द इंटरनेशनल लायंस क्लब विदिशा डिस्ट्रिक्ट 3233g-2 द्वारा मां वेत्रवती घाट सुधार सेवा समिति के सहयोग से नदी के सुरम्य घाट पर विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। समिति अध्यक्ष गोवर्धन साहू जी द्वारा 1996 से प्रतिवर्ष पांच दिवसीय उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। कार्यक्रम संयोजक एवं लायंस क्लब अध्यक्ष लायन अरुण कुमार सोनी एवं समिति अध्यक्ष गोवर्धन सिंह साहू सहित अतिथियों ने सर्वप्रथम पूजन, वंदन ,अर्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिसमें आज तीसरे दिवस समिति के सहयोग से लायंस क्लब विदिशा द्वारा विराट कवि सम्मेलन रखा गया। जिसके मुख्य अतिथि इतिहासकार गोविंद देवलिया एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय स्वर्णकार महासभा एमजेएफ लायन राजकुमार सर्राफ प्रिंस जो कि इस पांच दिवसीय कार्यक्रम के संयोजक भी हैं। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता लायंस क्लब विदिशा अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अखिल भारतीय स्वर्णकार महासभा कवि लायन अरुण कुमार सोनी द्वारा की गई। इस देर रात तक चलने वाले कवि सम्मेलन का सफल, सुंदर, हास्य पूर्ण संचालन राष्ट्रीय हास्य कवि भाई संतोष सागर जी द्वारा एवं आभार व्यक्त नमामि गंगा परियोजना से सम्बध्द मां वेत्रवती घाट सुधार सेवा समिति अध्यक्ष गोवर्धन साहू जी द्वारा किया गया। समिति महामंत्री ओम प्रकाश कुशवाह ने इस कार्यक्रम में विशेष सहयोग प्रदान किया। इस विराट कवि सम्मेलन में कवि सर्व श्री अशोक खरे, उदय ढोली, राष्ट्रीय कवि लायन सत्येंद्र सत्यज, शाहिद अली शाहिद, कृष्णकांत मूंदड़ा, प्रदीप सोनी, अनुज भार्गव, बद्री प्रसाद जी, संजय चतुर्वेदी, मेहमूद कामिल, चांद खां चांद, शीतल जैन , ज्ञानचंद जी, कमल भाई रायकवार, जगन्नाथ सिंह जी, विष्णु दुबे जी, श्रवण कुमार राठौर, सोवरन सिंह राठौड़, कोमल सिंह कोमल, अजय जी राहुल, दीपक भाई, राष्ट्रीय कवि संतोष सागर, कवि लायन अरुण कुमार सोनी, आदि कवियों ने अपनी रचनाओं से समा बांध दिया। देर रात तक चलने वाले इस नदी किनारे कवि सम्मेलन में, ठंड के सीजन में भी लोग अपनी सुध- बुध खोकर हास्य-व्यंग्य की कविताओं में तल्लीन रहे। कविताओं एवं कवियों की गरिमा को देखते हुए लोगों ने इसे राष्ट्रीय कवि सम्मेलन की संज्ञा प्रदान की। इसमें कवि बद्री प्रसाद जी की कविता प्रदूषण मोहे छेड़े है। संतोष शर्मा सागर की कविता कभी कच्चा बनाती थी, कभी पक्का बनाती थी। मगर मां जो बनाती थी, बहुत अच्छा बनाती थी।। लायन अरुण कुमार सोनी की गजल बेंच दी जिसने जवानी, चंद सिक्कों के लिए। खो दिया आंखों का पानी, चंद सिक्कों के लिए। मतलबी इंसान ने ,कर ली ज़रा में अख़्तियार, वेश्या सी जिंदगानी, चंद सिक्कों के लिए।। उदय ढोली की कविता युगों युगों से जो हरे, दुखियारों की पीर। सदा रहे मां बेतवा, तेरा निर्मल नीर।। लायन सत्येंद्र सत्यज की कविता चक्र उठाना है उंगली पर, या मुरली को धरना है। कृष्ण सिखाते हैं जीवन में, हमको कब क्या करना है।। शाहिद अली शाहिद की कविता तन में शिव है, मन में शिव है,सृष्टि के कण कण में शिव है।। संजय चतुर्वेदी की कविता देश प्रेम की अलख जगा दो, हर एक हिंदुस्तानी में।। अनुज भार्गव, सहित कई अन्य कवियों की कविताओं को दर्शकों ने बहुत पसंद किया एवं जोरदार तालियों से कवियों का स्वागत किया। इस अवसर पर इतिहासकार एवं राष्ट्रीय कवि गोविंद देवलिया, विख्यात कवि उदय ढोली,बद्री प्रसाद जी, सोवरन सिंह राठौड़, माधव प्रसाद जी कामरेड, राष्ट्रीय कवि संतोष शर्मा सागर, आदि कवियों का शाल, श्रीफल एवं पुष्प हार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी ने गरमा गरम भजिए, हलवा एवं चाय का आनंद उठाया।