सुखदेव सिंह अरोड़ा,भोपाल।
सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल ईदगाह भोपाल का 40 वाॅ वार्षिक खेलकूद दिवस हर्षोल्लास के साथ गुरुवार को मनाया गया।कार्यक्रम का उद्घाटन दीपिका सूरी (भारतीय पुलिस सेवा – महानिदेशक-प्रशासन) भोपाल द्वारा किया गया। विद्यालय की एनसीसी की छात्रों द्वारा उन्हें सम्मान मंच तक लाया गया और शावर्स ऑफ ब्लेसिंग्स सिस्टर लिली द्वारा दिया गया। स्वागत के बाद भाषण तथा छात्राओं द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया। परेड का निरीक्षण अतिथि,प्राचार्या तथा स्कूल प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। मार्च पास्ट में कक्षा 8 से 12वीं तक की छात्राओं द्वारा भाग लिया गया। स्कूल के बैंड द्वारा अलग-अलग धुने, आकृतियों के साथ प्रस्तुति दी गई।40वे स्पोर्ट्स मीट को ओपन करने की घोषणा की गई।।स्पोर्ट्स मशाल -खेलकूद शिक्षक- रवदीप मल्हारी, खेलकूद मंत्री -भूमि पडया, मरयम पाशा द्वारा मशाल प्रज्वलित की गई।
सबसे पहले प्रस्तुति केजी की छात्रों द्वारा “नैतिक मूल्यों की दिव्य छत्रछाया” विषय पर प्रस्तुत की गई। जिसमें उनकी मासूमियत, सादगी ,छल-कपट से मुक्ति, पवित्रता दिखाई गई, जोकी सेंट जोसेफ परिवार की सबसे छोटी सदस्य हैं।उन्होंने शांति और सद्भावना स्थापित करने के लिए आज के परिदृश्य में आवश्यक नैतिक मूल्यों को दर्शाते हुए अनुग्रह और गरिमा की छत्रछाया में काम कर रही हैं।दूसरी प्रस्तुति कक्षा 1 और 2 की छात्राओं ने शीर्षक-“आशा की किरण” पर प्रस्तुत की । प्रेम ,सद्भावना, गौरवशाली भूमि की छटाओं के द्वारा प्रस्तुति दी गई।
हरी झिलमिलाहट- समृद्धि और प्रगति का संदेश देती है।पीली झिलमिलाहट- प्यार और खुशी की गर्माहट देती है ।नीली झिलमिलाहट -आकाश की विशालता के साथ मिलकर आशा को हमेशा जीवंत बनाए रखती है। लाल झिलमिलाहट- ब्राह्मांडीय उर्जा के साथ तालमेल बिठाने के लिए ऊर्जा का संचार करती है।गोल चक्र के द्वारा- सभी एकजुट होकर नया रास्ता दिखाने के लिए “प्रकाश की किरण” के रूप में उभरती हैं, मानवता के योद्धा।
तीसरी प्रस्तुति कक्षा 3 से 5 की छात्राओं द्वारा दी गई। हमारे युवा योद्धा मजबूत, स्थिर और समाज की बुराइयों पर प्रहार करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। बहादुर और जीत की अंतर्दृष्टि रखें, लड़ाई से नहीं बल्कि नई शिक्षा नीति के अनुपालन तथा सेपियन कोड की ईटों का उपयोग करके किले का निर्माण करें तथा मानवता को बचाने के लिए प्रयास करें।चौथी प्रस्तुति कक्षा 6 से 8 तक की छात्रों द्वारा आत्मरक्षा के लिए स्वदेशी खेल- मार्शल आर्ट गतका। गतका को पुनर्जीवित करने के लिए हमारे युवा ब्रिगेड द्वारा एक प्रयास -अपनी और राष्ट्र की रक्षा करना । हमारे युवा ब्रिगेड द्वारा “वासुदेव कुटुंबकम” में विश्वास रखने की प्रस्तुति दी गई।
बड़ी कक्षा की छात्राओं द्वारा ऊर्जावान प्रदर्शन,स्त्री शक्ति गुणों के साथ, गौरव और शक्ति सृजन को दर्शाता है ।समाज और युवा समुदाय के निर्माण में करुणा का तालमेंल वर्तमान में बहुत जरूरी है।सहनशक्ति,सहानुभूति, सौम्यता,दयालुता और गरिमा महिलाओं में लाने का संदेश देती है। इस अवसर पर छात्राओं की विभिन्न डिवीजन के 50 मी,80 मी,100 मी, 200 मी के साथ 4 X 100 और 4 X 50 मी रिले दौड़ आयोजित किये गए।
यहां जोसिटा द्वारा दुनिया के लिए एक संदेश भी दिया जा रहा है। आधुनिकता को अपना कर अपने पारंपरिक मूल्यों को समृद्ध करें और जीवित रखें। साहस के साथ जीवन के तूफानी रास्ते पर चलने के लिए खुद को तैयार करें। आध्यात्मिक रूप से मजबूत होकर खुद को सुरक्षित रखें। प्रगति और सशक्तिकरण के अवसरों का लाभ उठाएं।शब्दों के प्रति निष्ठावान और सच्चे रहे तथा शांति और शक्ति की गूंज को प्रतिध्वनित करें।
मुख्य अतिथि ने छात्राओं को संबोधित कर उनकी सराहना की तथा कामना की कि वे निश्चित रूप से खेलों में अपने विद्यालय ,राज्य तथा भारत का नाम रौशन करेंगी। विद्यालय की प्राचार्य ने छात्राओं को नसीहत दी की ,खेल को जीतने तथा हारने के लिए नहीं अपितु खेल को खेल की भावना से खेलना चाहिए। शारीरिक शिक्षक द्वारा शिक्षा में खेलकूद के महत्व पर प्रकाश डाला तथा स्पष्ट किया कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है, जिससे एकाग्रता बढ़ती है।विभिन्न खेलकूद की प्रतियोगिताओं के पश्चात सभी विजेताओं को ट्रॉफी देकर पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर तिलक सदन ने सर्वश्रेष्ठ सदन के खिताब को अपने नाम किया।
अंत में विद्यालय के कप्तान द्वारा अगले साल फिर मिलने के वादे के साथ धन्यवाद दिया गया।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान द्वारा किया गया।