विश्वास सारंग की मातृ-पितृ भक्ति का परिणाम है भोपाल में महाशिवपुराण कथा

पंड़ित मिश्रा ने देश को शिवमय बना दिया प्रदेश की बहन-बेटी पर कोई कोई गलत दृष्टि डालेगा तो उसे फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया जायेगा-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 

पांच दिवसीय महाशिवपुराण कथा के समापन अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने अपना आभार उद्बोधन देते हुए व्यासपीठ को प्रणाम करते हुए भोपालवासियों का और लाखों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया।

भोपाल सुखदेव सिंह अरोड़ा। स्व कैलाश प्रसून सारंग की स्मृति में आयोजित महाशिवपुराण की कथा सुनने आज विशाल जनसमुद्र उमड़ा तकरीबन 10 लाख श्रद्धालुओं ने कथा का अमृत पान किया। व्यासपीठ से पंड़ित प्रदीप मिश्रा ने उपस्थित लाखों भक्तों को संदेशित किया कि जिस तरह से हम शरीर के स्वास्थ्य की जानकारी की के लिए अपने रक्त की जॉच कराते हैं ठीक वैसे ही कभी-कभी अपनी भक्ति की भी जॉच कर लिया करो। व्यासपीठ से आशीर्वाद लेने आये मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने शिवमहिमा को अपरंपार बताते हुए महिला संरक्षण पर बल दिया| उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रदेश में किसी भी बहन-बेटी पर कोई गलत दृष्टि डालेगा तो उसे फॉसी के फंदे पर चढ़ा दिया जायेगा। प्रदेश में हमने ऐसा कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि राजनीति से लेकर अन्य क्षेत्रों में महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए 50 प्रतिशत महिला आरक्षण कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब प्रदेश की भी शराब दुकान के आस-पास कोई आहता संचालित नहीं होगा। हुक्का लाउंज बार भी पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मातृ-पितृ भक्ति की एक बड़ी मिसाल पेश की है जिसमें उन्होंने महाशिवपुराण कथा करायी जिससे सुनने लाखों श्रद्धालु जुटे। उन्होंने स्व. कैलाश नारायण सारंग और उनकी धर्मपत्नी स्व. प्रसून सारंग जी को याद किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि स्व. सारंग जी मेरे राजनैतिक गुरू रहे हैं उन्होंने मुझे राजनीति के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया।

व्यासपीठ पूजन व आरती में मध्यप्रदेश भा.ज.पा. अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, भा.ज.पा. संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, महामंत्री भगवानदास सबनानी, पूर्व सांसद-आलोक संजर, बी.डी.ए. उपाध्यक्ष-अनिल अग्रवाल,सावन सोनकर सहित बड़ी गणमान्यजनों ने भाग लिया।

पांच दिवसीय महाशिवपुराण कथा के समापन अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने अपना आभार उद्बोधन देते हुए व्यासपीठ को प्रणाम करते हुए भोपालवासियों का और लाखों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने महाशिवपुराण के आयोजन फलस्वरूप सदबुद्धि प्राप्ति और हर साल इसी तरह महाशिवपुराण की कथा आयोजन का आशीर्वाद मांगा। सारंग ने भावुक होकर व्यासपीठ एवं सभी श्रद्धालुओं से जाने-अनजाने हुई किसी तरह की त्रुटि के लिए क्षमा मांगी।

अपने रक्त की तरह कभी-कभी अपनी भक्ति की भी जॉच करा लिया करो

पंड़ित प्रदीप मिश्रा जी ने भक्तों को शिव भक्ति का मार्ग सुझाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह मनुष्य अपने शरीर में किसी तरह के रोग की जानकारी के लिए रक्त की जॉच कराता है उसी तरह अपने हृदय में भक्ति की जॉच भी करा लिया करें। इससे शिव भक्ति प्रबल होगी और तुम्हारा जीवन सुख-शांतिमय बन जायेगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य के रक्त की जॉच किसी डाक्टर द्वारा चिकित्सालय में होती है लेकिन भक्ति की जॉच के लिए हमें किसी गुरू की शरण में जाना होता है और महाशिवपुराण की कथा में भाग लेना होता है।

कवि और कथाकार में बहुत अंतर होता है

पंड़ित प्रदीप मिश्रा जी ने बताया कि एक कवि और एक कथाकार में बहुत बड़ा अंतर होता है। कवि अपनी वाणी और शब्दों से जनसमुदाय को रिझाता है, जबकी कथाकार भगवान शिव की कथा सुनाकर भगवान शंकर को रिझाता है और सबको उनके चरणों तक ले जाता है।

महाशिवपुराण की कथा 71 पीढ़ियों को तार देती है

पंड़ित मिश्रा ने महाशिवपुराण का विशेष महत्व समझाया उन्होंने बताया कि मनुष्य द्वारा किए जाने वाले सतकर्मो से एक-दो पीढ़ियां ही तर सकती हैं लेकिन महाशिवपुराण की कथा से 71 पीढ़ियां तर जाती हैं।

वृक्ष से बेल पत्र ही तोड़े, डालियां नहीं

पंड़ित प्रदीप मिश्रा जी ने ऐसे वृक्षों से बेल पत्र तोड़ने को कहा जो बहुत ऊंचे और बड़े हों। साथ ही वृक्षों की डालियां नहीं केवल वह बेल पत्र ही तोड़ें। छोटे पेड़ों से बेल पत्र तोड़कर शिवजी को कतई ना चढ़ाएं इससे शिव नाराज हो जाते हैं। जीवन में वृक्ष जरूर लगाएं हो सके तो किसी सड़क के किनारे बेल पत्र का पेड़ अवश्य लगायें। उन्होंने बताया कि बेल वृक्ष की छांव पड़ने से ही मनुष्य का कल्याण हो जाता है।

अनमोल वचन

• भक्ति जब फलित होती है तो वो एक का नहीं बल्कि अनेक का कल्याण करती है।

• गलत कार्यों में संलग्न रहने वाला देवराज ब्राह्मण इसलिए कैलाशवासी शिव के पास पहुंचा, क्योंकि उसकी मॉ भगवान शिव की भक्ति किया करती थी। इसलिए माताएं भी विशेष रूप से शिवभक्ति करें।

• जीवन में जब विपत्तियां आएं, उपद्रव घेरें तब किसी के पास नहीं बल्कि अपने आस-पड़ोस के शिव मंदिर जाएं।

• सात ताले में भी बंद हो जाओंगे तो भी मौत को नहीं रोक पाओगे।

• धरती पर ऐसा कोई धनपति नहीं है जो अपने बीते हुए समय को खरीद सके।

• शरीर की चोट मलहम से और मन की चोट में शिवमहापुराण कथा से मिटती है।

• राक्षसों की सिद्धी कुछ ही समय टिकती है लेकिन देवताओं की सिद्धी भले थोड़ी सी हो लंबे समय तक साथ रहती हैं।

• चेहरे की चमक क्रीम से नहीं अच्छे कर्म से बनती है।

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