भोपाल। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में खिलचीपुर नाके पर तिरंगे की जगह भगवा झंडा लगाए जाने को लेकर विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने स्थानीय भाजपा विधायक अमर सिंह यादव पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विधायक ने तिरंगा हटवाकर भगवा झंडा लगवाया। दिग्विजय सिंह ने जिला प्रशासन और कलेक्टर को इस मामले में 24 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है।
भाजपा ने किया पालटवार
दिग्विजय सिंह के इस बयान पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी ने कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह हमेशा एक “विशेष वर्ग की राजनीति” करते हैं और धार्मिक प्रतीकों को विवादों में घसीटते हैं। केसवानी ने दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने भगवे को आतंकवाद से जोड़ा और जाकिर नायक जैसे विवादित व्यक्ति को शांति का दूत बताया। दिग्विजय सिंह उन लोगों के साथ जाकर खड़े होते हैं जो कहते हैं भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाल्लाह इंशाल्लाह।
तिरंगा हमारी आन, बान और शान
डॉ. केसवानी ने कहा, “तिरंगा हमारी आन, बान और शान है और भगवा हमारे प्राणों में बसता है। दिग्विजय सिंह को किसी भी झंडे की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। भाजपा का सिद्धांत है कि पार्टी से बड़ा देश है। हम तिरंगे और भगवे दोनों का सम्मान करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि दिग्विजय सिंह झूठी चिंता का नाटक बंद करें और देश में सांप्रदायिकता फैलाने वाली ताकतों को समर्थन देना बंद करें। बतादें यह विवाद अब राज्य की राजनीति का केंद्र बन गया है, जहां दोनों दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। तिरंगे और भगवे जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बहस ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गहरी चर्चा छेड़ दी है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और 24 दिसंबर की समय सीमा के बाद क्या स्थिति बनती है।