भोपाल। राजधानी के हाई सिक्योरिटी जोन राजभवन के पास रोशनपुरा चौराहा पर एमपी ऑनलाइन दुकान के बाहर हुई फायरिंग के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। दिनदहाड़े फायरिंग कर सनसनी फैलाने वाले आरोपी दीपेन्द्र गुर्जर को पुलिस ने मुरैना से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं उसकी मदद करने वाले तीन सहयोगियों को भी पुलिस ने दबोच लिया है। घटना 24 अक्टूबर की शाम करीब साढ़े पांच बजे की है। रोशनपुरा चौराहा स्थित श्रीश्याम ऑनलाइन एंड ई-टिकट नामक दुकान पर आरोपी दीपेन्द्र गुर्जर ‘पुलिस’ लिखी कार में सवार होकर पहुंचा। दुकान संचालक श्याम विजयवर्गीय से उसने 30 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवाया। जब दुकानदार ने नकद रकम मांगी तो आरोपी ने रिवॉल्वर निकालकर फायरिंग कर दी। पहली गोली दुकानदार को छूते हुए निकल गई, जबकि दूसरी गोली सामने स्थित अक्षय ज्वेलर्स के शीशे में जा लगी, जिससे शीशे में छेद हो गया। भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में हुई इस वारदात से मौके पर अफरातफरी मच गई।फायरिंग के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। मामला सामने आते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। आरोपी की तलाश में पुलिस ने चार विशेष टीमें गठित कीं, जिन्होंने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और बैंक ट्रांजेक्शन के आधार पर उसकी लोकेशन ट्रेस की। लगातार पीछा करते हुए पुलिस ने मुरैना से आरोपी दीपेन्द्र गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया। फरारी के दौरान उसे आश्रय और मदद देने वाले साहब सिंह, देशराज गुर्जर और गुलफशा (हापुड़, उत्तर प्रदेश) को भी हिरासत में लिया गया। पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी दीपेन्द्र गुर्जर, भाजपा नेता लोकेंद्र सिंह गुर्जर का ड्राइवर था। लोकेंद्र सिंह ने आरोपी को अपनी लायसेंसी बंदूक और 315 बोर रायफल सुरक्षा के नाम पर दे रखी थी, जिसका उपयोग आरोपी ने इस वारदात में किया। पुलिस ने आरोपी के पास से वही लायसेंसी बंदूक, जिंदा कारतूस और प्रयुक्त वाहन बरामद कर लिया है। एडीसीपी जोन-2 गौतम सोलंकी ने बताया कि आरोपी ने लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करते हुए हथियार का दुरुपयोग किया है। इस संबंध में भाजपा नेता लोकेंद्र सिंह गुर्जर के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर भोपाल को पत्र लिखकर शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। मामले की विवेचना थाना अरेरा हिल्स पुलिस कर रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने जिस बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करवाए थे, वह रकम उत्तर प्रदेश के हापुड़ निवासी महिला सहयोगी गुलफशा को भेजी गई थी। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि महिला लगातार उससे रुपये की मांग कर रही थी, जिसके चलते उसने इस वारदात को अंजाम दिया।