पुलिस कमिश्नर ने थाना हबीबगंज से किया शुभारंभ
अब 5 लाख तक की ठगी की शिकायत संबंधित थानों में होगी
भोपाल में आज साइबर हेल्प डेस्क की शुरुआत हो गई है जिसका शुभारंभ भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र द्वारा किया गया कमिश्नर द्वारा थाना हबीबगंज से इसकी शुरुआत की गई। इस अवसर पर भोपाल एडिशनल कमिश्नर एवं भोपाल के सभी डीसीपी एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे। देशभर में साइबर फ्रॉड के मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं इसी को देखते हुए भोपाल पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। भोपाल में साइबर फ्रॉड से ठगी के शिकार अब अपने क्षेत्र के थाने में शिकायत दर्ज कर सकता है। एक दिसंबर रविवार से भोपाल के 37 थानों में ‘साइबर हेल्प डेस्क’ शुरुआत हो गई है जिसमें पीड़ित 5 लाख तक की धोखाधड़ी, ठगी की शिकायत करा सकता है। हेल्प डेस्क में 400 पुलिसकर्मियों को लोगों की मदद के लिए तैनात किया गया है।
भोपाल के सभी थानों में साइबर डेस्क शुरू
पुलिस कमिश्नर ने थाना हबीबगंज से साइबर सहायता डेस्क का किया उद्घाटन
भोपाल मध्य प्रदेश का ऐसा जिला बन गया है जहाँ पर आज से सभी थानों में हेल्प डेस्क की शुरुआत हो गई है
अब नागरिक कर सकेंगे अपने निवास के नजदीकी थाना पर ही साइबर फ्रॉड की शिकायत
पाँच लाख तक के फ्रॉड के आवेदन लिए जाएंगे थाना हेल्प डेस्क पर
हेल्प डेस्क पर साइबर फ्रॉड की शिकायत आवेदन लेने के साथ साथ इन पर त्वरित अनुसंधान भी
शिकायत जाँच / अनुसंधान के लिए प्रत्येक थाने में 10 से अधिक कर्मचारियों को किया गया प्रशिक्षित
संपूर्ण कमीशनरेट ने अन्तर्गत 500 से अधिक कर्मचारी क्राइम ब्रांच की सायबर शाखा द्वारा प्रशिक्षित
प्रत्येक डीसीपी स्तर के अलावा सभी थानों की होगी अपनी अपनी टेक्निकल सेल
एक अनुसंधान में दक्षता के लिए तकनीकी रूप से किया गया सक्षम
भोपाल। पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पंकज श्रीवास्तव, पुलिस उपायुक्त अपराध अखिल पटेल, पुलिस उपायुक्त जोन-01 प्रियंका शुक्ला, पुलिस उपायुक्त जोन-02 संजय अग्रवाल, पुलिस उपायुक्त जोन-03 रियाज इकबाल, पुलिस उपायुक्त जोन-04 संजय सिंह पवार पुलिस उपायुक्त मुख्यालय श्रद्धा तिवारी, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अपराध शैलेन्द्र सिंह चौहान, अतिरिक्तः पुलिस उपायुक्त रश्मि अग्रवाल की उपस्थिति में आज सुबह हबीबगंज थाना में साइबर सहायता डेस्क की शुरुआत की गई । इस कार्यक्रम में कमिश्नरेट के अन्य सभी अधिकारी भी उपस्थित रहे। 1 दिसंबर से भोपाल में सायबर हेल्प डेस्क ने विधिवत् कार्य करना प्रारम्भ कर दिया हैं। पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्र द्वारा सायबर डेस्क का उद्घाटन हबीबगंज थाने से किया गया। इस अवसर पर कमिश्ररेट के सभी वरिष्ठ अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी भी उपस्थित थे। इस दौरान थाने पर सायबर फ्राड के पीड़ितों की शिकायत भी दर्ज की गई।
भोपाल म.प्र. का ऐसा जिला बन गया हैं जहां पर आज से सभी थानों में सायबर हेल्प डेस्क कार्य करने की शुरुआत हो गई है। पहले अधिकांश शिकायते सायबर सेल में की जाती थी। इस प्रक्रिया से सभी नागरिकों को अपने निवास के नजदीकी थाने में ही शिकायत करने में सहूलियत होगी। इससे समय की बचत तो होगी ही साथ ही साथ पैसा फ्रीज करने की और जांच प्रक्रिया भी ठीक से प्रारंभ हो सकेगी।
पांच लाख तक की फ्राड राशि के शिकायत आवेदन पर जांच की कार्यवाही संबंधित थाने द्वारा की जावेगी। जबकि 5 लाख से अधिक के अपराध के आवेदन सायबर क्राइम में दिए जा सकेंगे। सायबर सहायता डेस्क प्रारंभ करने के पूर्व सभी थाने को जांच की प्रक्रिया में प्रशिक्षित किया गया हैं। एक सप्ताह का सायबर अनुसंधान का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसके माध्यम से एसीपी से लेकर आरक्षक स्तर के सभी कर्मचारियों को इसमें प्रशिक्षित किया गया है। इस तरह प्रत्येक थाने से 10 से अधिक कर्मचारी प्रशिक्षित किए गए थे। कमिश्ररेट के अंतर्गत लगभग 500 कर्मचारी सायबर फ्राड की शिकायत एवं अनुसंधान में प्रशिक्षित किए जा चुके हैं।
आवेदक से क्या-क्या जानकारी प्राप्त करनी हैं और टैलीकॉम कंपनी व बैंको से किस तरह पत्राचार किया जाना हैं का विस्तृत रूप से प्रशिक्षण दिया गया था। इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया से संबंधित शिकायतों पर फेसबुक, इस्टाग्राम, टेलीग्राम, गूगल, जीमेल इत्यादि से पत्राचार की प्रक्रिया समझाई गई थी। थानों की सायबर डेस्क को जांच एवं विवेचना में क्षमतावान बनाने के लिए प्रत्येक धाने की टेक्निकल सेल भी बनाई जा रही हैं। पूर्व में भी टेक्निकल सेल डीसीपी कार्यालय में काम करती थी। थाना स्तर पर टेक्निकल सेल बनाने से थानों की विश्लेशण क्षमता बढ़ेगी इससे शिकायतों के निराकरण एवं अपराधियों की धरपकड़ में तेजी आएगी। थाने की हेल्प डेस्क द्वारा NCCPR- cyber crime पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जा रही है। एवं CIER PORTAL पर गुम मोबाइल के आवेदन थाना स्तर पर किए जा रहे हैं। पीड़ित स्वयं भी गुम मोबाइल का आवेदन पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं। JMIS Portal के समन्वय द्वारा अन्य राज्यों में नोटिस तामिल किए जा सकेंगे। संदेही मोबाइल नं एवं खाता नं से अन्य राज्यों में किए जाने वाले अपराध एवं गिरफ्तारियों की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगीं। आई-9 साफ्टवेयर द्वारा तकनीकि विश्लेषण किया जा सकेगा।