सनसनीखेज डिजिटल अरेस्ट मामले मे पहली गिरफ्तारी, एक आरोपी फरार, डिजिटल अरेस्ट करने वाले शातिर गिरोह को फर्जी तरीके से सिम एक्टिवेट कर देने वाले आरोपी को सायबर क्राईम ब्रांच भोपाल ने महोबा उ.प्र. से किया गिऱफ्तार।आधारकार्ड अपडेट के नाम पर किया e-KYC/ d-KYC। इन्ही सिमो से सायबर अपराधी करते है ठगी। घर-घर जाके अलग-अलग गॉव मे फ्री मे सिम देने का देता था झांसा। एक बार मे 2 सिम निकाल लेता था, एक सिम ग्राहक को देकर दूसरी सिम स्वंय रख लेता था। ठगी करने वाले गिरोह को फर्जी सिम देकर मोटी रकम लेता था। लगभग 150 सिमो को सायबर अपराधियो के दे चुका है।
घटनाक्रम :- 27 नवंबर को प्रमोद कुमार निवासी गायत्री नगर करारिया थाना बजरिया भोपाल जो कि वोडा-आईडिया मे फील्ड इंजीनियर है, उन्होंने आवेदन दिया था कि 12 नवंबर की शाम को उनके पास एक अज्ञात मो.न. से कॉल आया जिसने अपना नाम राहुल कुमार बताया और बोलने लगा की मै टेलीकॉम रेगुलर ऑथॉरिटी से बात कर रहा हूं, आपके आधार कार्ड से एक सिमकार्ड मुंबई मे लिया गया है।
जिसका उपयोग गैर कानूनी कार्य मे किए जा रहा है, फिर कुछ देर बाद मेरे पास एक अज्ञात व्हाट्सएप मो.न. से कॉल आया और बोलने लगा की मै मुंबई क्राईम ब्रांच से बात कर रहा हूं। आपके आधार कार्ड से जो मोबाईल नम्बर लिया गया है उससे गैर कानूनी कार्य किया जा रहा है फिर उन लोगो ने उन्हें डराने के लिए एक अज्ञात व्हाट्सएप मो.न. से सीबीआई के नाम से तीन फर्जी पत्र भेजे जिन्हे देख कर तथा इससे बचने के लिये 3,50,000/-रू जमा कराने का बोला और पैसा जमा न करने की स्थिति मे आवेदक के विरूध्द सीबीआई के माध्यम से कार्यवाही करने की बोला। फिर थोडी देर बाद व्हाट्सएप कॉल पर एक आदमी उनके सामने पुलिस की वर्दी मे आया और अपने आपको सीबीआई का अधिकारी बताते हुए कहने लगा की अगर तुमने अभी 3,50,000/-रू जमा नही किए तो तुम्हारे विरूध्द गिरफ्तारी वारंट जारी कर देगें और भोपाल आकर गिरफ्तारी करेगे। घटना की सूचना मिलने पर डिजिटल अरेस्ट की संवेदनशीलता देखते हुये अति.पुलिस उपायुक्त(Add. DCP) शैलेन्द्र सिंह चौहान एंव सहायक पुलिस आयुक्त मुख्तार कुरैशी के द्वारा घटना स्थल पर पहुंचकर पीड़ित को सांत्वना व समझाइश देकर डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया गया।पीड़ित परिवार बहुत ही घबराया हुआ था, यदि तुरन्त पुलिस समय पर नही पहुंचती तो पीड़ित के साथ बडा फ्राड हो सकता था।
तरीका वारदात:- आरोपी Telecom Regulatory Authority of India व सीबीआई के अधिकारी बनकर लोगो को बोलते थे कि तुम्हारे आधार कार्ड से जो सिम ली गई है वो किसी गैरकानूनी गतिविधि मे संलिप्त है और इसके लिये आरोपी फरियादी को विडियो कॉल करके फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर डिजिटली अरेस्ट करने का कहकर फरियादी को एक कमरे मे जाने के लिये बोलकर पूछताछ के नाम पर कानूनी कार्यवाही से बचने के लिये बैंक खातो मे रुपये जमा करने का कहते थे। प्रकरण मे जांच मे आये तथ्यो के आधार पर एयरटेल कम्पनी का एजेन्ट गिरफ्तार आरोपी धीरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा जो ग्रामीण क्षेत्रो मे जाकर लोगो को फ्री मे सिमकार्ड देने का झांसा देकर सिम एक्टिव करने की प्रोसेस करता और बोलता कि आपके आधार मे कुछ गडबढी है आपको सिम के लिये फिर से प्रोसेस कराना होगा और उसी व्यक्ति के नाम की 02 सिम एक्टिवेट कर लेता था, 01 सिम स्वंय रख कर दूसरी सिम ग्राहक को दे देता था। इस प्रकार वह फर्जी सिमो को मोटे दामो मे ठगी करने वाले गिरोह को दे देता था।
