मध्यप्रदेश के डीजीपी सक्सेना को भावभीनी विदाई

डीसीपी बेटी ने दी सलामी

मुख्यालय पहुंचकर सक्सेना ने नए डीजीपी कैलाश मकवाना को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए बेटन सौंपा

भोपाल। पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना के सेवानिवृत्ति के अवसर पर विदाई परेड का आयोजन मोतीलाल नेहरू पुलिस स्‍टेडियम भोपाल में किया गया। परेड से पहले पुलिस महानिदेशक सक्सेना ने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। विदाई परेड में परेड कमाण्‍डर की जिम्‍मेदारी भापुसे सोनाक्षी सक्‍सेना डीसीपी इंटेलिजेंस भोपाल तथा परेड टूआईसी सहायक सेनानी रवि शर्मा के नेतृत्व में आठ प्‍लाटून तथा पुलिस बैण्ड दल द्वारा परेड की गई। पुलिस महानिदेशक सक्सेना द्वारा परेड का निरीक्षण किया गया उसके बाद आकर्षक मार्च पास्ट हुआ। सेवानिवृत्ति के अवसर पर अपने संबोधन में सुधीर सक्सेना ने कहा कि एक अत्यंत भव्य परेड़ का आज आपने प्रदर्शन किया है। इसके लिये मैं आप सभी को बहुत बहुत बधाई देता हूं। आपके इस प्रदर्शन के लिए मैं एडीजी एसएएफ तथा उनकी पूरी टीम को भी धन्यवाद देता हूँ, जिनके अथक परिश्रम एवं समर्पण के फलस्वरूप आपके उच्च कोटि के प्रदर्शन के हम सभी साक्षी बने हैं। उन्‍होंने कहा कि सर्वप्रथम मैं मध्यप्रदेश पुलिस शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए हृदय की गहराईयों से उनका स्मरण करता हूं। इन शहीदों के आत्मदान की नींव पर ही मध्यप्रदेश पुलिस की गौरवशाली इमारत खड़ी हुई है। समस्त शहीदों और उनके महान परिजनों के बलिदान के प्रति मैं अपना विनम्र अभिवादन प्रस्तुत करता हूं।

मध्यप्रदेश पुलिस का एक अत्यंत ही गौरवशाली इतिहास रहा है। आजादी के समय जम्मू कश्मीर में कबाईली हमलों से मुकाबला करने में, हैदाराबाद में ऑपरेशन पोलो में, दक्षिण के भाषाई आंदोलन में, गोआ के स्वतंत्रता संग्राम में, नार्थ ईस्ट में नागालैंड व त्रिपूरा में, पंजाब व जम्मू कश्मीर के आतंकवाद में सभी स्थानों पर मध्यप्रदेश पुलिस के जाबांज जवानों व अधिकारियों ने देश की आंतरिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सक्‍सेना ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस में अपनी सेवा यात्रा को याद करते हुए मैं गर्व और संतोष का अनुभव कर रहा हूं। यह एक ऐसी यात्रा रही, जिसमें चुनौतियां थीं, कठिनाइयां थीं, लेकिन उससे भी कहीं अधिक सीखने, सहयोग करने और जनसाधारण की सेवा करने के लिए योगदान देने के अवसर थे।

उन्‍होने कहा कि आज का यह विशेष दिन मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ है। एक ओर, मध्यप्रदेश पुलिस परिवार के साथ बिताए गए अनमोल पलों की स्मृतियां हैं, वहीं दूसरी ओर, इस महान सेवा से विदा लेने का क्षण। मैं इस विदाई समारोह के आयोजन और आप सभी की उपस्थिति के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

