सीहोर। भारतीय जनता पार्टी द्वारा मंगलवार, 25 जून को सीहोर में “संविधान हत्या दिवस” के रूप में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य 1975 में देश में लगाए गए आपातकाल को याद करना और उसके खिलाफ जन-जागरूकता फैलाना रहा। कार्यक्रम में आपातकाल से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। वक्ताओं ने इस दिन को भारतीय लोकतंत्र पर हुए अब तक के सबसे बड़े हमले के रूप में याद किया। भाजपा प्रवक्ता नेहा बग्गा ने कहा कि वर्ष 1975 में आपातकाल किसी राष्ट्रीय संकट या युद्ध की स्थिति में नहीं, बल्कि एक व्यक्ति की सत्ता की भूख और पद खोने के भय के चलते थोपा गया था। इस दौरान प्रेस की स्वतंत्रता, नागरिक अधिकारों और न्यायपालिका की निष्पक्षता को पूरी तरह कुचल दिया गया। हजारों लोगों को बिना आरोप जेल में डाला गया, और असहमति की हर आवाज को दबा दिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जिस संविधान की शपथ लेकर शासन किया, उसी की आत्मा को रौंदकर देश को तानाशाही की ओर धकेल दिया। आज भी कांग्रेस नेतृत्व में वही मानसिकता दिखाई देती है — संस्थानों पर नियंत्रण, परिवारवाद और असहमति की आवाज को दबाने का प्रयास। कार्यक्रम में अनेक जनप्रतिनिधि, पूर्व मीसाबंदी और पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए। मंच पर प्रमुख रूप से अशोक अडेल (मीसाबंदी), भाजपा जिला अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा, विधायक सुदेश राय (सीहोर), विधायक गोपाल इंजीनियर (आष्टा), नगरपालिका अध्यक्ष प्रिन्स राठौर, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सुरेन्द्र मेवाड़ा, प्रेमनारायण, भाजपा कार्यालय मंत्री पंकज गुप्ता और रूपेश पटेल उपस्थित रहे।कार्यक्रम के अंत में यह संकल्प लिया गया कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकारों की रक्षा हेतु सदैव संघर्षरत रहेगी तथा आने वाली पीढ़ियों को आपातकाल के काले अध्याय से अवगत कराना जारी रखेगी।