आश्चर्य है आयोजक रोज पंड़ाल बढ़ा रहे हैं फिर भी उनमें लाखों श्रद्धालु नहीं समा रहे हैं-पंड़ित प्रदीप मिश्रा

कैलाश प्रसून सारंग का पुण्य फल है भोपाल में महाशिवपुराण कथा

अपने पुण्य से किसी जीव का कल्याण करें ये दुनिया की शायद पहली ऐसी कथा है जिसमें तपती धूप में लाखों श्रद्धालु आसन जमाएं हैं

भोपाल सुखदेव सिंह अरोड़ा। कैलाश प्रसून सारंग की स्मृति में भोपाल में आयोजित महाशिवपुराण कथा में आज चौथे दिवस विशाल जन समुद्र उमड़ा। यह उनके पुण्य फल का परिणाम है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु श्रौताओं के समूह को देखकर व्यासपीठ पर विराजित पंड़ित प्रदीप मिश्रा जी ने आष्चर्य जताया कि आयोजक रोज पंड़ाल बढ़ा रहे हैं फिर भी लाखों श्रद्धालु समा नहीं रहे हैं इससे लगता है कि भोपाल पर भगवान शंकर की असीम कृपा है। व्यासपीठ की पूजन अर्चना के उपरांत चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि यह भगवान शिव की बड़ी ही कृपा है जो इस शिवमहापुराण कथा के आयोजक के रूप में निमित्त बना।सारंग ने एक दर्जन से ज्यादा पंड़ालों में आसन जमाए लाखों श्रद्धालुओं से श्री कुवेरेष्वर धाम, श्री महाकाल, श्री केदारनाथ, श्री अमरनाथ और साथ में व्यासपीठ पर विराजित पंड़ित प्रदीप मिश्रा जी के नाम पर जयकारे लगवाये और तालियां बजवांई। कथा के चौथे दिन 9 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण किया। व्यासपीठ की पूजन व आरती में मध्यप्रदेश विधानसभा पूर्व अध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा, पूर्व सांसद-रघुनंदन शर्मा, वित्त मंत्री-जगदीश देवड़ा, विधायक-रामेष्वर शर्मा, सहित बड़ी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित रहे।आंखें खोलकर दूसरों में बुराई देखने से अच्छा है आंखें बंद कर के अपने में बुराईयां देखो

पंड़ित प्रदीप मिश्रा ने मनुष्य मात्र को बुराईयों से बचकर रहने को सचेत किया। उन्होंने कहा कि लोग दूसरों की बुराईयां आंखे खोलकर देखते हैं यह अच्छी आदत नहीं है। अच्छा होगा आंखे खोल कर दूसरों की बुराईयां देखने से आंखे बंद करके अपने अंदर की बुराईयां देखें और उनसे छुटकारा पाएं। महाषिवपुराण की कथा हमें हमारे अंदर की बुराईयो से मुक्ति दिलाती है।

जन्म मृत्यु के प्रपंच से बचना है तो भगवत नाम भजिए

यह संसार जन्म मृत्यु के प्रपंच से भरा है इससे मुक्ति से लिए भगवान श्रीराम, श्री कृष्ण का अथवा अन्य किसी भगवत अवतार का नाम जपिए इसी से हम प्रपंच मुक्त हो सकते हैं।

जवानी में किए गए पाप बुढ़ापे में नहीं धुल सकते

बढ़े ही आष्चर्य की बात है लोग जवानी में पाप करते हैं और बुढ़ापा आने पर पुण्य करने बैठ जाते हैं। यह बड़ी ही घातक प्रवृत्ति है, जरा सोचिए क्या जवानी में किए गए पाप बुढ़ापे में धुल सकते हैं! शायद कभी नहीं, अच्छा होगा हम जवानी में ही पुण्य करें। दुखियारों, गरीबों, और जरूरतमंदों के काम आएं।

अपने पुण्य दूसरों के कष्ट मिटाने में लगाएं

महाशिवपुराण की कथा कहाते हुए पंड़ित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि एक बार माता पार्वती ने भगवान शंकर से अपने सारे पुण्य फल उन्हें समर्पित करने की इच्छा जताई। तब भगवान शंकर ने कहा- हे देवी! अपने पुण्य उन लोगों के लिए समर्पित करों जो किसी तरह के कष्ट में हैं, दुखी हैं, अस्वस्थ्य हैं और गरीब हैं।

व्रत उपवास हो चाहे महामृत्युंजय का जप अनुष्ठान घर में सबको जानकारी देकर ही संपन्न करें

पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि घर में जो कोई महिला अथवा पुरूष भगवान शंकर के नाम व्रत उपवास रखे चाहे वो सोमवार व्रत हो अथवा पशुपति नाथ का व्रत इसकी जानकारी घर के सभी सदस्यों को जरूर दें साथ ही किसी तरह के कष्ट निवारण हेतु किसी ब्राहम्ण से महामृत्युंजय का जप अनुष्ठान कराएं तब भी इसकी जानकारी घर के सदस्यों को दें ताकि सभी के मन में किसी तरह का भेदभाव ना पनपे।

भविष्य, कूर्म और नंदी पुराण में वर्णित है अक्षत का महत्व

पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि भगवान को एक लोटा जल विल्व पत्र और अक्षत का एक दाना भी अर्पित करोगे उसका फल विषेष रूप से प्राप्त होता है। किसी के मस्तक पर तिलक के साथ अक्षत लगाने से भाग्य बदलता है। अक्षत के महत्व को भविष्य पुराण, कूर्म पुराण और नंदी पुराण में विषेष रूप से बताया गया है

सास डेंजर होती है- यह चित वृत्ति अनुचित है

अक्सर देखा जाता है कि जिस किसी भी युवती का विवाह होता है तो उसके मन में यह विचार आता है कि ससुराल में सास बड़ी डेंजर होती है। यह चित वृत्ति अनुचित है। क्योंकि जैसा हम सोचतें है वैसा ही हम देखतें हैं। क्यों ना यह सोचें कि जो भी होगा किस्मत से अच्छा ही होगा हम अपने अच्छे स्वभाव से बुरे को भी अच्छा बना लेंगे।

फेसबुक पर एक पोस्ट-पुत्र रत्न की प्राप्ति सभी मित्रों का आभार!

पंड़ित मिश्रा ने मोबाईल फेसबुक पर बिना सोचे समझे पोस्ट डालने पर आष्चर्य जताते हुए और कहा कि लोगों को कई बार यह भी ख्याल नहीं रहता कि जो कुछ हम अपनी पोस्ट में लिख रहें है उसका अर्थ क्या है, पंड़ित मिश्रा को उनके परिकर के लोगों ने फेसबुक पर एक पोस्ट दिखाई, जिसमें किसी सज्जन के यहां पुत्र रत्न की प्राप्ति पर उन्होंने लिखा पुत्र रत्न की प्राप्ति सभी मित्रों का आभार। अब हैं ना अपनी ही पोस्ट से अपनी ही खिल्ली उड़वाना। अरे भाई, कुछ लिखना ही है तो ऐसा लिखों की पुत्र रत्न की प्राप्ति और देवादि देव महादेव का आभार।

 

अनमोल वचन

• इस संसार में जन्म लिया है तो श्रीराम का नाम तो लेना ही पड़ेगा।

• जीवन के कुछ पल परमात्मा को समर्पित करो।

• दुख की घड़ी में कोई आए अथवा ना आए महामृत्युंजय महादेव जरूर आते हैं।

• नदियां, तालाब, कुआं, बावडियों को शुद्ध करने का संकल्प लीजिए।

• शंकर के भक्त तो बड़े अडभंगे हैं, वह भोजन छोड़ सकते हैं लेकिन षिव कथा का आसन नहीं छोड़ सकते।

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