मध्यप्रदेश पुलिस के महानिदेशक के रूप में लगभग पौने तीन साल के कार्यकाल में पूरे पुलिस बल ने जो आत्मीयता, सहयोग व सम्मान मुझे दिया वह मेरे लिये एक धरोहर है और सदैव अविस्मरणीय रहेगा। चाहे पुलिस मुख्यालय की विभिन्न शाखाओं के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकगण व उनके अधिनस्थ अधिकारी व कर्मचारी हों या विभिन्न मैदानी इकाईयों के अधिकारी व कर्मचारी हों, सभी ने पूर्ण समर्पण व कर्तव्य निष्ठा से कार्य करते हुये प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाये रखने में उल्लेखनीय कार्य किया व सफलता के कई प्रतिमान स्थापित किये।

मैने प्रदेश व देश में अनेक स्थानों पर विभिन्न पदों पर अपनी सेवायें दी हैं किन्तु मैं पूरी जिम्मेंदारी से यह कहने का सौभाग्य मानता हूं कि मध्यप्रदेश पुलिस सर्वोत्तम है। मध्यप्रदेश पुलिस की कर्मठता, लगन, निष्ठा, ईमानदारी और अनुशासन को मैं नमन करता हूं।

विधान सभा चुनाव, लोक सभा चुनाव, पंचायत व नगरीय निकायों के चुनाव तथा कई उपचुनाव को स्वतंत्र निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराना एक बहुत बड़ी चुनौती थी, जिसका आप सभी लोगों ने बहुत सफलतापूर्वक सामना किया एवं आपके द्वारा जिस कुशलता से इस जिम्मेदारी का निर्वहन किया गया उसकी चुनाव आयोग सहित सभी ओर सराहना की गई। ग्वालियर चम्बल जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में बिना किसी घटना के चुनाव संपन्न हो जाना एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धि रही।

प्रदेश में विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजन व पर्व लगातार हुए जिनमें लाखों श्रद्धालूओं ने पूरे उत्साह से भाग लिया। प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा इन आयोजनों के दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील रहता है, लेकिन इन सभी आयोजनों व पर्वो को पूर्ण सांप्रदायिक सद्भाव के साथ संपन्न कराने का कार्य सभी मैदानी इकाईयों द्वारा अत्यंत कुशलता से किया गया। पिछले कुछ वर्षो में नक्सलवाद के विरूद्ध मध्यप्रदेश पुलिस ने अभूतपूर्व सफलतायें प्राप्त की हैं। पिछले लगभग ढाई वर्षों में पुलिस मुठभेड़ में मारे गये नक्सलियों की संख्या, उससे पिछले 25 वर्ष में धराशायी किये गये नक्सलियों की कुल संख्या से अधिक है। इन पर लगभग 3 करोड़ रूपये से अधिक का इनाम था। पहली बार मध्यप्रदेश पुलिस ने डिवीजनल कमेटी स्तर के नक्सलियों को धराशायी किया गया तथा पहली बार एके-47 जैसे हथियार बरामद किये गये। कई इनामी नक्सलियों को भी गिरफ्तार भी किया गया। नक्सलियों की अवैध वसूली पर भी प्रभावी रोक लगाई गई। हमारे प्रयासों से हाक फोर्स के लिये जो विशेष भत्ता राज्य शासन ने स्वीकृत किया उससे हाक फोर्स के मनोबल में आशातीत वृद्धि हुई। साथ ही नक्सल मुठभेड़ों में जांबाज प्रदर्शन करने के फलस्वरूप लगभग 262 जवानों को कम से पूर्व पदोन्नति दी गई। नक्सल प्रभावित जिलों में विशेष सहयोगी दस्तों का गठन किया गया। मध्यप्रदेश एटीएस ने राष्ट्र विरोधी व आतंकवादी तत्वों के विरूद्ध अत्यंत ही प्रभावी कार्यवाही की। मार्च 2022 में भोपाल में जेएमबी के माड्यूल को ध्वस्त करना एक ऐसी जोखिम भरी उल्लेखनीय कार्यवाही थी, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा की गई। मध्यप्रदेश पुलिस की कार्यवाही के आधार पर पूरे देश के विभिन्न राज्यों में भी कार्यवाही हुई। इसके अतिरिक्त एचयूटी के माड्यूल को ध्वस्त करना, पीएफआई के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करना भी मध्यप्रदेश एटीएस की कार्य कुशलता का द्योतक रहा। प्रधान मंत्री के प्रेरणादायी नेतृत्व में इस वर्ष दंड के स्थान पर न्याय पर आधारित तीन नये कानूनों को लागू किया गया। मध्यप्रदेश पुलिस इन कानूनों को लागू करने में अग्रणी रही । लगभग 80 हजार लोगों को सफलतापूर्वक ट्रेनिंग दी गई तथा बिना किसी समस्या के आज पूरी मध्यप्रदेश पुलिस इन कानूनों का सफलतापूर्वक उपयोग कर रही है।

