भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अपराध चाहे जिस स्वरूप के हों, पुलिस को तुरंत और प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए। अपराध नियंत्रण और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति-सुरक्षा बनाए रखने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अपराध नियंत्रण के नवाचारों में देश में अग्रणी है और यह नेतृत्व कायम रहना चाहिए।मुख्यमंत्री ने मंगलवार शाम समत्व भवन स्थित मुख्यमंत्री निवास पर कानून-व्यवस्था को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में उन्होंने वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि पुलिस की उपस्थिति केवल सड़कों तक सीमित न रहे, बल्कि जनता के मन में सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक भी बने। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टंट करने वाले, हथियार लहराने वाले, नशे के कारोबार में संलग्न और गौवंश पर अत्याचार करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश की सक्रियता की भी सराहना की। डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बालाघाट, मंडला और डिंडोरी जिलों के कलेक्टरों एवं पुलिस अधिकारियों से संवाद कर नक्सल विरोधी अभियानों की प्रगति की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में बालाघाट जिले में चार माओवादी मारे गए हैं और मुठभेड़ों में हथियार, दूरबीन व अन्य डिजिटल उपकरण बरामद हुए हैं। नक्सल प्रभावित गांवों में वनाधिकार पट्टों का वितरण, जन सेवा शिविरों का आयोजन, सिकल सेल स्क्रीनिंग, पोषण आहार वितरण, पारंपरिक वाद्ययंत्रों और वेशभूषा का वितरण जैसे कार्य जारी हैं। कोदो-कुटकी के उत्पादन को दोगुना करने और मोबाइल टॉवर की स्थापना जैसे कदमों पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।
बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, कमिश्नर जबलपुर और बालाघाट, मंडला, डिंडोरी के कलेक्टर मौजूद थे।