एम्स भोपाल में “अल्ट्रासाउंड गाइडेड रीजनल एनेस्थीसिया” पर कार्यशाला का आयोजन

एम्स भोपाल के एनेस्थीसिया विभाग द्वारा रिसर्च सोसायटी ऑफ एनेस्थीसियोलॉजी क्लिनिकल फार्मोकोलॉजी के सहयोग से एम्स भोपाल अल्ट्रासाउंड गाइडेड रीजनल एनेस्थीसिया 2024″ विषय पर आयोजित एक दो दिवसीय सीएमई एवं कार्यशाला का उद्‌घाटन आज 20 जुलाई 2024 को एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने किया। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि “किसी भी प्रकार के ऑपरेशन में एनेस्थीसिया की विशेष भूमिका होती है। आज के समय में नई तकनीक के विकास के साथ स्थानक एनेस्थीसिया का विशेष महत्व हो गया है और यह काफी प्रभावी भी रही है। अब सामान्य एनेस्थीसिया के स्थान पर अल्ट्रासाउंड की सहायता से शरीर के केवल उसी अंग को एनेस्थीसिया देकर ऑपरेट किया जा सकता है, जहां इसकी आवश्यकता है। प्रोफेसर सिंह ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्यशाला से प्रतिभागियों को इस क्षेत्र की नवीनतम जानकारी प्राप्त करने का एक अवसर मिलेगा,जिससे भविष्य में वे अपने करियर में इसका बेहतर उपयोग कर पाएंगे।

एनेस्थीसिया विभाग की प्रमुख डॉक्टर वैशाली वेंडेस्कर ने कहा कि स्थानिक एनेस्थीसिया अल्ट्रासाउंड की सहायता से पूरी सटीकता के साथ दिया जा सकता है और इसके द्वारा मरीज की सर्जरी और बेहतर तरीके से की जा सकती है। साथ ही मरीज को रिकवर होने में कम समय लगता है। एनेस्थीसिया विभाग सभी प्रकार की सर्जरी में विशेष भूमिका निभाता है। इसके अलावा एक्यूट एवं क्रॉनिक दर्द का भी इलाज विशेष रूप से तैयार किए गए ऑपरेशन थिएटर में किया जाता है। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आए 85 प्रतिनिधि और 40 संकाय सदस्य भाग ले रहे हैं।

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