आज के डिजिटल युग में टेक्नोलॉजी का उपयोग पुलिस के लिये अत्यंत आवश्यक है। मध्यप्रदेश पुलिस इसमें अग्रणी है। डिजिटल समंस प्रणाली लागू करने वाला मध्यप्रदेश भारत का पहला राज्य है जो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों के अनुसार ईमेल, व्हाटसएप और टेक्स्ट संदेशों सहित इलेक्ट्रानिक तरीकों से समंस तामील करा रहा है। अब तक लगभग 2 लाख से अधिक समंस डिजिटली तामील हो चुके हैं।

आईसीजेएस और सीसीटीएनएस के उपयोग में प्रदेश पुलिस के उल्लेखनीय कार्य को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई तथा लगातार इसमें प्रदेश पुलिस को पुरुस्कार प्राप्त हो रहे हैं। ई-विवेचना, ई-रक्षक एप, ई-एफआईआर, ऑनलाइन चरित्र सत्यापन, ऑनलाइन पासपोर्ट वेरिफिकेशन जैसी सुविधायें आम नागरिकों को उपलब्ध कराई जा रही है।

महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम और अपराधियों की दोषसिद्धि को मध्यप्रदेश पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा गया। हम महिलाओं और कमजोर वर्गों के नागरिकों को एक सुरक्षित, भय मुक्त वातावरण देने में सफल हुए हैं। महिलाओं और बालिकाओं को केंद्र बिंदु में रखते हुए उनकी सुरक्षा की दिशा में हमने विभिन्न कार्यक्रम एवं ऑपरेशन चलाये। इनमें ‘ऑपरेशन स्वयं सिद्धा” के अंतर्गत छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण। “ऑपरेशन एहसास” के अंतर्गत बालक बालिकाओं को “गुड टच बेड टच’ संबंधी आवश्यक जागरूकता। “ऑपरेशन मुस्कान” के अंतर्गत लापता बालक-बालिकाओं को तलाश कर उनके माता-पिता से मिलाना “ऑपरेशन हेल्पिंग हैंड” के अंतर्गत परित्यक्त महिलाओं को जीवन-यापन के लिए आवश्यक धनराशि हेतु न्यायालय के आदेश का प्रभावी क्रियान्वयन, मानव दुव्यापार के विरूद्ध चेतना अभियान तथा बालकों को संवेदनशील बनाने के लिये “हम होंगे कामयाब अभियान” उल्लेखनीय रहे हैं।

माननीय मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की पुलिस विभाग के प्रति अत्यंत संवेदनशीलता व सहृदयता है तथा पुलिस की आवश्यकताओं के प्रति अत्यंत सकारात्मक दृष्टिकोण है। पुलिस बल भी माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशों तथा शासन की प्राथमिकताओं के जमीनी स्तर पर क्रियांवयन के प्रति संवेदनशील है तथा इस दिशा में प्रदेश पुलिस ने पूर्ण मनोयोग से कार्य किया है। धार्मिक स्थानों पर अनियंत्रित ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग को रोकना, पूरे प्रदेश में थानों की सीमाओं का पुर्ननिर्धारण करना, पुलिस जनसंवाद करना, आदतन अपराधियों की जमानतों का निरस्तीकरण, त्वरित व समय पर पदोन्नतियां प्रदान करना आदि सभी निर्देशों का मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा पूर्ण रूपेण पालन किया गया है।

