एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह संकाय और छात्रों के बीच अकादमिक उत्कृष्टता और ज्ञान-साझाकरण की संस्कृति को सदैव बढ़ावा देते रहते हैं। उनके मार्गदर्शन में, एम्स भोपाल ने विभिन्न शैक्षणिक मंचों पर उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। विभिन्न सम्मेलनों और कार्यशालाओं में संकाय सदस्यों की भागीदारी न केवल उनके कौशल को बढ़ाती है बल्कि उन्हें नवीनतम प्रगति के साथ अद्यतन भी रखती है। हाल ही में, एम्स भोपाल के न्यूरोसर्जरी विभाग में एडीशनल प्रोफेसर डॉ. आदेश श्रीवास्तव ने इस्तांबुल, तुर्किये में आयोजित पहली यासरगिल माइक्रोन्यूरोसर्जरी कांग्रेस में फैकल्टी एवं इन्नोवेटर के रूप में भाग लिया। 4 से 7 जून तक आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में विश्व के 600 से भी अधिक प्रसिद्द न्यूरो सर्जन्स ने भाग लिया। इस सम्मलेन में डॉ. आदेश श्रीवास्तव ने उनके द्वारा एम्स भोपाल में विकसित की गयी ‘बिना न्यूरो नेविगेशन के कीहोल मइक्रोसर्जरी” की तकनीक को प्रस्तुत किया। दरअसल पारंपरिक तरीकों से मस्तिष्क की सर्जरी करने में काफी बड़ा चीरा लगाना पड़ता है और मरीज के ठीक होने में समय भी ज्यादा लगता है। किंतु कीहोल माइक्रो सर्जरी के द्वारा कम चीर फाड़ करके मस्तिष्क का ऑपरेशन किया जा सकता है। डॉक्टर आदेश श्रीवास्तव ने न्यूरो नेविगेशन मशीन के बिना, उपलब्ध संसाधनों के द्वारा 3D वर्चुअल रियलिटी के द्वारा नेविगेशन करके मस्तिष्क में स्थित ट्यूमर तक पूरी सटीकता के साथ पहुंचकर उसे ऑपरेशन कर बाहर निकाला। यह तकनीक दुनिया भर में सीमित संसाधनों और अपर्याप्त सुविधाओं वाले केंद्रों में भी उच्च गुणवत्ता वाले न्यूरोसर्जिकल परिणाम देती है। डॉक्टर आदेश की इस तकनीक की माइक्रो न्यूरोसर्जरी कांग्रेस में विश्व भर से आए न्यूरोसर्जन ने विशेष रूप से सराहना की। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने डॉ. आदेश श्रीवास्तव को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।