पुलिस कार्यवाही:- सायबर क्राईम जिला भोपाल की टीम ने कार्यवाही कर कानपुर, महौबा से प्राप्त साक्ष्यो व तकनीकी एनालिसिस के आधार पर अपराध करने में उपयोग किये गये कॉलिंग मोबाइल नंबर के धारक विकास साहू पिता जगदेव साहू निवासी भाटीपुरा महौबा से पूछताछ की जिसके द्वारा बताया गया कि पीओएस एजेंट धीरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा द्वारा फ्री सिम देने का कहकर आधार कार्ड व फेस को अपने मोबाईल से स्कैन किया और कहा कि आपकी सिम एक्टिवेट नही हो पा रही है आप फिंगर प्रिंट या फेस अपने आधारकार्ड मे अपडेट करा ले। फिर दोबारा अँगूठा (बायोमेट्रिक) मशीन मे लगवाकर सिम को एक्टिवेट कर मुझे दे दिया था । अतः मो.न. धारक विकास साहू के न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर कथन लेख करवाये गये जिसने स्वंय के साथ फ्राड हो जाने पुष्टि न्यायालय के समक्ष की । पीओएस एजेंट की तलाश करते हुये फर्जी तरीके से सिम एक्टिवेट कर करने वाले पीओएस एजेंट धीरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा पिता रामशरण विश्वकर्मा (30)निवासी- वीरभूमि डिग्री कॉलेज के पास, भाटीपुरा, मबोहा, उ.प्र तकनीकि जानकारी प्राप्त की गई एवं प्राप्त जानकारी का मैदानी स्तर पर टीम के सदस्यों द्वारा प्रयास कर महोबा उ.प्र. से गिरफ्तार किया गया एवं अपराध में प्रयुक्त 01 मोबाइल फोन, 03 सिम कार्ड, जप्त किये गये है। फरार आरोपी दुर्गेश सिंह पिता प्रहलाद सिंह उम्र -21 साल निवासी- ग्राम समाज नगर पोस्ट दहेली घाटमपुर कानपुर उ.प्र की तलाश पुलिस कर रही है।
साइबर टीम द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है
सिम खरीदते समय ये बाते ध्यान दे
आपके द्वारा बायोमेट्रिक मशीन पर एक बार ही फिंगरप्रिंट लगाये यदि एक से ज्यादा बार फिंगरप्रिटं लगाने को कहा जाये तो जांच ले कि आपके नाम पर एक से अधिक सिम इश्यु तो नही की गई है।
यदि आपके द्वारा आधारकार्ड या अन्य दस्तावेज का फोटोकापी दी जाती है तो उस पर (केवल सिम खरीदने के लिये) लिखकर साईन करे। इससे आपके डॉक्यूमेंट का कभी भी मिसयूज नहीं हो पाएगा
TAFCOP – आप इस पोर्टल पर जाकर पता कर सकते है कि आपके नाम पर कितनी सिम रजिस्टर्ड है , यदि सिम आपके नाम पर नही है तो उसे रिपोर्ट पर भी कर सकते है।
CEIR – मोबाईल फोन खोने/चोरी होने की स्थिति मे तुरंत www.ceir.gov.in पर रिपोर्ट करे।
CHAKSHU – यदि आपको धोखाधडी वाले काल/ मैसेज प्राप्त होते है तो चक्षु पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज करे।
NCCRP – किसी भी प्रकार की सायबर धोखाधडी होने पर तुरंत आनलाईन पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवाये।
SACHET- बैंक ,बीमा कंपनियो , म्युचल फंड्स, स्टाक ब्रोकर , सामूहिक निवेश योजनाओ पेंशन योजनाओ ,गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियो के खिलाफ शिकायत की रिपोर्ट www.sachet.rbi.org.in पर रिपोर्ट दर्ज करे।
नोटः- सायबर काईम संबंधित घटना घटित होने की सूचना भोपाल सायबर क्राइम के हेल्पलाइन नम्बर 9479990636 अथवा राष्ट्रीय हेल्पलाईन नंबर 1930 पर दे।