प्रदेश के विशाल पुलिस परिवार के प्रत्येक सदस्य के मनोबल और उत्साह को बनाए रखकर उनके कल्याण के लिए हम सभी कृत संकल्पित हैं। उनके परिवार की देखभाल एवं उनके सर्वांगीण विकास को अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानकर हमने कार्य करने का प्रयास किया है। इसी दृष्टि से पुलिस परिवार के बच्चों के कैरियर मार्गदर्शन हेतु प्रत्येक जिलें व बटालियन में दिशा लर्निंग सेंटर स्थापित किये गये हैं, जहां हमारे पुलिस के हजारों बच्चों प्रतिदिन एक अच्छे वातावरण में लगन व मेहनत से पढ़ाई व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इस प्रयास को ओर उपयोगी बनाने के लिये हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा दिशा लर्निंग एप का शुभारंभ किया गया है।

पुलिस परिवार की सदस्यों विशेषकर महिलाओं व बेटियों की कार्यक्षमता का उन्नयन और कौशल का विकास कर उनके स्वावलंबन व आर्थिक उन्नयन हेतु सुगम वातावरण प्रदान करने के लिये “धृति पुलिस परिवार कल्याण केन्द्र” की स्थापना की गई है तथा इसके लिये एक संगठनात्मक संरचना भी विकसित की गई है। पुलिस परिवार की कई महिलाओं द्वारा धृति के अंतर्गत निर्मित उत्पादों को दिल्ली, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, खजुराहों, देवास आदि स्थानों पर प्रदर्शिनियों में स्टाल लगाकर रखा गया है तथा इससे महिलाओं का आर्थिक विकास भी हो रहा है। हाल ही में पचमढ़ी तथा भोपाल में धृति विक्रय केन्द्र भी स्थापित किये गये हैं। मैं आशा करता हूं कि यह प्रयोग पुलिस परिवारों के लिये भविष्य में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।

पुलिस परिवारों को उत्तम स्वास्थ्य सेवायें प्रदान हमारा कर्तव्य हैं। मैं माननीय मुख्यमंत्री जी का आभारी हूं कि भोपाल में 50 बेड के पुलिस अस्पताल का शुभारंभ उनकी व्यक्तिगत रूचि के कारण ही हो सका। यह अस्पताल पुलिस कर्मियों को स्वस्थ्य रखने की दिशा में निश्चित ही मील का पत्थर सिद्ध होगा।

मुझे इस बात का भी संतोष है कि हमारे प्रयासों से पुलिस कर्मियों के लिये पेट्रोल भत्ता, एसएएफ के लिये विशेष भत्ता, पोष्टिक आहार भत्ता, निःशुल्क भोजन भत्ते की दर व वर्दी भत्तें में बढ़ोत्तरी राज्य शासन के सकारात्मक दृष्टिकोण से संभव हो सकी। साथ ही हमारे राज्य पुलिस सेवा के साथियों के लिये पंचम वेतनमान की स्वीकृति भी संतोष का विषय रही।

अंत में पुलिस महानिदेशक सक्‍सैना ने कहा कि मैं पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश के रूप में श्री कैलाश मकवाणा की नियुक्ति पर मध्यप्रदेश पुलिस को बधाई देता हूं। मैं आशा करता हूं कि जो स्नेह व सहयोग आप सभी ने मुझे दिया वह उन्हें भी प्राप्त होता रहेगा। वे एक अत्यंत ही ईमानदार, कर्तव्य निष्ठ व व्यवसायिक रूप से दक्ष अधिकारी हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश पुलिस नई उंचाईयों को छूएगी तथा नई दिशा व दृष्टि के साथ उच्च मनोबल से सराबोर होकर आगे बढ़ेगी। मैं उन्हें बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

विदाई परेड के पश्चात डीजीपी सुधीर सक्सेना पुलिस मुख्यालय पहुंचे जहां उन्होंने नवनियुक्त डीजीपी कैलाश मकवाना को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए बेटन सौंपा।

 

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