लांजी (बालाघाट), 12 मई।
रानी अवंतीबाई स्टेडियम, लांजी में सोमवार को आयोजित ऐतिहासिक “क्रम से पूर्व पदोन्नति समारोह” में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने बालाघाट और मण्डला जिले के हॉकफोर्स, जिला बल और विशेष सशस्त्र बल के 64 वीर जवानों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने जवानों को स्वयं बैज लगाकर पदोन्नति प्रदान की। इस अवसर को डीजीपी ने “अविस्मरणीय पल” बताया। समारोह में बालाघाट जिले के प्रभारी मंत्री उदय प्रताप सिंह, विशेष पुलिस महानिदेशक (ANO) पंकज कुमार श्रीवास्तव, आईजी बालाघाट संजय कुमार, डीआईजी बालाघाट, कलेक्टर मृणाल मीणा, पुलिस अधीक्षक नागेंद्र सिंह, मंडला पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा और हॉकफोर्स सेनानी शियाज के एम समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
वीरता के प्रमुख प्रकरण:
- रौंदा मुठभेड़ (19 फरवरी 2025): बालाघाट हॉकफोर्स ने चार हार्डकोर नक्सलियों (इनामी राशि ₹62 लाख) को मार गिराया।
- कोठियाटोला मुठभेड़ (8 जुलाई 2024): ₹14 लाख के इनामी नक्सली को हॉकफोर्स और जिला बल की संयुक्त कार्रवाई में ढेर किया गया।
- चुचरुंगपुर गिरफ्तारी (5 सितंबर 2024): ₹14 लाख की इनामी महिला नक्सली को गिरफ्तार किया गया।
- गनेरीदादर-मुण्डीदादर मुठभेड़ (2 अप्रैल 2025): मण्डला हॉकफोर्स ने ₹28 लाख के दो इनामी नक्सलियों को मुठभेड़ में ढेर किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस नक्सलियों को उखाड़ फेंकने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि भटके हुए नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण की नीति जारी है और सरकार उन्हें पुनर्वास के लिए नौकरी, आवास और प्रशिक्षण दे रही है।
डीजीपी कैलाश मकवाणा ने कहा कि नक्सल क्षेत्र में 325 हॉकफोर्स के नए पद और 850 SSU पद स्वीकृत हुए हैं, जिससे अभियानों को गति मिली है। जवान विषम परिस्थितियों में दूरस्थ क्षेत्रों में डटे हुए हैं और मार्च 2026 तक नक्सलवाद के समूल उन्मूलन का लक्ष्य तय किया गया है।
इस समारोह की विशेषता यह रही कि एक ही मंच पर 64 पुलिस अधिकारियों को एक साथ क्रम से पूर्व पदोन्नति प्रदान की गई, जो अब तक का पहला और ऐतिहासिक अवसर है।