एक विशेष वर्ग को योग से दूर रखना सांस्कृतिक आतंकवाद- चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग

विश्व योग दिवस: चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कार्यकर्ताओं के साथ किया योगाभ्यास

 

भोपाल सुखदेव सिंह अरोड़ा।योग कोई धार्मिक प्रक्रिया नहीं बल्कि हमारे स्वास्थ्यवर्धन व शारीरिक एवं मानसिक उत्कर्ष का बेहद महत्वपूर्ण आयाम है। यह हमारी भारतीय संस्कृति और दर्शन का अभिन्न हिस्सा है। वामपंथी व कांग्रेस द्वारा एक विशेष वर्ग को योग से दूर रखना सांस्कृतिक आतंकवाद है। यह वकत्व्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने विश्व योग दिवस के अवसर पर दिया। बुधवार को सुबह मंत्री सारंग नरेला विधानसभा में आयोजित सामुहिक योग कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ प्राणायाम व सूर्य नमस्कार समेत विभिन्न योग मुद्राओं का योगाभ्यास किया। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, कार्यकर्ता सहित बड़ी संख्या में रहवासी उपस्थित रहे।

 

विशेष वर्ग को योग से दूर करने का प्रयास सांस्कृतिक आतंकवाद

मंत्री सारंग ने कहा कि कांग्रेस और वामपंथी दल हर उस विषय में विवाद उत्पन्न करने का प्रयास करते है जो भारत के दर्शन एवं संस्कृति से जुड़ा है। यह उनकी तुष्टिकरण की निति का हिस्सा है। परंतु वे जिन वर्गों को योग से दूर करने का प्रयास कर रहे है, इससे उन्हीं का नुकसान है। आजादी के बाद कांग्रेस और वामपंथी दलों ने एक वर्ग विशेष को देश की संस्कृति से दूर करने का प्रयास किया है, जो कि सांस्कृतिक आतंकवाद है। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों को यह ध्यान रखना चाहिये कि योग कोई धार्मिक प्रक्रिया नहीं है, योग हमारे स्वास्थ्यवर्धन व शारीरिक एवं मानसिक उत्कर्ष का बेहद महत्वपूर्ण आयाम है। देश की संस्कृति को मिटाना और उसके प्रति भ्रम फैलाना सांस्कृतिक आतंकवाद है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में योग को मिली वैश्विक पहचान

मंत्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को विश्व पटल पर नई पहचान दिलाई है। आज संपूर्ण विश्व प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से विश्व योग दिवस मना रहा है। योग हमारी संस्कृति और दर्शन का वो आयाम है जिसने प्रत्येक व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने का माध्यम प्रदान किया है। योग की सहायता से व्यक्ति को स्वस्थ शरीर के साथ ही मानसिक और आत्मिक शांति की भी अनूभूति होती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर योग से संपूर्ण विश्व में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है। उनके कुशल नेतृत्व के परिणाम स्वरूप आज पूरे विश्व ने भारत की इस पुरातन विधा को स्वीकार किया है जो कि भारतीय विचारों और दर्शन की विश्व में साख का प्रतीक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *