सरकार, पुलिस प्रशासन और समाज सदैव रहेगा शहीदों के परिजनों के साथ
मुख्यमंत्री ने पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद जवानों को अर्पित की श्रद्धांजलि
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को लाल परेड ग्राउंड स्थित शहीद स्मारक पर आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड में शहीद पुलिस जवानों को नमन करते हुए कहा कि वीरता, कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भावना से ओत-प्रोत हमारे पुलिस जवान सदा प्रेरणा का स्रोत रहेंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 1959 की वह ठंडी सुबह आज भी हमारे हृदय में अंकित है, जब लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में देश की रक्षा करते हुए हमारे दस वीर पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। उसी शौर्यगाथा की स्मृति में पुलिस स्मृति दिवस मनाने की परंपरा प्रारंभ हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिवस प्रत्येक वर्दीधारी के लिए प्रेरणा का पर्व है, क्योंकि कर्तव्य की वेदी पर प्राणों का उत्सर्ग ही वास्तविक अमरता है।
मुख्यमंत्री ने शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि उनके बलिदान ने हमारी शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की है। उन्होंने प्रदेश की समृद्धि, सुरक्षा और पुलिसकर्मियों के उत्साहवर्धन के लिए बाबा महाकाल से कामना की। डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को शांति का टापू कहा जाता है, जिसका श्रेय प्रदेश पुलिस की सतर्कता, अनुशासन और समर्पण को जाता है। नक्सलवाद, माफिया, साइबर अपराध नियंत्रण और महिला सुरक्षा के क्षेत्र में पुलिस की भूमिका अनुकरणीय रही है। बीते वर्ष डेढ़ करोड़ के इनामी दस नक्सलवादियों का सफाया, जयपुर सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों की गिरफ्तारी और आतंकवादियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई पुलिस के पराक्रम के उदाहरण हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2026 तक नक्सलवाद उन्मूलन का लक्ष्य प्रदेश पुलिस की क्षमता और योग्यता से प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के कारण ही अपराधियों के हौसले पस्त हैं और प्रदेश सुशासन की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने बालाघाट जिले में पुलिस द्वारा शुरू किए गए एकल सुविधा केंद्र, ‘सृजन’ कार्यक्रम, ‘सेफ क्लिक-सुरक्षित जीवन’ और ‘नशे से दूरी है जरूरी’ अभियानों की सराहना करते हुए कहा कि इन पहलों ने समाज में सुरक्षा और जागरूकता का माहौल मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में साइबर अपराध बड़ी चुनौती है, लेकिन राज्य की साइबर सेल, फॉरेंसिक और जीपीएस तकनीक से पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की मिसाल पेश की है।
डॉ. यादव ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन में प्रदेश पुलिस ने शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि CCTNS सिस्टम से सभी थानों को ऑनलाइन जोड़ा गया है, जिससे पुलिस, न्यायालय और अभियोजन विभाग एकीकृत होकर पारदर्शिता और गति के साथ कार्य कर रहे हैं। मिशन कर्मयोगी के तहत कौशल विकास, डिजिटल लर्निंग और नेतृत्व प्रशिक्षण में भी पुलिस ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री ने इंदौर में एक पुलिस जवान द्वारा विधायक मधु वर्मा की जान बचाने के लिए दिए गए त्वरित सीपीआर की सराहना करते हुए कहा कि यह संवेदनशीलता और तत्परता पूरे पुलिस बल के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि सरकार सदैव पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के साथ है। यदि कोई जवान शहीद होता है, तो सरकार उसके परिवार के साथ खड़ी रहती है। शहीदों के परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की नीति इसी भावना का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस जवान गर्मी, सर्दी, बरसात और त्यौहारों में भी बिना रुके ड्यूटी करते हैं, इसलिए राज्य सरकार का दायित्व है कि उनके कल्याण और आधुनिक सुविधाओं पर पूरा ध्यान दे। मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पुलिस कर्मियों के लिए 5700 करोड़ रुपये की लागत से 25 हजार से अधिक मकान बनाए जा रहे हैं। साथ ही 21 हजार पदों की भर्ती अगले तीन वर्षों में पूरी की जाएगी।
पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस श्रद्धा, स्मरण और संकल्प का दिन है। यह उन वीर साथियों की स्मृति को समर्पित है जिन्होंने देश और प्रदेश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। इस वर्ष मध्यप्रदेश पुलिस के 11 जवानों ने देश के लिए अपनी शहादत दी है। उन्होंने कहा कि 1959 से अब तक प्रदेश के 1,009 जवान कर्तव्य पालन करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए हैं। सभी शहीदों के परिवारों की सुरक्षा और कल्याण विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। पुलिस बैंड द्वारा देशभक्ति की धुनों पर शहीद स्मारक को सलामी दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहीदों के परिजनों से भेंट कर संवेदनाएं व्यक्त कीं और कहा कि उनका परिवार अब सदैव राज्य पुलिस परिवार का हिस्सा रहेगा। कार्यक्रम में महापौर मालती राय, अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और शहीदों के परिजन उपस्थित रहे।