कायस्थ महासभा द्वारा देशभर में विभिन्न सेवा कार्यक्रम का किया जायेगा आयोजन
नरेला विधानसभा में होंगे निःशुल्क चिकित्सा व रक्तदान शिविर समेत अनेक सेवा कार्य
सुखदेव सिंह अरोड़ा,भोपाल।
सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के आवाह्न पर भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व राज्यसभा सांसद स्व. कैलाश नारायण सारंग की जयंती 2 जून को देशभर में सेवा दिवस के रूप में मनाया जायेगा। इस अवसर पर कायस्थ महासभा द्वारा देश भर में उनकी जयंती पर रक्तदान, चिकित्सा शिविर, राशन वितरण सहित विभिन्न सेवा कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। मंत्री सारंग ने कहा कि पूज्य पिता जी स्व. कैलाश सारंग ने अपना संपूर्ण जीवन जनता की सेवा में समर्पित किया। उनके विचार और आदर्श सदैव मानव के कल्याण के लिये प्रेरित करते हैं। इसीलिये उनकी जयंती के अवसर पर समाज में सेवा का सकारात्मक संदेश देने के उद्देश्य से देशभर में विभिन्न सेवा कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
कायस्थ महासभा द्वारा देशभर में विभिन्न सेवा कार्यक्रम का किया जायेगा आयोजन
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के संस्थापक सदस्य स्व. कैलाश नारायण सारंग की जयंती के अवसर पर कायस्थ समाज द्वारा देशभर में विभिन्न स्थानों पर रक्तदान, चिकित्सा शिविर, राशन वितरण व वृक्षारोपण समेत अनेक सेवा कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। समाज द्वारा भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भोजन वितरण, आनंद धाम वृद्धाश्रम में वृद्धजनों का सम्मान व भोजन वितरण किया जायेगा।
नरेला विधानसभा में होंगे निःशुल्क चिकित्सा व रक्तदान शिविर समेत अनेक सेवा कार्य
स्व. कैलाश नारायण सारंग की जयंती के अवसर पर नरेला विधानसभा के सभी 17 वार्डों में भीषण गर्मी से राहत के लिये प्रमुख चौराहों पर प्याऊ लगाये जायेंगे। प्रातः 9 बजे से सभी वार्डों में राहगीरों में शरबत व खिचड़ी का वितरण किया जायेगा। इसके साथ ही नरेला विधानसभा अंतर्गत वार्ड 59 में निःशुल्क चिकित्सा शिविर, वार्ड 69 में वृक्षारोपण, वार्ड 79 में रक्तदान शिविर, वार्ड 37 में फल व शरबत वितरण, वार्ड 70 में सुंदर कांड, प्रसाद व शरबत वितरण, वार्ड 38, 39 एवं 40 में सुंदरकांड व प्रसादी वितरण, वार्ड 37 में बच्चों में फल व खिलौनों का वितरण भी किया जायेगा।
स्व. कैलाश सारंग ने प्रारंभ किये जनसेवा के अनेक प्रकल्प
मंत्री सारंग ने बताया कि पूज्य पिताजी स्व. कैलाश सारंग ने बुजुर्गों को सम्मान देने के लिए पैतृक गाँव बरेली में वृद्धाश्रम की स्थापना की थी। इस वृद्धाश्रम में ऐसे बुजुर्गों को रखा जाता है जो बेसहारा हों और वे ससम्मान अपने अंतिम पड़ाव को जी सकें। इसके साथ ही उन्होंने नर्मदा तट स्थित ग्राम घाटपिपरिया तहसील बरेली, जिला रायसेन में नर्मदा परिक्रमावासियों के लिये आश्रम भी स्थापना की। आश्रम में परिक्रमावासियों के ठहरने, सूखे राशन व भोजन पकाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा प्रारंभ किये गये अनेक सभी सेवा प्रकल्प आज भी अनवरत संचालित हैं।