलाज करता है बल्कि समाजोपयोगी बातों से पूरे समाज को जगरूक भी करता है। एक स्वस्थ समाज) स्वस्थ राष्ट्र का द्योतक होता है। हम सबको मिलकर अपनी इस जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाना होगा।
इस अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। संस्थान के वरिष्ठ संकाय सदस्यों। रेजीडेंट डॉक्टरों एवं विद्यार्थियों को उनकी सेवाओं के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया।