मालवा के बाद चंबल की वीदियो में शुक्ला के भजनों पर दांतों तले दबा ली लोगों ने उंगलियां
सुखदेव सिंह अरोड़ा,भिंड/ग्वालियर/भोपाल। देशभर के गांवों में श्री राम जन्म भूमि आंदोलन की अलख जगाने के लिए 90 के दशक में कोटि कोटि हिंदू जन का ज्वार उठा कर अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाने का काम हुआ था।
वही कांग्रेस मुक्त भारत को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी के विज़न पर भाजपा ने 10 वर्षों से देश में 60 साल बनाम मोदी सरकार के 10 वर्षों की तुलना के साथ विकास को ले कर विकसित भारत संकल्प यात्रा के बाद अब पूरे देश में गांव चलो अभियान शुरू किया है। एक रात गांव में गुजारने की पाबंदी लागू की गई है।
इस अभियान के तहत 10 वर्षों में गांवो के विकास की तस्वीर की झड़ती लेने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी सेना उतार दी है।
वही मध्यप्रदेश में इसअभियान में भारतीय धर्म, संस्कृति, अध्यात्म के दर्शन के साथ मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रियों का टैलेंट भी उभर कर आ रहा है।
वैसे मुखमंत्री डॉक्टर मोहन यादव एक कुशल पहलवान होने के साथ अखाड़े के बेहतरीन तलवारबाज भी है तो उनके मंत्रीमंडल में कई प्रतिभावान मंत्री भी है। जिनके अंदर बहुमुखी प्रतिभा (टैलेंट) छिपा हुआ है। मालवा प्रांत के बहुचर्चित भगवा धारी मंत्री की प्रतिभा से सभी वाकिफ है लेकिन इस गांव चलो अभियान में मध्यप्रदेश सरकार के एक मंत्री जो चंबल संभाग से आते है, चंबल जो बंदूकों की धाय धाय के लिए प्रसिद्ध रहा है। मंत्री राकेश शुक्ला ने इस अभियान के तहत ग्रामीण माहौल में शुद्ध ठेठ देहाती स्टाइल में भगवान के भजनों को गाते हुए अपनी आवाज का जादू बिखेर दिया।मंत्री राकेश शुक्ला जो चम्बल की वादियों के भिंड जिले के मेहगांव से आते है।
जब मंत्री शुक्ला ने अपने मुख से भजनों की झड़ी लगाई तो उपस्थित ग्रामीण जनो ने तले उंगली दांतो तले उंगली दबा ली।
वाक्या ये हुआ कि गांव चलो अभियान के तहत मंत्री शुक्ला अपनी विधानसभा के गांव सिरमी में रात बिताने के लिए शनिवार रात को डेरा डाला था वैसे राकेश शुक्ला ठेठ देहाती कल्चर के बीच पले-बड़े हुए है तो उनके रोम – रोम में ग्रामीण धर्म, संस्कृति, अध्यात्म कूट कूट कर भरा हुआ है। बीते शनिवार जहा उन्होंने इस अभियान में अथाई मंत्र ईजाद किया तो वही रात में भजनों की गंगा बहा कर साबित कर दिया कि उनके अंदर भी एक अच्छे भजन गायक का टैलेंट है। उन्होंने जब इस भजन की पंक्तियां, ढोल, मंजीरे करताल की ताल पर शुरू कि “मैने अब तेरे ही भरोसे हनुमान सागर में नैय्या डार दई….”सभी ग्रामीण जन इस भजन पर मोहित हो गए और कहने लगे हमारे मंत्री भी किसी भजन गायक से कमतर नहीं है।