उच्च पद प्रभार प्रक्रिया को लेकर शिक्षकों के भ्रम पर समग्र पदाधिकारियों का जवाब

भोपाल। पिछले दिनों उच्च पद प्रभार में सामने आई व्यापक विसंगतियों को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग सुर्खियों में रहा है व्यापक स्तर पर पात्र शिक्षकों के नाम चयन सूची में शामिल न होने से शिक्षकों में व्यापक स्तर असंतोष देखने को मिला था हालांकि शिक्षको की नाराजगी के बाद विभाग ने प्रक्रिया को स्वैच्छिक करते हुए सभी संयुक्त संचालक लोकशिक्षण और जिलाशिक्षा अधिकारियों को छूटे हुए पात्र शिक्षकों का डाटा लोकशिक्षण संचालनालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।किंतु पिछले कुछ दिनों से उच्च पद प्रभार प्रक्रिया पर विभाग द्वारा कोई नया अपडेट जारी न किए जाने से शिक्षकों में भ्रम की स्थिति देखने को मिल रही है, उच्च प्रभार प्रक्रिया को लेकर विभाग से निरंतर संपर्क रखने वाले समग्र शिक्षक संघ के पदाधिकारियो ने शिक्षकों की अशंकाओं पर स्थिति स्पष्ट किया है।

पात्र शिक्षको की जल्द होगी चयन सूची जारी

समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेशचंद्र दुबे का कहना है कि जिन पात्र व्याख्याता, हेडमास्टर मावि और उच्च श्रेणी शिक्षकों के नाम छूट गए थे उनका डाटा डीपीआई द्वारा संभाग स्तर से संकलित कर लिया गया है, किंतु बार-बार संकलन के बाद भी बड़े स्तर पर त्रुटियां सामने आने के कारण भी प्रक्रिया में समय लग रहा है, उन्होंने कहा संभाग स्तर पर प्रधानाध्यापक प्रा.वि.और सहायक शिक्षको की विषयबार सूची भी तैयार हो चुकी है, कुछ संभागों में अभी काम चल रहा है। लेकिन जब तक ऊपरी पदों पर उच्च पद प्रभार नही हो जाता, विषयवार रिक्त पदों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, निचले पदो पर कार्य कर रहे शिक्षकों की चयन सूची जारी नही हो सकती उन्होंने कहा कि शिक्षको को समझना चाहिए कि जब ऊपर के पद रिक्त होंगे तभी तो निचले क्रम पर कार्यरत शिक्षको को उच्च पद का लाभ मिलेगा।

स्वीकृत पदों की तुलना में कम पदों पर प्रभार देने को लेकर उठी थी आपत्ति

समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री संजय तिवारी का कहना है विभाग द्वारा पुराने कैडर को उनके स्वीकृत पदों की तुलना में काफी कम संख्या में उच्च पद प्रभार दिया जा रहा था, जिससे निचले क्रम पर कार्यरत शिक्षको को विशेष रूप से सहायक शिक्षको को उच्चपद के लिए काफी कम संख्या में पद उपलब्ध हो पा रहे थे जिस पर संगठन ने आपत्ति दर्ज कराई थी, विभाग द्वारा आपत्ति को गंभीरता से लिया गया है, प्रक्रिया में सुधार भी देरी का एक कारण है।

विध्न संतोषी,स्वयंभू संगठनों द्वारा प्रक्रिया को शून्य कराने का रचा गया था षड्यंत्

संघ के प्रदेश संरक्षक मुरारीलाल सोनी का कहना है समग्र ने विभाग स्तर पर समय-समय पर जो भी जायज आपत्ति दर्ज कराई है,विभाग ने परीक्षण के बाद उसे स्वीकार किया है, लेकिन कुछ विध्न संतोषी स्वयंभू संगठनों द्वारा श्रेय न मिलने पर उच्च पद प्रक्रिया को जिस प्रकार शून्य कराने का षड्यंत्र रचा था, यदि समग्र ने समय रहते कदम नहीं उठाए होते तो आज उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया शून्य हो चुकी होती, आम शिक्षको को ऐसे षड्यंत्रकारी स्वयंभू संगठनों से सावधान रहना चाहिए।

आचार संहिता को लेकर शिक्षको का भ्रम गलत

संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी जेपी शुक्ला का कहना है कि सभी पदो के लिए विभाग ने काउंसलिंग पूरी तरह स्वैच्छिक कर दी है वैसे तो किसी भी पूर्व से प्रचलित प्रक्रिया पर आचार संहिता का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता लेकिन आचार संहिता के पूर्व ही पुराने कैडर को उच्च प्रभार का लाभ मिले इसका प्रयास विभाग स्तर से भी चल रहा है और संगठन स्तर से भी| उन्होंने कहा इस मुद्दे पर समग्र शिक्षक संघ निरंतर विभागीय अधिकारियों के संपर्क में है

ट्राइबल में भी प्रक्रिया जल्द प्रारंभ होगी

समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिंह पवार का कहना है कि जनजातीय विभाग में भी उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया शीघ्र ही प्रारंभ हो रही है जो पूरे सितंबर माह चलेगी, उन्होंने कहा कि शिक्षक सकारात्मक रहे, विरोधी तत्वों द्वारा फैलाई जा रहे भ्रम में ना पड़े।

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