एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह संकाय और छात्रों के बीच अकादमिक उत्कृष्टता और ज्ञान-साझाकरण की संस्कृति को सदैव बढ़ावा देते रहते हैं। उनके मार्गदर्शन में, एम्स भोपाल ने विभिन्न शैक्षणिक मंचों पर उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। विभिन्न सम्मेलनों और कार्यशालाओं में संकाय सदस्यों की भागीदारी न केवल उनके कौशल को बढ़ाती है बल्कि उन्हें नवीनतम प्रगति के साथ अद्यतन भी रखती है। हाल ही में एम्स भोपाल के बर्न्स एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) मनाल मोहम्मद खान और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गौरव चतुर्वेदी ने बर्मिंघम, यूके में आयोजित 22वें इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर बर्न इंजरी कांग्रेस और ब्रिटिश बर्न एसोसिएशन की 55वीं वार्षिक बैठक में अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए। इस सम्मेलन में दुनिया भर से आए 1500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
प्रो. (डॉ.) मनाल मोहम्मद खान ने अपने शोधपत्र ऑप्टिमाइज़िंग सर्जिकल मैनेजमेंट ऑफ पोस्ट बर्न नेक कॉन्ट्रैक्टर ए स्ट्रक्वर्ड अल्गोरिथम एप्रोच” में एम्स भोपाल में इलाज किए गए मरीजों के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि अग्नि दुर्घटनाओं में मरीज की गर्दन के जलने के कारण उत्पन्न हुए संकुचन के इलाज के लिए एल्गोरिथ्म आधारित दृष्टिकोण से सर्जरी की प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सकता है और मरीज जल्दी ठीक होता है। डॉ. गौरव चतुर्वेदी ने ‘हाई वोल्टेज बिजली के कारण जलने से हुई चोट में माइक्रोसर्जिकल रिकन्सट्रक्शन के द्वारा मरीज के इलाज” विषय पर अपना पत्र प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति में उन्होंने एम्स भोपाल में किए गए सफल माइक्रोसर्जिकल मामलों के आधार पर गंभीर रूप से बिजली से जलने के कारण होने वाली चोटों के इलाज के नवीनतम तरीकों पर चर्चा की।
प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने एम्स भोपाल के अंतर्राष्ट्रीय मंच पर योगदान पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, ‘एम्स भोपाल अपने उत्कृष्ट चिकित्सकीय प्रयासों और अनुसंधान के माध्यम से वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। हमारे विशेषज्ञों द्वारा साझा किए गये विचार अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा समुदाय को लाभान्वित करेंगे और यह हमारे संस्थान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।”