नारायण का स्मरण करना बहुत कल्याणकारी होता है : संत श्री ज्ञान देव महाराज

आशीर्वाद धार्मिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक आयोजन समिति के तत्वाधान में श्रीमद्भागवत कथा का चतुर्थ दिवस दिवस

 

भोपाल। आशीर्वाद धार्मिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक आयोजन समिति के तत्वाधान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में व्यास पीठ से चतुर्थ दिवस की कथा श्रवण कराते हुए संत श्री ज्ञान देव जी महाराज ने कहा कि नारायण का स्मरण करना बहुत कल्याणकारी होता है। महाराज श्री ने अजामिल का पावन प्रसंग सुनाते हुए कहा कि अजामिल थे तो ब्राम्हण पर संग दोष के कारण वेश्या गामी हो गए। संतों के कहने पर उन्होंने अपने पुत्र का नाम नारायण रखा और जब अजामिल का अंत समय आया तो अपने पुत्र का नाम नारायण पुकारा पर उसका पुत्र तो नहीं आया लेकिन भगवान नारायण के पार्षद विमान लेकर उसको लेने के लिए आ गए। ऐसी हैं भगवान के नाम की महिमा। कैसे भी भगवान का नाम लो वो कल्याण करेगा ही। व्यास पीठ से महाराज श्री ने आगे भक्त प्रह्लाद की कथा में बताया कि प्रह्लाद का दैत्य कुल में जन्म हुआ इसके बाद भी भगवान ने प्रह्लाद पर कृपा करी। राजा बलि दानियों में वो राजा हुए जिनके यहाँ भगवान वामन अवतार धारण कर भिक्षा मांगने स्वयं आये। श्रीमद् भागवत की विश्राम बेला में बड़े ही धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। समिति के संयोजक अरविंद सिंह चौहान ने बताया कि भोपाल के राजीव नगर, दुर्गा मंदिर, सेमरा कलां स्थित एकतापुरी भागवत ग्राउंड मैं आयोजित कथा में आज विशेष अतिथियों में मध्य प्रदेश शासन कैबिनेट मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य कृष्णा घाड़गे, महाराणा सेना भोपाल मध्यप्रदेश की पूरी टीम, उमाशंकर राजपूत सह कार्यालय प्रमुख भाजपा युवा मोर्चा मध्य प्रदेश, बंटी राजपूत महाराणा सेना के प्रदेश अध्यक्ष उपस्थित हुए। कथा का यह 14वां वर्ष है जहां कथा व्यास संतश्री ज्ञानदेव जी महाराज प्रतिदिन अपराह्न 2 बजे से शाम 6 बजे तक श्रीमद् भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगों का अपने मुखारविंद से वर्णन कर रहे हैं। कथा का समापन 11 जनवरी 2025 शनिवार को होगा। समिति की ओर से सभी श्रद्धालुओं से प्रतिदिन श्रीमद्भागवत कथा में शामिल होकर पुण्य लाभ कमाने का अनुरोध किया है।

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