एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह हमेशा ही नए नए चैलेंज ले कर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए डाक्टरों को प्रेरित करते रहते हैं। एम्स भोपाल के वैस्कुलर और इंटरवेंशनल क्लिनिक ने हाल ही में उन्नत इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी तकनीकों की बदौलत एक 70 वर्षीय मरीज के पैर को काटने से सफलतापूर्वक बचाया है। मरीज पैर के अंगूठे और एड़ी में गंभीर गैंग्रीन से पीड़ित था, जिसमें लगातार दर्द हो रहा था, तमाम कोशिशों के बावजूद लक्षणों के बिगड़ने के कारण पैर को काटने की सिफारिश की गई थी।
विशेष मूल्यांकन के लिए एम्स भोपाल में रेफर किए गए मरीज की एंजियोग्राफिक जांच की गयी। जिसमें पैर की धमनियों में कई रुकावटें पाई गईं एक ऐसी स्थिति जिसे क्रिटिकल लिम्ब इस्केमिया (सीएलआई) के रूप में जाना जाता है। सीएलआई एक गंभीर, जानलेवा बीमारी है जो आमतौर पर क्रोनिक डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और क्रोनिक रीनल फेल्योर वाले मरीजों में देखी जाती है, जिसमें एथेरोस्क्लेरोटिक प्लेक के जमाव की विशेषता होती है, जिससे महत्वपूर्ण धमनी में रुकावटें होती हैं।
एम्स भोपाल के इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी ट्रीटमेंट सेंटर में मरीज को एंडोवैस्कुलर ट्रीटमेंट, विशेष रूप से लेग एंजियोप्लास्टी दी गई। इस न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया से मेडिकल टीम को बड़ी सर्जरी के बिना पैर की अवरुद्ध धमनियों को खोला गया। रोगी को तुरंत दर्द से राहत मिली और घाव भी जल्दी भरने लगा। इस पूरी प्रक्रिया के अगले दिन ही उसे छुट्टी दे दी गई। अगले कुछ महीनों में घाव की उचित देखभाल और प्रबंधन के साथ, रोगी के घाव लगभग पूरी तरह से ठीक हो गए। रोगी के पैर को काटने से बचा लिया गया। यह सफल प्रक्रिया एंडोवैस्कुलर विशेषज्ञों और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट की एक टीम द्वारा किया गया था, जिसमें प्रोफेसर और रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ राजेश मलिक और डॉ अमन कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट शामिल थे। उनकी विशेषज्ञता और समय पर हस्तक्षेप सीएलआई के प्रबंधन और उपचार में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर और सीईओ (डॉ) अजय सिंह ने कहा, “समय पर निदान और न्यूनतम एंडोवैस्कुलर उपचार के द्वारा रक्त प्रवाह को बहाल करने, दर्द को कम करने, घाव भरने को बढ़ावा देने और अंग-विच्छेदन के जोखिम को कम किया जा सकता है।” एम्स भोपाल उन्नत चिकित्सा उपचारों में अग्रणी बना हुआ है, जो सीएलआई जैसी गंभीर स्थितियों से पीड़ित रोगियों को आशा और बेहतर जीवन की गुणवत्ता प्रदान करता है।