चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के आमंत्रण पर अशोका गार्डन दुर्गा धाम मंदिर पर उमड़ा जनसैलाब
दिव्य पूजन-रूद्राभिषेक के उपलक्ष्य पर आयोजित विशाल भंडारे में हजारों श्रद्धालु हुए शामिल
भोपाल सुखदेव सिंह अरोड़ा:
मंगलवार को पराम्बा मां राजराजेश्वरी एवं मां नर्मदा के अन्नय साधक परम सद्गुरू संत श्री षण्मुखानंद महाराज (हीरापुर वाले) के करकमलों से मां राजराजेश्वरी जी का दिव्यपूजन व रूद्राभिषेक सम्पन्न हुआ। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के आमंत्रण पर नरेला विधानसभा सहित विभिन्न क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु अशोका गार्डन स्थित दुर्गाधाम मंदिर अशोक विहार संत जी के दर्शन करने पहुंचे। पूजन के पश्चात मंदिर प्रांगण में ही विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भोपाल महापौर मालती राय, स्थानीय जनप्रतिनिधि, क्षेत्र के गणमान्य जन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
मां राजराजेश्वरी व मां नर्मदा के अन्नय साधक हैं संत श्री षण्मुखानंद जी महाराज
मंत्री सारंग ने बताया कि दिव्यपूजन व रूद्राभिषेक के अवसर पर परमपूज्य संत श्री षण्मुखानंद जी महाराज का आशीष प्राप्त करने नरेला विधानसभा सहित अन्य क्षेत्रों से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम में भाग लिया। उल्लेखनीय है कि संत श्री षण्मुखानंद जी महाराज पिछले 44 वर्षों से नर्मदा तटों पर साधना कर रहे हैं। संत जी ने नर्मदा तट पर 16 वर्ष से दुग्ध आहारी रहते हुए मां राजराजेश्वरी की साधना की। वहीं सात वर्ष मां नर्मदा की धारा में नाव में रहकर उपासना भी की है। इसके साथ ही गुरुजी ने नर्मदा जी की दो बार नंगे पैर पैदल परिक्रमा कर मां नर्मदा के संरक्षण का संदेश जनमानस में प्रसारित किया है।
संत श्री षण्मुखानंद जी महाराज के करकमलों से संपन्न हुआ दिव्यपूजन
संत श्री षण्मुखानंद जी महाराज (हीरापुर वाले गुरूजी) के करकमलों से विधि-विधान के साथ त्रिपुरसुंदरी मां राजराजेश्वरी देवी का दिव्यपूजन किया गया। इस अवसर पर सुबह से शाम तक श्रद्धालु भक्तजनों के जयघोष से अशोका गार्डन स्थित दुर्गा धाम मंदिर में भक्तिरस की अविरल धारा प्रवाहित हुई। दिव्यपूजन-रूद्राभिषेक के अवसर पर मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया था। दिव्यपूजन के पश्चात रूद्राभिषेक किया गया, वैदिक पंडितों द्वारा किए जा रहे मंत्रों से पूरा इलाका गुंजायमान हुआ। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चन कर मातारानी के दर्शन किये और विशाल भंडारे में सम्मिलित होकर प्रसादी का आनंद लिया।