सांसद आलोक शर्मा ने लोकसभा में उठाया भोपाल का गौरवशाली इतिहास

राजा भोज शोध संस्थान बने, लोगों को उस दौर की समृद्ध संस्कृति, सभ्यता और परंपरा की जानकारी हो

भोपाल। सांसद आलोक शर्मा एक बार फिर भोपाल शहर को लेकर संसद में मुखर हुए। सोमवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उन्होंने भोपाल में राजा भोज शोध संस्थान बनाए जाने का मामला प्रमुखता से उठाया। सांसद शर्मा ने कहा कि भोपाल का एक हजार साल का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां की समृद्ध संस्कृति, सभ्यता और परंपराएं अमूल्य धरोहर हैं। उन्होंने लोकसभा स्पीकर के माध्यम से संस्कृति मंत्री से पूछा कि सरकार की राष्ट्रीय संस्कृति निधि के अंतर्गत भोपाल में राजभोज के नाम पर शोध संस्थान बनाने का विचार है? यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? और यदि नहीं, तो राजा भोज के नाम पर कब तक भोपाल में शोध संस्थान स्थापित किया जाएगा। सांसद शर्मा ने लोकसभा स्पीकर से निवेदन किया कि भोपाल की गौरवशाली संस्कृति है। हमारा भोपाल राजा भोज का भोपाल है। हमारा भोपाल सम्राट अशोक का भोपाल है। हमारा भोपाल चंद्रगुप्त मौर्य का भोपाल है। हमारा भोपाल प्रत्यारवंशों का भोपाल है। हमारा भोपाल रानी कमलापति, गोंडों का भोपाल है भोपाल की वास्तविक विरासत को विश्व पटेल पर लाने हेतु सरकार की कोई कार्य योजना है कृपया बताने की कृपा करें। उल्लेखनीय है कि सांसद आलोक शर्मा पूर्व में भी विभिन्न मंचों से भोपाल की विरासत को संरक्षित करने और राजा भोज व रानी कमलापति के कालखंड के समृद्ध इतिहास को लेकर मामला उठाते रहे हैं। राजा भोज द्वारा बनवाया गया बड़ा तालाब शहर की जीवन रेखा है। तालाबों का संरक्षण हो। यहां राजा भोज की विशाल प्रतिमा लगाई गई है। वहीं जिस स्थान पर रानी कमलापति ने अपनी अस्मिता और सम्मान की रक्षा के लिए जौहर किया था। छोटे तालाब के उस स्थान पर आलोक शर्मा ने भोपाल महापौर रहते ही रानी कमलापति की विशाल प्रतिमा की स्थापना के साथ खूबसूरत आर्च ब्रिज का निर्माण कराया था। संभावनाओं की राजधानी भोपाल राजा भोज और रानी कमलापति का शहर है। इसकी ऐतिहासिक और सामाजिक पहचान है। यह शहर विरासतों को संरक्षित करते हुए नवाचार, प्रगति और अवसरों का केंद्र बनने का सपना देखता है। यह शहर की सांस्कृतिक समृद्धि और ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए इसे वैश्विक पहचान दिलाने की संभावनाओं को उजागर करता है।

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