ग्लादेशी सेना और उग्रवादी संगठन के बीच मुठभेड़, 200 से ज्यादा लोगों ने भारत में ली शरण

बांग्लादेशी सेना और कुकी-चिन नेशनल आर्मी (केएनए) के बीच सशस्त्र संघर्ष के कारण पड़ोसी देश से 200 से ज्यादा लोग मिजोरम के दक्षिणी लॉन्गतलाई लिए में आ गए हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

केएनए, कुकी-चिन नेशनल फ्रंट (केएनएफ) की सशस्त्र शाखा है, जो बांग्लादेश में समुदाय के लिए सुरक्षा और एक अलग राज्य की मांग करता है। अधिकारी ने बताया, बांग्लादेश रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) और केएनए के बीच हालिया मुठभेड़ के कारण रविवार की शाम 125 महिलाओं व बच्चों समेत 274 बांग्लादेशी अपने गांवों से भाग गए और लॉन्गतलाई जिले के सिमिनासोरा में प्रवेश कर गए।

उन्होंने बताया कि कुकी-चिन-मिजो समुदाय के बांग्लादेशी नागरिक सात गांवों से पूर्वोत्तरी राज्य में शरण लेने के लिए आए हैं। जिला प्रशासन और सरकारी संगठन मानवीय आधार पर उन्हें राहत प्रदान कर रहे हैं।

इस बीच, जो रियूनिफिकेशन ऑर्गनाइजेशन (जोरो) ने बांग्लादेशी सेना द्वारा कुकी-चिन-मिजो समुदाय के नागरिकों पर हमले की निंदा की है। भारत, म्यामांर और बांग्लादेश की चिन-कुकी-मिजो जनजातियों के रियूनिफिकेशन के लिए काम करने वाले मिजो समूह ने आरोप लगाया कि केएनए के खिलाफ संयुक्त गुप्त अभियान शुरू करने के लिए बांग्लादेश की सेना ने म्यांमार स्थित अराकान आर्मी (एए) के साथ एक गुप्त समझौता किया है।

मिजो समूह ने दावा किया कि बांग्लादेश रैपिड एक्शन बटालियन और अराकान आर्मी की संयुक्त सेना ने पिछले हफ्ते चाइखियांस और पड़ोसी गांवों पर हमला किया। नौ नागरिकों का अपहरण कर लिया।

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