एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ) अजय सिंह के मार्गदर्शन में शनिवार को एनेस्थीसिया विभाग द्वारा अंगदान दिवस के अवसर पर एक नाटक का आयोजन किया गया । अंगदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एनेस्थीसिया विभाग द्वारा एक नुक्कड़ नाटक आयोजित किया गया। इस नाटक को एमबीबीएस के छात्रों, नर्सिंग स्टॉफ और डॉक्टरों द्वारा प्रस्तुत किया गया। भारत में प्रतिवर्ष 7.5 लाख किडनी टांसप्लांट की आवश्यकता होती है। जबकि केवल 11 हजार किडनी ही अंगदान के द्वारा मिल पाती हैं। ऐसे में अंगदान के लिए जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि अधिक लोगों को पुनर्जीवन दिया जा सके। इस समय भारत में डायलिसिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिसमें रक्त का शुद्धिकरण किया जाता है। इसका स्थाई समाधान तभी हो सकता है जब लोग अपनी किडनी दान करें। अंगदान के द्वारा मृत्यु के पश्चात भी व्यक्ति का अंग किसी दूसरे के शरीर में जीवित रहता है, यानि उस अंग को एक नया जीवन मिलता है। प्रो. (डॉ) अजय सिंह ने कहा कि अंगदान न केवल एक व्यक्ति को जीवन देता है, बल्कि एक पूरे परिवार को जीवन देता है। एम्स भोपाल इस प्रकार के आयोजन कर देश और प्रदेश में अंग प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी कार्यक्रम चला रहा है।