भोपाल। बॉक्स लगाओ गोरैया बचाओ संस्था ने गुरुवार को नीलबड़ स्तिथ गोल्डन आई रेस्टोरेंट में गौरैया सरंक्षण के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें कक्षा एक से कक्षा आठ तक के बच्चो ने भाग लिया। इस दौरान बच्चो को गौरैया सरंक्षण के बारे मैं विस्तार से जानकारी दी गई। बच्चों को बताया गया की, कैसे जूते के खाली बॉक्स के माध्यम से गौरैया को बचाया जा सकता है।
इस कार्यशाला का आयोजन सोहम ममता द्वारा किया गया था। आए हुए सभी बच्चो ने गौरैया के बॉक्स मैं सुंदर चित्रकारी की। इस अवसर पर सोहम ममतानी द्वारा गौरैया सरंक्षण पर एक व्याख्यान भी दिया गया, साथ ही अन्य बच्चो ने कविता के माध्यम से गौरैया चिड़िया पर अपने विचार सुनाए। बॉक्स लगाओ गौरैया बचाओ के सचिव अर्जुन कुमार ने बच्चो को गौरैया चिड़िया के महत्व के बारे में समझाया की कैसे यह छोटी सी चिड़िया हमारे लिए उपयोगी है। उन्होंने बच्चों को बताया की, गौरैया किसान मित्र है। किसानों की फसलों मैं जो कीट पतंगे होते है वह उनको खा जाती है, जिसके कारण किसानों को हानिकारक कीट नाशक दवाइयों का उपयोग नहीं करना पड़ता है। लेकिन अब इसकी आबादी बहुत कम हो गई है, इसलिए किसान कीटनाशक दवाइयों का उपयोग बहुत कर रहें है। इस वजह से बहुत सी बिमारिया हो रही है।
इस कार्यक्रम के मुखिया अतिथि दुर्गेश केशवानी ने बच्चो को पर्यावरण के महत्व से संबधित जानकारी दी, साथ ही गौरैया सरंक्षण अभियान की जरूरत क्यों है इसकी विस्तार से जानकारी बच्चो को बताई। दुर्गेश केशवानी ने बच्चों को उपहार में जूते के बॉक्स वितरित किए, साथ ही सबको शपथ दिलाई की सभी बच्चे अपने घर में एक गौरैया का बॉक्स लगाएंगे। उन्होंने ने विशेष रूप से हरीश ममतानी का धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में अधिवक्ता सुनील जैन, संदीप शर्मा उपस्थित थे। सहयोगी के रूप में प्रशांत शुक्ला नित्य ठाकुर, सोहम ममतानी का योगदान प्रमुख रहा।