एक्रीडिटेशन से लोगों का विश्वास बढ़ता है: प्रोफेसर अजय सिंह

भोपाल। आज विश्व प्रत्यायन दिवस (World Accreditation Day) के अवसर पर भोपाल में एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने कहा कि किसी भी संस्था को उसके द्वारा किये जानेवाले कामों को एक्रीडिटेशन मिलने से लोगों को यह भरोसा मिलता है कि जिन उत्पादों, सेवाओं और प्रणालियों पर वे भरोसा करते हैं, वे आवश्यक मानकों को पूरा करते हैं। एक्रीडिटेशन मिलने से लोगों का विश्वास बढ़ता है। हाल ही में एम्स भोपाल को उसकी सभी सेवाओं के लिए कालिटी कॉउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड केलिब्रेशन लेबोरेटरीज़ से एक्रीडिटेशन प्राप्त हुआ है जो मध्य भारत में यह दर्जा प्राप्त करने वाला पहला सरकारी अस्पताल है।

कार्यक्रम का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशाला प्रत्यायन सहयोग म्यूचुअल रिकग्निशन अरेंजमेंट (आईएलएसी एमआरए) एवं नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड केलिब्रेशन लैबोरेटरीज़ (एनएबीएल) द्वारा किया गया। विश्व प्रत्यायन दिवस (World Accreditation Day) हर साल एक नई थीम पर आधारित होता है। इस वर्ष 2024 में विश्व प्रत्यायन दिवस की थीम ‘प्रत्यायनः कल को सशक्त बनाना और भविष्य को आकार देना” निर्धारित की गई है। जिसमे मुख्य रूप से डिजिटलाइजेशन, नई तकनीकों और स्थिरता से जुड़े मुद्दों का हल तलाशा जाएगा। आईएलएसी म्यूचुअल रिकग्निशन अरेंजमेंट (आईएलएसी एमआरए) अंशांकन, परीक्षण, चिकित्सा परीक्षण और निरीक्षण परिणामों, दक्षता परीक्षण कार्यक्रमों के प्रावधान और मान्यता प्राप्त अनुरूपता मूल्यांकन निकायों की संदर्भ सामग्री के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण तकनीकी आधार प्रदान करता है जो बदले में स्वीकृति में विश्वास प्रदान करता है। यह व्यवस्था स्थानीय और राष्ट्रीय सेवाओं के प्रावधान का समर्थन करती है, जैसे सुरक्षित भोजन और स्वच्छ पेयजल प्रदान करना, ऊर्जा प्रदान करना, स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल प्रदान करना या एक प्रदूषण रहित वातावरण बनाए रखना।

 

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