एक कर्मयोगी की तरह सतत् जनसेवा में लगे रहने वाले डॉ. नरोत्तम मिश्रा लोकप्रिय राजनेता की छवि रखते हैं। वहीं, वह अपनी पार्टीं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की बिरादरी में एक सहज और सरल व्यक्तित्व के रूप में उनके हर सुख-दुःख में उनके साथ खड़े रहते हैं। अपनी मोहक मुस्कान से सबको मोह लेने वाले, अपनी वाकपटुता और चातुर्य से राजनीतिक विरोधियों को चारों खाने कैसे चित करते है यह डॉ. मिश्रा के व्यक्तित्व में साफ नजर आता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आजीवन स्वयंसेवक और भारतीय जनता पार्टी के एक समर्पित, कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता के रूप में डॉ.मिश्रा लगातार कर्मयोगी की तरह जीवन के पथ पर अग्रसर है।
मध्यप्रदेश की राजनीति में लोकप्रियता हासिल करने वाले डॉ. नरोत्तम मिश्रा पूरे प्रदेश में एक लोकप्रिय नेता बनकर उभरे हैं। डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश की राजनीति में अपनी कुशल वाकपटुता के आधार पर एक अलग पहचान बनाई है। उनके हाजिर जवाब को शायराना अंदाज की वजह से लोग उन्हें काफी पसंद करते हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि पार्टी का कार्यकर्ता संगठन का श्रृंगार है। कार्यकर्ता आधारित पार्टी नारा नहीं एक सच्चाई है और वह कार्यकर्ता पार्टी का मेरूदण्ड बनकर संगठन को सर्वस्पर्षी, सर्वग्राही बनाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने संगठन में अपनी संगठन क्षमता से कार्यकर्ता को अपना मुरीद तो बनाया ही अपने को कार्यकर्ता का सखा, मित्र और मार्गदर्षक भी साबित किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं के बीच सद्भाव का सेतु बनने का कार्य किया है।
नर सेवा को ही नारायण सेवा समझने वाले डॉ. नरोत्तम मिश्रा को ऐसे ही लोग अदम्य साहस और शौर्य का प्रतीक नहीं कहते है। जनता की सेवा में हमेशा तत्पर रहने वाले डॉ. नरोत्तम मिश्रा की वह तस्वीर कभी नहीं भुलाई जा सकती। मंत्री रहते हुए जब वह बाढ़ में फंसे लोगो को बचाने के लिए खुद ही अपने प्राणों की परवाह किए बिना बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में लोगों को बचाने के लिए उतर जाते है। सरकार में मंत्री होने के नाते दतिया जिले में वह हवाई दौरा करने के दौरान जब उन्होंने कोटरा गांव के एक घर की छत पर कुछ लोगों को फंसे हुए देखा तो खुद लोगो को बचाने के लिये नाव से निकल गए। जिसके बाद वहां से सभी को एयरलिफ्ट कर हेलीकॉप्टर से सुरक्षित निकलवाया गया। उस समय उन्होंने तनिक भी अपने प्राणों की परवाह नहीं की और यह भी नहीं सोचा की उनकी इस दौरान जान भी जा सकती थी। यही उनका अदम्य साहस और शौर्य है जो उन्हें अन्य राजनीतिज्ञों से अलग बनाता है।
अपनी सरकार को बचाए रखना एक कुशल नेता के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। बात हम मध्यप्रदेश के परिपेक्ष में करें तो यहाँ एक नेता सबकी नज़रों में रहता है। जो न सिर्फ लोकतांत्रिक प्रणाली को समझते है बल्कि संसदीय ज्ञान में भी उनका कोई सानी नहीं है। जिनकी गिनती लोकतांत्रिक प्रणाली का ज्ञान रखने वाले उन पंडितों में होती है जो मुश्किलों में फंसी सरकार के लिए हमेशा संकटमोचन का काम करते रहे है। डॉ. नरोत्तम मिश्रा की गिनती प्रदेश की राजनीति में अपनी एक अलग धमक रखने वाले नेता के रूप में होती है। डॉ. नरोत्तम मिश्रा मध्यप्रदेश भाजपा के उन नेताओं में शुमार है जो केन्द्रीय नेतृत्व की नज़रों में अपनी विश्वानीयता रखते है। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी में मध्यप्रदेश से छह नेताओं को शामिल किया गया उनमें नरोत्तम मिश्रा का शामिल होना इस ओर इशारा करता है कि वह केन्द्रीय नेतृत्व के न सिर्फ करीब है बल्कि पार्टी की रीति और नीति को समझने के साथ ही पार्टी के उन विश्वस्त नेताओं में एक है जो वास्तव में अपनी पार्टी को माँ का दर्जा देता है। यह किसी से छुपा नहीं है कि 2018 में भाजपा की सरकार जाने के बाद भी पूरी सक्रियता से पार्टी और जनता के लिए काम करने वाले डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने किस तरह दोबारा प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
डॉ. नरोत्तम मिश्रा को भाजपा का संकटमोचक भी कहा जाता है। यही वजह है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान डॉ. नरोत्तम मिश्रा को भाजपा का हीरा और हीरो कहते थें। मिश्रा अपने आकर्षक परिधान की वजह से हमेशा चर्चा में रहते है। डॉ. मिश्रा जनमानस के कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहते हुए, जरूरतमंदों की मदद कर उनके दिलों में अपनी अलग ही छवि निर्मित की है। उन्हें सरकार में जो भी दायित्व मिला उन्होंने उस दायित्व को भी बुलंदियों पर पहुंचाया है। चाहे डॉ. मिश्रा स्वास्थ्य मंत्री रहे हों या जल संसाधन मंत्री या फिर वह जनसंपर्क मंत्री हर विभाग में उन्होंने मील का पत्थर गाढ़ा है। आज भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें सागर संभाग का कलस्टर प्रभारी व न्यू ज्वाइनिग टोली का प्रदेष संयोजक बनाया तब भी उन्होने ज्वाइनिंग में रिकार्ड तोड़कर अचंभित कर दिया है। डॉ. मिश्रा अपने माता-पिता से मिले अपने नाम को वास्तविकता में चरितार्थ कर रहे है यानि नरोत्तम जिसका मतलब होता है जो इस मनुष्य जाति में श्रेष्ठ और वह नर सेवा ही नारायण सेवा के जरिए उसे श्रेष्ठ बनाए हुए है।
लेखक- भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के प्रदेश प्रवक्ता है।